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पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का विस्तार

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। .

 

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का विस्तार_3.1

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई-चरण VII) के लिए 3 माह की अवधि अर्थात अक्टूबर से दिसंबर 2022 के लिए विस्तार को स्वीकृति प्रदान की है।

 

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) विस्तार

  • सरकार ने पीएमजीकेएवाई को तीन माह की अवधि के लिए  विस्तार देने का निर्णय लिया है ताकि आने वाले प्रमुख त्योहारों जैसे नवरात्रि, दशहरा, मिलाद-उन-नबी, दीपावली, छठ पूजा इत्यादि के लिए समाज के  निर्धन एवं कमजोर वर्गों का समर्थन किया जा सके।
  • ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे उत्सव के लिए अत्यधिक उल्लास एवं समुदाय के साथ जश्न मना सकें।
  • इसे सुनिश्चित करने की दृष्टि से, सरकार ने पीएमजीकेएवाई के इस विस्तार को तीन माह हेतु स्वीकृति प्रदान की है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय संकट के खाद्यान्न की सुगम उपलब्धता का लाभ उठा सकें।

 

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)

  • पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के बारे में: गरीबों, जरूरतमंदों एवं कमजोर परिवारों / लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोविड-19 संकट के दौरान पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (PM-GKAY) प्रारंभ की गई थी ताकि पर्याप्त खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण उन्हें   हानि न हो।
    • पीएमजीकेएवाई के तहत, प्रभावी रूप से इसने लाभार्थियों को सामान्य रूप से वितरित की जाने वाली मासिक खाद्यान्न पात्रता की मात्रा को दोगुना कर दिया है।
  • लाभ: पीएमजीकेएवाई कल्याण योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट/एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर/डीबीटी) के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थी सम्मिलित हैं, के लिए प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न  निशुल्क प्रदान किया जाता है।
  • वित्तीय व्यय: पीएमजीकेएवाई के चरण-VI तक भारत सरकार के लिए वित्तीय निहितार्थ लगभग 3.45 लाख करोड़ रहा है, इस योजना के चरण-VII के लिए लगभग 44,762 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के साथ, पीएमजीकेएवाई का कुल व्यय सभी चरणों के लिए लगभग 3.91 लाख करोड़ रुपये होगा।
  • अनाज आवंटन: पीएमजीकेएवाई चरण VII के लिए खाद्यान्न के मामले में कुल व्यय लगभग 122 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) होने की संभावना है।
    • चरण I-VII के लिए खाद्यान्न का कुल आवंटन लगभग 1121 लाख मीट्रिक टन है।
  • कार्यान्वयन: पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को निम्नलिखित चरणों में लागू किया गया है –
  • चरण I एवं II (8 माह): अप्रैल 20 से नवंबर’ 20
  • चरण- III से V (11 माह): मई’ 21 से मार्च’ 22
  • चरण- VI (6 माह): अप्रैल’ 22 से सितंबर’ 22

 

प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हेतु पात्रता

  • निर्धनता रेखा से नीचे के परिवार- अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) एवं प्राथमिकता वाले परिवार (प्रायोरिटी हाउसहोल्ड्स/पीएचएच) श्रेणी इस योजना के लिए पात्र होंगे।
  • प्राथमिकता वाले परिवारों की पहचान राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा उनके द्वारा विकसित मानदंडों के अनुसार की जानी है। एएवाई परिवारों की पहचान केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा की जानी है:
  • विधवाओं या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों अथवा विकलांग व्यक्तियों या 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के नेतृत्व वाले परिवार जिनके पास निर्वाह या सामाजिक समर्थन का कोई सुनिश्चित साधन नहीं है।
  • विधवाएं या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति या विकलांग व्यक्ति अथवा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति या एकल महिलाएं या एकल पुरुष जिनके पास परिवार या सामाजिक समर्थन या निर्वाह के सुनिश्चित साधन नहीं हैं।
  • सभी आदिम जनजातीय परिवार।
  • भूमिहीन खेतिहर मजदूर, सीमांत किसान, ग्रामीण कारीगर / शिल्पकार जैसे कुम्हार, चर्मकार, बुनकर, लोहार, बढ़ई, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले एवं अनौपचारिक क्षेत्र में दैनिक आधार पर अपनी आजीविका कमाने वाले व्यक्ति जैसे पल्लेदार, कुली, रिक्शा चालक, हाथ गाड़ी चलाने वाले, ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में फल तथा फूल विक्रेता, सपेरे, कूड़ा बीनने वाले, मोची, निराश्रित एवं अन्य समान श्रेणियां।
  • एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के गरीबी रेखा से नीचे के सभी पात्र परिवार।

 

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