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आयुष्मान भारत योजना: यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन II- स्वास्थ्य तथा शिक्षा
आयुष्मान भारत योजना: संदर्भ
- भारत ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के चार वर्ष पूर्ण कर लिए हैं, जो विश्व का सर्वाधिक वृहद सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम है। .
आयुष्मान भारत क्या है?
- आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है, जो 10 करोड़ से अधिक निर्धन एवं कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को आच्छादित करेगी, जो द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य सेवा अस्पताल में भर्ती हेतु प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करेगी।
- इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सितंबर 2018 में विमोचित किया गया था।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है एवं इसे केंद्र सरकार तथा राज्यों दोनों द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया जाता है।
- इसने केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं – राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) एवं वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा योजना (SCHIS) को समाविष्ट कर लिया है।
आयुष्मान भारत योजना: योजना की विशेषताएं
- इसमें प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का परिभाषित लाभ कवर होगा।
- योजना के लाभ पूरे देश में सुवाह्य (पोर्टेबल) हैं एवं योजना के तहत आच्छादित किए गए लाभार्थी को देश भर में किसी भी सार्वजनिक / निजी अस्पताल से नकद रहित लाभ प्राप्त करने की अनुमति होगी।
- यह एसईसीसी डेटाबेस में वंचित मानदंडों के आधार पर निर्धारित की गई पात्रता के साथ एक पात्रता-आधारित योजना होगी।
- लाभार्थी सार्वजनिक एवं सूचीबद्ध निजी संस्थानों, दोनों में लाभ उठा सकते हैं।
- लागत को नियंत्रित करने के लिए उपचार के लिए भुगतान पैकेज दर (सरकार द्वारा अग्रिम रूप से परिभाषित) के आधार पर किया जाएगा।
आयुष्मान भारत के पश्चात भारत का स्वास्थ्य व्यय
भारत का सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय अभी भी विश्व में न्यूनतम है।
- कुल स्वास्थ्य व्यय 2017-18 में 3.3प्रतिशत से गिरकर 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद का 3.2प्रतिशत हो गया, जबकि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में सरकार का स्वास्थ्य व्यय (केंद्र एवं राज्य) समान अवधि में 1.35प्रतिशत से गिरकर 1.28प्रतिशत हो गया।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुमानों से ज्ञात होता है कि केंद्र की हिस्सेदारी 2018-19 में घटकर 34.3 प्रतिशत हो गई, जो विगत वर्ष में 40.8 प्रतिशत थी, जबकि राज्यों की हिस्सेदारी 59.2प्रतिशत से बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई।
- कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में तुरत देय (आउट-ऑफ-पॉकेट) व्यय 2018-19 में घटकर 48.2 प्रतिशत हो गया, यद्यपि यह 2019 में वैश्विक औसत 18.1प्रतिशत से काफी अधिक है।
स्वास्थ्य बीमा अंतः प्रवेशन के बारे में क्या?
खुदरा स्वास्थ्य बीमा देश की आबादी का मात्र 3.2प्रतिशत हिस्सा कवर करता है।
- 1.36 अरब की जनसंख्या के साथ, भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक आबादी वाला देश है एवं शीघ्र ही चीन से आगे निकलने की संभावना है।
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य आच्छादन प्रदान करने के लिए 2018 में प्रारंभ किया गया, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY), लगभग 700 मिलियन व्यक्तियों की आबादी के अधस्तल पर स्थित 50% की देखभाल करता है।
- शीर्ष 20% आबादी सामाजिक एवं निजी स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से आच्छादित की जाती है।
- अतः, लगभग 30% आबादी अथवा लगभग 400 मिलियन, “लापता मध्य” है – उनके पास स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए कोई वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध नहीं है।
उचित स्वास्थ्य देखभाल का महत्व
- कोविड -19 ने खराब स्वास्थ्य सेवा के आर्थिक परिणामों को प्रकट कर दिया है। उच्च तुरत देय (आउट-ऑफ-पॉकेट) व्यय करने से बचत एवं खपत पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
- कार्यस्थल में, खराब स्वास्थ्य शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं को दुष्प्रभावित करता है, कारोबार घटाता है तथा उत्पादकता को कम करता है।
- आंकड़ों से ज्ञात होता है कि भारत की 7% आबादी प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य देखभाल की लागत के कारण निर्धनता की ओर धकेल दी जाती है।
आगे की राह
- ओपीडी सहित एक व्यापक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन एवं रोगों के रोकथाम पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
- सरकार को “लापता मध्य” आबादी के लिए स्वास्थ्य देखभाल कवर पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
- एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में, राज्य पूर्व से ही राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) योजना को लागू करने वाले प्राधिकरण को लापता मध्य को कवर करने की अनुमति प्रदान कर सकते हैं।



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