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यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप)

एकीकृत रसद अंतरापृष्ठ मंच (यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म/यूलिप) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतक्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप)_3.1

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में विमोचित किए गए यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) (राष्ट्रीय सम्भारिकी  नीति के एक भाग के रूप में) को जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई क्योंकि यूलिप पर डेटा तक पहुंचने के लिए 13 संगठनों ने गैर-प्रकटीकरण समझौते (नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट/एनडीए) पर हस्ताक्षर किए।
  • राष्ट्रीय सम्भारिकी नीति (नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी/एनएलपी) का उद्देश्य सम्भारिकी (रसद) प्रक्रिया को सरल बनाकर, इसकी दक्षता में सुधार कर, पारदर्शिता तथा दृश्यता लाने एवं रसद लागत तथा समय को कम करके रसद क्षेत्र में व्यापारिक सुगमता लाना है।

 

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप)

  • एकीकृत सम्भारिकी अंतरापृष्ठ मंच (यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म/यूलिप) के बारे में:  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 17 सितंबर, 2022 को ‘राष्ट्रीय सम्भारिकी नीति (नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी/एनएलपी)’ के एक भाग के रूप में यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) का विमोचन किया गया था।
  • अधिदेश: यूलिप का उद्देश्य उद्योग जगत के प्रतिभागियों को राजस्व सृजन के साथ-साथ एकाधिकार एवं असमान लाभ के उन्मूलन हेतु बाजार का निर्माण करने में सक्षम बनाना है।
  • महत्व: यूलिप प्लेटफॉर्म  उद्योग जगत के प्रतिभागियों को विभिन्न मंत्रालयों के पास उपलब्ध रसद एवं संसाधनों से संबंधित जानकारी तक सुरक्षित पहुंच प्राप्त करने में सक्षम करेगा।
    • वर्तमान में सात मंत्रालयों की 30  प्रणालियों को 100 से अधिक एपीआई के माध्यम से एकीकृत किया गया है जिसमें हितधारकों द्वारा उपयोग के लिए 1600 से अधिक डेटा फ़ील्ड शामिल हैं।

 

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) कार्यचालन

  • यूलिप में एक समर्पित पोर्टल है जो डेटा अनुरोध की प्रक्रिया को सरल, त्वरित एवं पारदर्शी बनाता है।
  • यूलिप पोर्टल: पोर्टल को “https://goulip.in/” के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
    • पोर्टल पर पंजीकरण के लिए उद्योग जगत के प्रतिभागियों को सहायता प्रदान करने के लिए एक समर्पित सहायता टीम चौबीसों घंटे कार्यरत है।
    • पंजीकरण के उपरांत, उपयोगकर्ताओं को अपने उपयोग-मामलों को जमा करने की आवश्यकता होती है, जिसकी फिर अनुरोधित डेटा के प्रस्तावित उपयोग के आधार पर समीक्षा की जाएगी।
    • सफल समीक्षा के पश्चात, डेटा के लिए अनुरोध करने वाले उपयोगकर्ताओं को ‘गैर-प्रकटीकरण समझौते (एनडीए)’ पर हस्ताक्षर करना होगा।
  • गैर-प्रकटीकरण समझौते (एनडीए) पर हस्ताक्षर के साथ, उद्योग जगत के प्रतिभागी यूलिप के साथ एकीकरण के लिए एपीआई विकसित कर सकते हैं।
  • प्रणाली सुरक्षा जांच एवं एकीकरण के गहन परीक्षण के पश्चात, उपयोगकर्ता विभिन्न सरकारी स्रोतों से यूलिप के माध्यम से प्रामाणिक डेटा प्राप्त कर सकते हैं।

 

यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) के लाभ

  • यूलिप सभी लॉजिस्टिक्स हितधारकों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगा जैसे-
    • एक क्लिक में ड्राइवरों तथा वाहनों के विवरण का सत्यापन,
    • खेप की ट्रैकिंग एवं अनुरेखण,
    • मार्ग इष्टतमीकरण योजना,
    • खेप के गंतव्य पर समय पर अद्यतन,
    • कागजी कार्यवाही को कम करना,
    • खाली वाहक तथा कंटेनर दृश्यता,
    • माल सूची (इन्वेंटरी) प्रबंधन इत्यादि।
  • नियामक, दस्तावेजी एवं अन्य विलंब को कम करके, यूलिप लॉजिस्टिक्स के तरीकों के इष्टतम उपयोग पर निर्णय लेने में सहायता करके संरचित योजना को सक्षम करेगा जिससे लागत तथा समय की बचत होगी।

 

राष्ट्रीय सम्भारिकी नीति (एनएलपी)

  • पृष्ठभूमि: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने केंद्रीय बजट 2020-21 के भाषण में एक व्यापक राष्ट्रीय रसद नीति (एनएलपी) की आवश्यकता का उल्लेख किया।
  • आवश्यकता: राष्ट्रीय सम्भारिकी नीति की आवश्यकता अनुभव की गई क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में सम्भारिकी (रसद) लागत अधिक है।
    • घरेलू एवं निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए भारत में रसद लागत को कम करना अनिवार्य है।
    • कम रसद लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करती है, मूल्यवर्धन तथा उद्यम को प्रोत्साहित करती है।
  • राष्ट्रीय रसद नीति के बारे में: राष्ट्रीय रसद नीति संपूर्ण रसद पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए एक व्यापक अंतःविषय, पार-क्षेत्रीय एवं बहु-क्षेत्राधिकार ढांचे को निर्धारित करके उच्च लागत तथा अक्षमता के मुद्दों को हल करने का एक व्यापक प्रयास है।
  • प्रमुख उद्देश्य: राष्ट्रीय रसद नीति 2022 का उद्देश्य संपूर्ण देश में वस्तुओं तथा सेवाओं का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करना एवं उच्च रसद लागत में कटौती करना है, जिसे प्रायः भारत में बाह्य तथा आंतरिक व्यापार दोनों के लिए सबसे बड़ी संरचनात्मक बाधा माना जाता है।
    • राष्ट्रीय रसद नीति 2022 का लक्ष्य आगामी कुछ वर्षों में देश की रसद लागत को इसके सकल घरेलू उत्पाद के 13-14 प्रतिशत से एक अंक तक कम करना है।
  • मूल मंत्रालय: राष्ट्रीय रसद नीति को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है।

 

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