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डेरिवेटिव क्या हैं?
- एक व्युत्पाद दो पक्षों के मध्य एक अनुबंध है, जहां अनुबंध एक अंतर्निहित परिसंपत्ति से अपना मूल्य/कीमत प्राप्त करता है।
- सर्वाधिक सामान्य प्रकार के डेरिवेटिव हैं फॉरवर्ड, फ्यूचर्स, ऑप्शंस एवं स्वैप।
- अंतर्निहित परिसंपत्तियों में कमोडिटी, स्टॉक, बॉन्ड, ब्याज दरें एवं मुद्राएं शामिल हो सकती हैं।
- लोग भविष्य में अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य पर विचार करके भारी मात्रा में लाभ अर्जित करने हेतु व्युत्पन्न अनुबंधों में प्रवेश करते हैं।
डेरिवेटिव के प्रकार
फॉरवर्ड
- एक फॉरवर्ड अनुबंध दो पक्षों के मध्य एक अनुकूलित अनुबंध है, जहां भविष्य में एक निश्चित तिथि पर समझौता वर्तमान सहमत कीमत पर तय होता है। फॉरवर्ड अनुबंधों की मुख्य विशेषताएं हैं:
- वे द्विपक्षीय अनुबंध हैं एवं इसलिए प्रतिपक्ष जोखिम के प्रति उद्भासित हैं।
- प्रत्येक अनुबंध विशेषीकृत रूप से डिजाइन किया गया है एवं इसलिए अनुबंध आकार, समाप्ति तिथि एवं परिसंपत्ति प्रकार एवं गुणवत्ता के मामले में विशिष्ट है।
- अनुबंध का मूल्य आम तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र (डोमेन) में उपलब्ध नहीं होता है।
- अनुबंध को समाप्ति तिथि पर परिसंपत्ति की सुपुर्दगी द्वारा निपटाना होगा।
- यदि पक्ष अनुबंध को प्रतिलोमित करना चाहता है, तो उसे अनिवार्य रूप से उसी प्रतिपक्ष के पास जाना होगा, जो एकाधिकार की स्थिति में होने के कारण वह कीमत को शिक्षा अनुसार निर्धारित कर सकता है।
वायदा/फ्यूचर्स
- वायदा (फ्यूचर्स) एक सहमत मूल्य पर भविष्य के परिदान (डिलीवरी) के लिए वित्तीय साधनों या भौतिक वस्तुओं को विक्रय अथवा क्रय करने हेतु एक्सचेंज के माध्यम से व्यापार (एक्सचेंज ट्रेडेड कॉन्ट्रैक्ट्स) किए गए अनुबंध हैं।
- क्रेता एवं विक्रेता द्वारा सहमत मूल्य पर भविष्य के एक अभिहित माह में वित्तीय साधन वस्तु की एक निर्दिष्ट मात्रा के क्रय अथवा विक्रय का एक समझौता है।
- व्यापार को संभव बनाने हेतु, बीएसई अनुबंध की कुछ मानकीकृत विशेषताओं को निर्दिष्ट करता है।
फॉरवर्ड्स एवं फ्यूचर्स के मध्य अंतर
| क्रम संख्या | आधार | फ्यूचर्स | फॉरवर्ड्स |
| प्रकृति | संगठित एक्सचेंज पर व्यापार | काउंटर पर (बिना तैयारी के) | |
| अनुबंध की शर्तें | मानकीकृत | विशिष्ट रूप से निर्मित | |
| तरलता | अधिक तरल | कम तरल | |
| मार्जिन भुगतान | मार्जिन भुगतान आवश्यक है | आवश्यक नहीं | |
| निपटान | दैनिक निपटान का अनुसरण करता है | अवधि के अंत में. | |
| स्क्वायरिंग ऑफ | एक्सचेंज के किसी भी सदस्य के साथ प्रतिलोमित जा सकता है। | अनुबंध को मात्र उसी प्रतिपक्ष के साथ प्रतिलोमित किया जा सकता है जिसके साथ यह अनुबंध किया गया था। |
ऑप्शंस/विकल्प
- ऑप्शंस/विकल्प व्युत्पन्न अनुबंध हैं जो क्रेता को एक निश्चित अवधि के दौरान निर्दिष्ट मूल्य पर अंतर्निहित परिसंपत्ति को क्रय/विक्रय करने का अधिकार प्रदान करते हैं।
- इस अनुबंध को किसी विशिष्ट तिथि पर अनुबंध का उन्मोचन करने हेतु किसी बाध्यता की आवश्यकता नहीं है, जिसका अर्थ है कि क्रेता विकल्प का प्रयोग करने के लिए किसी भी दायित्व के अधीन नहीं है।
- विकल्प अनुबंध एक अंतर्निहित लिखत को क्रय अथवा विक्रय करने का अधिकार प्रदान करते हैं ना कि प्रतिबद्धता।
विनिमय/स्वैप
- स्वैप अनुबंध सभी चार डेरिवेटिव्स में से सर्वाधिक जटिल अनुबंध हैं।
- स्वैप अनुबंध का तात्पर्य है कि समझौता दोनों पक्षों के मध्य निजी तौर पर किया जाता है। स्वैप अनुबंधों के संबंधित पक्ष भविष्य में अपने नकदी प्रवाह को एक पूर्व निर्धारित सूत्र के अनुसार विनिमय करने हेतु सहमत होते हैं।
- इस प्रकार के अनुबंधों के तहत, अंतर्निहित सुरक्षा ब्याज दर या मुद्रा है, क्योंकि ये अनुबंध दोनों पक्षों को अनेक बड़े जोखिमों से सुरक्षित करते हैं।
- इन अनुबंधों का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार नहीं किया जाता है क्योंकि निवेश बैंकर इन अनुबंधों के मध्य एक बिचौलिए की भूमिका अदा करते हैं।




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