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विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2021

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2021_3.1

भारत में वायु प्रदूषण: संदर्भ

  • हाल ही में, आइक्यू एयर (IQAir) ने विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2021 दिल्ली जारी की है, एवं दिल्ली को  विश्व के 107 राजधानी शहरों में से सर्वाधिक प्रदूषित राजधानी के रूप में श्रेणीकृत (रैंक) किया है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) – विशेषज्ञ उप-समिति की एक रिपोर्ट

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट: प्रमुख बिंदु

  • नई दिल्ली शहर लगातार चौथे वर्ष इस सूची में शीर्ष पर है। वर्ष 2020 में दिल्ली ने 92 राजधानी शहरों, 2019 में ऐसे 85 शहरों तथा 2018 में 62 ऐसे शहरों की सूची में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।
  • राजधानी शहरों की सूची में, ढाका वार्षिक औसत PM2.5  संकेंद्रण के मामले में दिल्ली का अनुसरण करता है।
  • 2021 में एक भी देश विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानक को पूर्ण करने में सफल नहीं हुए।
    • WHO के सितंबर 2021 के दिशानिर्देशों के अनुसार, 0-5 g/m3 के बीच PM2.5 सांद्रता स्तर एक अच्छी वायु गुणवत्ता के रूप में माना जाता है।
  • यद्यपि, इन सभी शहरों में पीएम 2.5 का स्तर स्वीकृत सीमा से न्यूनतम 10 गुना अधिक है।
  • इसके अतिरिक्त, कोविड से संबंधित संख्या में गिरावट के बाद कुछ क्षेत्रों में स्मॉग में पुनः उछाल आ गया।

स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट भारत

  • भारत 2021 में मध्य तथा दक्षिण एशिया के 15 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 11 का आवास था।
  • दिल्ली में 2021 में PM2.5 सांद्रता में 14.6% की वृद्धि देखी गई, जो 2020 में 84 ug/m3 से बढ़कर 96.4 ug/m3 हो गई।
  • भारत में कोई भी शहर डब्ल्यूएचओ की वायु गुणवत्ता दिशानिर्देश 5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के मानकों को प्राप्त नहीं करता है।
  • 2021 में, भारत के 48% शहर 50 µg/m3 से अधिक अथवा डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देश के 10 गुना से अधिक थे।
  • भारत में, वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में वाहन उत्सर्जन, बिजली उत्पादन, औद्योगिक अपशिष्ट, खाना पकाने के लिए बायोमास दहन, निर्माण क्षेत्र और फसल जलने जैसी प्रासंगिक घटनाएं शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशा निर्देश 2021

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट क्या है?

  • IQAir एक स्विस वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो संपूर्ण विश्व के 117 देशों, क्षेत्रों  एवं प्रदेशों को  सम्मिलित करते हुए वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी करती है।
  • यह रिपोर्ट 117 देशों के 6,475 शहरों से पीएम 2.5 वायु गुणवत्ता के आंकड़ों पर आधारित है।
  • रिपोर्ट सरकार द्वारा संचालित निगरानी स्टेशनों के साथ-साथ निजी स्वामित्व वाले निगरानी स्टेशनों एवं संस्थानों द्वारा संचालित निगरानी स्टेशनों से डेटा प्राप्त  करती है।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) – विशेषज्ञ उप-समिति की एक रिपोर्ट

विश्व में वायु प्रदूषण: चिंता का कारण क्यों?

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण को अब विश्व का सबसे बड़ा पर्यावरणीय स्वास्थ्य खतरा माना जाता है, जो  प्रत्येक वर्ष संपूर्ण विश्व में 70 लाख मौतों का कारण बनता है।
  • साथ ही, वायु प्रदूषण दमा (अस्थमा) से लेकर कैंसर, फेफड़ों के रोगों एवं हृदय रोग तक अनेक रोगों का कारण बनता है और उन्हें बढ़ाता है।
  • इसके अतिरिक्त, वायु प्रदूषण की अनुमानित दैनिक आर्थिक लागत 8 अरब डॉलर (अमेरिकी डॉलर/यूएसडी) या सकल विश्व उत्पाद का 3 से 4 प्रतिशत आंकी गई है।
  • इन प्रदूषकों के संपर्क में आने से मरीजों में अस्थमा या एलर्जी जैसी श्वास संबंधी वर्तमान रोगों को और  बदतर कर रही हैं।

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2021_4.1

विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट: सिफारिशें

रिपोर्ट ने वायु प्रदूषण के प्रभावों  का शमन  करने के लिए सरकार एवं लोगों से एक संयुक्त रणनीति की सिफारिश की।

  • वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता है:
    • निजी एवं औद्योगिक उपयोग के लिए स्वच्छ वायु उत्सर्जन वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए हेतु कानून पारित करें।
    • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में निवेश करें।
    • आंतरिक दहन इंजनों के उपयोग को सीमित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करें, जैसे ट्रेड-इन कार्यक्रम।
    • बैटरी एवं मानव-संचालित परिवहन विधियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी प्रदान करें।
    • स्वच्छ तथा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ सार्वजनिक परिवहन एवं ऊर्जा का विस्तार करें।
    • पैदल यात्री तथा साइकिल यातायात को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण।
    • वाहनों एवं उद्योग के लिए उत्सर्जन सीमा को सुदृढ़ करना एवं लागू करना।
    • 2021 विश्व स्वास्थ्य संगठन के आधार पर नए वायु गुणवत्ता मानकों को अपनाएं।
  • वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों में सुधार करना: जंगल की आग को सीमित करने तथा कृषि उत्पाद एवं बायोमास जलाने पर प्रतिबंध आरोपित करने हेतु वन प्रबंधन रणनीतियों को लागू करके।
  • वायु गुणवत्ता निगरानी ढांचे का विस्तार करना: सार्वजनिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों की संख्या में वृद्धि करके।
  • वायु प्रदूषण के जोखिम को सीमित करना: वायु की गुणवत्ता अस्वास्थ्यकर होने पर बाहर की गतिविधियों को कम कर एवं जहां संभव हो, फेस मास्क पहनने के अतिरिक्त एयर फिल्टर तथा वायु शोधन प्रणाली का उपयोग करें।
  • अल्प वायु प्रदूषण फुटप्रिंट: परिवहन के स्वच्छ, हरित साधनों को चयनित कर; व्यक्तिगत ऊर्जा खपत को कम करना; तथा पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) एवं पुनर्प्रयोग (अपसाइक्लिंग) द्वारा अपशिष्ट को कम करना।

 

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