Table of Contents
प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
समाचारों में प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022
- केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री (डेवलपमेंट ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रीजन/DoNER) ने प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 के दौरान पर्यटन से संबंधित विषयों पर विभिन्न चर्चाओं में भाग लिया।
- उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न पर्यटन संबंधी विषय -वस्तुओं तथा चर्चाओं के बारे में संबोधित किया जिसमें रिवर क्रूज़िंग एवं क्रूज़ पर्यटन की क्षमता: सफलता की कहानियां तथा गंतव्य विकास सम्मिलित थे।
प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022
- अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन के बारे में: दो दिवसीय अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन ने देश के क्रूज पर्यटन क्षेत्र में प्रचुर व्यावसायिक अवसरों का प्रदर्शन किया।
- उद्देश्य: अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन के निम्नलिखित हैं-
- भारत को क्रूज यात्रियों के लिए एक वांछित गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करना,
- क्षेत्रीय संपर्क पर प्रकाश डालना,
- प्रकाशस्तंभों जैसे नवीन स्थलों एवं आकर्षणों के निर्माण को प्रोत्साहन देना एवं
- क्रूज पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए भारत की तैयारियों के बारे में जानकारी का प्रसार करना।
- आयोजक मंत्रालय: प्रथम अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 का आयोजन बंदरगाह, जहाजरानी तथा जलमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
भारत में पर्यटन उद्योग- उठाए गए कदम
- पर्यटन मंत्रालय तथा जहाजरानी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से क्रूज पर्यटन पर एक समर्पित कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है।
- सागरिका: हाल ही में इसका उद्घाटन किया गया जो कोच्चि में अवस्थित एक अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल है। यह एक लाख से अधिक मेहमानों को अपनी सेवाएं प्रदान करेगा।
- केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्तीय सहायता योजना निम्नलिखित के लिए पर्यटन अवसंरचना विकास का समर्थन कर रही है-
- बंदरगाहों एवं क्रूज टर्मिनलों का विकास करना,
- प्रकाश स्तंभों का विकास,
- नौघाटों का क्रय एवं रिवर क्रूज परिपथ इत्यादि का विकास।
- केंद्रीय मंत्रालय तथा विभाग भी निम्नलिखित क्रियाकलापों में सम्मिलित हैं-
- नीतिगत ढांचे का विकास,
- अंतरराष्ट्रीय, घरेलू/तटीय तथा नदी क्रूज क्षेत्रों में क्रूज के प्रबंधन एवं संचालन के लिए एसओपी।
- पर्यटन आधारिक अवसंरचना के विकास हेतु तीन प्रमुख योजनाएं: स्वदेश दर्शन, प्रसाद एवं केंद्रीय वित्तीय सहायता भारत में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की तीन प्रमुख योजनाएं हैं।
स्वदेश दर्शन योजना
- स्वदेश दर्शन योजना के बारे में: स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 में थीम आधारित पर्यटक सर्किट के एकीकृत विकास हेतु प्रारंभ की गई केंद्रीय क्षेत्र की एक योजना है।
- स्वदेश दर्शन योजना पर्यटकों के अनुभवों को समृद्ध करने तथा अवसरों की संख्या में वृद्धि करने एवं कम ज्ञात स्थलों को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा की गई एक पहल है।
- मूल मंत्रालय: स्वदेश दर्शन योजना भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
- उद्देश्य: स्वदेश दर्शन योजना का उद्देश्य भारत में पर्यटन की क्षमता को बढ़ावा देना, विकसित करना तथा उसका दोहन करना है।
- वित्त पोषण: स्वदेश दर्शन योजना के तहत, पर्यटन मंत्रालय इस परिपथ के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- महत्व: स्वदेश दर्शन योजना की परिकल्पना अन्य योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया इत्यादि योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने हेतु पर्यटन क्षेत्र को निम्नलिखित की स्थापना के विचार से की गई है।
- रोजगार सृजन का एक प्रमुख इंजन,
- आर्थिक विकास की प्रेरक शक्ति,
- पर्यटन को अपनी क्षमता का अनुभव कराने हेतु विभिन्न क्षेत्रों के साथ सामंजस्य स्थापित करना।
प्रसाद/PRASHAD योजना
- प्रसाद योजना के बारे में: तीर्थयात्रा एवं विरासत स्थलों के समग्र विकास के विशेष उद्देश्य के साथ पर्यटन मंत्रालय द्वारा तीर्थयात्रा कायाकल्प एवं आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान ( नेशनल मिशन ऑनपिलग्राइमेज रिजूवनेशन एंड स्प्रिचुअल हेरिटेज ऑग्मेंटेशन ड्राइव/प्रसाद) योजना पर राष्ट्रीय मिशन प्रारंभ किया गया था।
- स्थलों का अभिनिर्धारण: इस अभियान के माध्यम से 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 57 पर्यटन स्थलों की पहचान की गई है।
- प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल- बोधगया, अजंता तथा एलोरा इत्यादि में बौद्ध स्थलों की पहचान प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए की गई है।





TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
