Home   »   UNCCD UPSC   »   India at COP 15 of UNCCD

यूएनसीसीडी के कॉप 15 में भारत

यूएनसीसीडी कॉप 15 यूपीएससी

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

यूएनसीसीडी के कॉप 15 में भारत_3.1

यूएनसीसीडी भारत यूपीएससी: प्रसंग

 

यूएनसीसीडी कॉप 15: प्रवास पर प्रमुख बिंदु प्रवास

  • प्रवास हेतु प्रमुख चालक: मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण तथा सूखा ( डिजरटिफिकेशन, लैंड डिग्रेडेशन एंड   ड्राउट/DLDD), जलवायु तथा पर्यावरणीय परिवर्तन।
  • सतत कृषि एवं इससे जुड़ी मूल्य श्रृंखलाओं का प्रोत्साहन ग्रामीण आबादी के पलायन को रोकने के लिए आशाजनक अवसर प्रदान करता है।
  • महिलाओं, ग्रामीण युवाओं, शरणार्थियों तथा आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों सहित कमजोर समूहों को लक्षित करने वाले एक सशक्त सहजीवी शहरी-ग्रामीण संबंध को ऑन-फार्म और ऑफ-फार्म रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए।
  • वाटरशेड विकास घटक – प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यूडीसी-पीएमकेएसवाई) ने 37.73 मिलियन से अधिक मानव-दिवस का रोजगार सृजित किया है, जिसने उपचारित क्षेत्रों में, विशेष रूप से महामारी की अवधि के दौरान प्रवास को कम करने में भी योगदान दिया है।
    • इसने प्रतिलोमित  प्रवास (रिवर्स माइग्रेशन) के एक प्रवर्तक के रूप में कार्य किया है, जब श्रम बल को उनके मूल स्थानों पर वापस लाया गया तथा वाटरशेड कार्यबल के साथ जोड़ा गया।

मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने हेतु संयुक्त राष्ट्र अभिसमय

यूएनसीसीडी 2022: जेंडर पर प्रमुख बिंदु

  • पांचवीं पंचवर्षीय योजना (1974-78) के बाद से, महिलाओं के मुद्दों के प्रति दृष्टिकोण में कल्याण से विकास की ओर एक उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।
  • महिलाओं के अधिकारों  तथा कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए 1990 में संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना की गई थी।
  • भारत के संविधान के 73वें तथा 74वें संशोधन (1993) ने महिलाओं के लिए पंचायतों तथा नगरपालिकाओं के स्थानीय निकायों में सीटों के आरक्षण का प्रावधान किया है, जिससे स्थानीय स्तर पर निर्णय निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए एक मजबूत नींव रखी गई है।
  • महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय नीति, 2001 का लक्ष्य महिलाओं की उन्नति, विकास एवं सशक्तिकरण लाना है।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण भारत में PMKSY का एक अभिन्न अंग है।
  • वाटरशेड अंतःक्षेपों की योजना, कार्यान्वयन तथा अनुरक्षण में सम्मिलित वाटरशेड समितियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कल्पना की गई है।
  • महिला आधारित सामुदायिक संगठन जैसे स्वयं सहायता समूह, उपयोगकर्ता समूह तथा किसान उत्पादक संगठन वाटरशेड कार्यक्रमों को क्रियान्वित करते हुए निर्मित एवं पोषित किए जाते हैं।

यूएनसीसीडी के कॉप 15 में भारत_4.1

यूएनसीसीडी इंडिया: धूल भरी आंधी पर मुख्य बिंदु

  • रेत एवं धूल भरी आंधी (सैंड एंड डस्ट स्टॉर्म/एसडीएस) एशिया एवं अफ्रीका दोनों में शुष्क तथा अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में सामान्य पड़ी घटना होती है तथा 17 एसडीजी में से 11 को प्रभावित करती है।
  • एसडीएस पर्यावरण एवं जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है
  • अधिकांश देशों में मानवजनित एसडीएस स्रोत शमन का अभाव है एवं एसडीएस से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए आवश्यक डेटा  तथा जानकारी का अभाव है।
  • एसडीएस टूलबॉक्स एवं  निर्णय समर्थन प्रणाली के माध्यम से एसडीएस को संबोधित करने हेतु पक्षकारों  के क्षमता निर्माण की परिकल्पना की गई थी। प्रथम एसडीएस टूलबॉक्स 2022 के मध्य तक उपलब्ध कराया जाएगा।
  • भारत आगे सुधार के लिए वास्तविक स्तर पर इसकी प्रयोज्यता का परीक्षण करने के लिए संकेतक परतों को एकीकृत करने हेतु बेहतर पैमाने पर जीआईएस परतों को विकसित करने के लिए उपयुक्त रिमोट सेंसिंग एजेंसियों (जैसे सैक / एनआरएससी) को नामित कर सकता है।

 

इंटरसोलर यूरोप 2022 राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष सीमित एवं गहन पारिस्थितिकीवाद/पर्यावरणवाद- परिभाषा, चिंताएं तथा महत्व स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स बर्ड्स रिपोर्ट 2022
संपादकीय विश्लेषण: फ्रोजन सेडिशन ‘भारत टैप’ पहल संपादकीय विश्लेषण- सहमति का महत्व दूसरा वैश्विक कोविड आभासी सम्मेलन 2022
मिशन अमृत सरोवर इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (यूएनसीसीडी)- यूएनसीसीडी का कॉप15 राष्ट्रीय शारीरिक साक्षरता मिशन: खेल को एक मौलिक अधिकार बनाना

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *