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प्रधानमंत्री ने 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री ने 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

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प्रधानमंत्री द्वारा 5जी सेवाओं का शुभारंभ, चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक नए तकनीकी युग का प्रारंभ करते हुए, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 5G सेवाओं का शुभारंभ किया।
  • उन्होंने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के छठे संस्करण का भी उद्घाटन किया एवं इस अवसर पर  इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) प्रदर्शनी भी देखी।

 

5G सेवाएं- प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा प्रदर्शन

देश के तीन प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों ने भारत में 5जी तकनीक की क्षमता का प्रदर्शन करने हेतु प्रधानमंत्री के  समक्ष एक-एक उपयोग मामले (यूज केस) का प्रदर्शन किया।

  • रिलायंस जियो: इसने मुंबई के एक विद्यालय के एक शिक्षक को महाराष्ट्र, गुजरात एवं ओडिशा में तीन अलग-अलग स्थानों के छात्रों से जोड़ा।
    • इसने प्रदर्शित किया कि किस प्रकार 5G शिक्षकों को छात्रों के करीब लाकर, उनके मध्य की भौतिक दूरी को समाप्त कर शिक्षा की सुविधा प्रदान करेगा।
    • इसने स्क्रीन पर संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी/एआर) की शक्ति का प्रदर्शन किया तथा यह भी  प्रदर्शित किया कि किस प्रकार संवर्धित वास्तविकता उपकरण (एआर डिवाइस) की आवश्यकता के बिना, देश भर में बच्चों को दूरस्थ रूप से पढ़ाने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है।
  • वोडाफोन आइडिया: इसके परीक्षण मामले ने डायस पर सुरंग के डिजिटल अनुलिपि (ट्विन) के निर्माण के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की एक निर्माणाधीन सुरंग में श्रमिकों की सुरक्षा का प्रदर्शन किया।
    • डिजिटल ट्विन दूरस्थ स्थान से वास्तविक समय में श्रमिकों को सुरक्षा अलर्ट देने में सहायता प्रदान करेगा।
  • एयरटेल डेमो: उत्तर प्रदेश के दनकौर के छात्रों ने आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) एवं संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी) की सहायता से सौर मंडल के बारे में जानने हेतु एक जीवंत एवं तल्लीन कर देने वाला (इमर्सिव) शिक्षा अनुभव प्राप्त किया।

 

5जी सेवाएं- डिजिटल इंडिया के चार स्तंभ डिजिटल इंडिया

डिजिटल इंडिया एक साथ चार दिशाओं में 4 स्तंभों पर केंद्रित है। वे चार स्तंभ इस प्रकार हैं-

  • उपकरण की कीमत: उपकरणों की निम्न लागत को मात्र आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। मोबाइल निर्माण इकाइयां अब बढ़कर 200 हो गई हैं।
    • 2014 में मोबाइल फोन के शून्य निर्यात से लेकर आज भारत हजारों करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का निर्यातक देश बन गया है।
    • इन सभी प्रयासों का उपकरण की लागत पर प्रभाव पड़ा है। सरकार कम लागत में अधिक सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
  • डिजिटल संपर्क: 2014 में 100 से भी कम पंचायतों से अब 1.7 लाख पंचायतें प्रकाशीय तंतु (ऑप्टिकल फाइबर) से जुड़ी हैं।
    • सरकार सबके लिए इंटरनेट के लक्ष्य पर कार्य कर रही है।
  • डेटा की लागत: उद्योग को अनेक प्रकार के प्रोत्साहन प्रदान किए गए एवं 4जी जैसी तकनीकों को नीतिगत समर्थन प्राप्त हुआ। इससे डेटा की कीमत में कमी आई एवं देश में डेटा क्रांति की शुरुआत हुई।
  • डिजिटल फर्स्टका विचार: भारत ने आगे बढ़कर डिजिटल भुगतान का मार्ग सुगम कर दिया। सरकार ने स्वयं ऐप के माध्यम से नागरिक केंद्रित वितरण सेवा को प्रोत्साहित किया।

 

5G सेवाओं का महत्व

  • 5G तकनीक आम लोगों को व्यापक लाभ प्रदान करेगी। यह निर्बाध कवरेज, उच्च डेटा दर, कम विलंबता तथा अत्यधिक विश्वसनीय संचार प्रदान करने में सहायता करेगी।
  • साथ ही, यह ऊर्जा दक्षता, स्पेक्ट्रम दक्षता एवं नेटवर्क दक्षता में वृद्धि करेगा।
  • 5G तकनीक अरबों इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों को जोड़ने में सहायता करेगी, उच्च गति पर गतिशीलता के साथ उच्च गुणवत्ता वाली वीडियो सेवाओं की अनुमति प्रदान करेगी एवं अन्य बातों के साथ टेलीसर्जरी तथा स्वचालित कारों जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की आपूर्ति करेगी।
  • 5G आपदाओं की वास्तविक समय अनुश्रवण, परिशुद्ध कृषि एवं खतरनाक औद्योगिक कार्यों जैसे कि गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों इत्यादि में मनुष्यों की भूमिका को कम करने में सहायता करेगा।
  • मौजूदा मोबाइल संचार नेटवर्क के विपरीत, 5G नेटवर्क एक ही नेटवर्क के भीतर इन विभिन्न उपयोग मामलों में से प्रत्येक के लिए आवश्यकताओं को पूरा करने की अनुमति प्रदान करेगा।

 

5जी तकनीक क्या है?

  • 5G या पांचवीं पीढ़ी दीर्घकालिक विकास (लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन/LTE) मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क में नवीनतम उन्नयन है। यह 3 बैंडों, अर्थात् निम्न, मध्य एवं उच्च आवृत्ति स्पेक्ट्रम में कार्य करता है – जिनमें से सभी के अपने उपयोग के साथ-साथ सीमाएं भी हैं।
  • निम्न बैंड स्पेक्ट्रम में अधिकतम गति 100 एमबीपीएस है। अतः, जबकि इसका उपयोग सेल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए किया जा सकता है और स्थापित किया जा सकता है, जिनके पास अत्यधिक उच्च गति वाले इंटरनेट की विशिष्ट मांग नहीं हो सकती है, निम्न बैंड स्पेक्ट्रम उद्योग की विशेष आवश्यकताओं के लिए इष्टतम नहीं हो सकता है।
  • मध्य-बैंड स्पेक्ट्रम निम्न बैंड की तुलना में उच्च गति प्रदान करता है। यद्यपि, कवरेज क्षेत्र एवं संकेतों के प्रवेश के मामले में इसकी सीमाएँ हैं।
  • उच्च-बैंड स्पेक्ट्रम तीनों बैंडों की उच्चतम गति प्रदान करता है, किंतु इसमें अत्यंत सीमित कवरेज तथा सिग्नल प्रवेश शक्ति है।

 

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