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ई-कॉमर्स पर ओएनडीसी परियोजना क्या है? | छोटे शहरों में विस्तार करने हेतु

ई-कॉमर्स पर ओएनडीसी परियोजना क्या है?

  • ई-कॉमर्स पर ओएनडीसी परियोजना भारत सरकार की एक पहल है जो एक ओपन-नेटवर्क पद्धति का अनुपालन करने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए मुक्त नेटवर्क को  प्रोत्साहित करने हेतु प्रारंभ की गई है, जो एक विशिष्ट मंच के लिए अप्रतिबंधित होगी।
  • इस निर्णय के पीछे तर्क छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाना एवं वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गजों के एकाधिकार को समाप्त करना है, जो संयुक्त रूप से उद्योग के 50% से अधिक का हिस्सा गठित करते हैं।
  • सरकार के इस क्रांतिकारी कदम का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स को प्लेटफॉर्म-केंद्रित मॉडल से मुक्त स्रोत प्रतिमान (ओपन-सोर्स मॉडल) में स्थानांतरित करना है।
  • ONDC की घोषणा अप्रैल 2022 में भारत सरकार द्वारा अपने तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में प्रमुख वैश्विक दिग्गज अमेजॉन.कॉम एवं वॉलमार्ट के संभावित विकल्प के रूप में की गई थी।
  • ONDC सितंबर 2022 के महीने में बेंगलुरु में अपने बीटा विमोचन के साथ लाइव हो गया।
  • ओएनडीसी का लक्ष्य 1.35 अरब लोगों के देश में आगामी दो वर्षों में ई-कॉमर्स पैठ को भारत के उपभोक्ता  क्रय के 25% तक बढ़ाना है, जो अभी लगभग 8% है।

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ONDC चर्चा में क्यों है?

  • सितंबर 2022 में बेंगलुरु में डिजिटल वाणिज्य  हेतु मुक्त नेटवर्क (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स/ओएनडीसी) के बीटा लॉन्च के पश्चात।
  • अब ओएनडीसी की इसी तरह की शुरुआत छोटे शहरों में अपेक्षित है।
  • इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि नेटवर्क भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में कार्य करता है।

 

ओएनडीसी क्या है?

  • ओएनडीसी एक गैर-लाभकारी कंपनी है जिसका नेटवर्क, नेटवर्क पर सभी ऐप्स के खोज परिणामों में भाग लेने वाले सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से उत्पादों एवं सेवाओं के प्रदर्शन को सक्षम करेगा।
  • उदाहरण के लिए, यदि अमेजन एवं वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट दोनों ओएनडीसी के साथ अपने प्लेटफॉर्म को एकीकृत करते हैं, तो अमेजन पर ब्लूटूथ हेडसेट की खोज करने वाले उपयोगकर्ता को अमेजन ऐप पर फ्लिपकार्ट के परिणाम भी दिखाई देंगे।

 

ONDC ई-कॉमर्स को अधिक समावेशी एवं सुलभ कैसे बनाएगा?

  • ओएनडीसी सरकार को ई-कॉमर्स खंड को और अधिक व्यवस्थित रूप से विनियमित करने में सक्षम करेगा, यह देखते हुए कि क्रेता एवं विक्रेता के मध्य सभी लेनदेन एक स्वतंत्र पोर्टल पर होंगे।
  • ओएनडीसी से उपभोक्ताओं के लिए ई-कॉमर्स को अधिक समावेशी एवं सुलभ बनाने की अपेक्षा है।
  • उपभोक्ता किसी भी संगत एप्लिकेशन या प्लेटफॉर्म का उपयोग करके संभावित रूप से किसी भी विक्रेता, उत्पाद या सेवा की खोज कर सकते हैं, इस प्रकार उपभोक्ताओं के लिए विकल्प की स्वतंत्रता बढ़ जाती है।
  • यह उपभोक्ताओं को निकटतम उपलब्ध आपूर्ति के साथ मांग का मिलान करने में सक्षम करेगा। इससे उपभोक्ताओं को अपने पसंदीदा स्थानीय व्यवसायों का चयन करने की स्वतंत्रता भी प्राप्त होगी।
  • इस प्रकार, ONDC परिचालनों का मानकीकरण करेगा, स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को सम्मिलित करने को  प्रोत्साहित करेगा, रसद में दक्षता को बढ़ाएगा तथा उपभोक्ताओं के लिए मूल्य में वृद्धि करेगा।
  • यह प्लेटफॉर्म ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं को सशक्त करेगा एवं उन्हें एक ही मंच पर प्रमुख ऑनलाइन विक्रेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति प्रदान करेगा।
  • डिजिटलीकरण का संपूर्ण ढांचा, जिसका व्यापक रूप से पक्ष पोषण किया जाता है एवं सरकार द्वारा सभी स्तरों पर लागू किया जाता है, इस कदम का आधार है।

 

ओएनडीसी के क्या लक्ष्य हैं?

  • ओएनडीसी का लक्ष्य 1.35 अरब लोगों के देश में आगामी दो वर्षों में ई-कॉमर्स पैठ को भारत के उपभोक्ता  क्रय के 25% तक बढ़ाना है, जो वर्तमान में लगभग 8% है।
  • सरकार को आगामी पांच वर्षों के भीतर साझा नेटवर्क पर 900 मिलियन क्रेताओं तथा 1.2 मिलियन विक्रेताओं को साइन अप करने की भी अपेक्षा है, जबकि 48 अरब डॉलर का सकल उत्पाद (मर्चेंडाइज) मूल्य प्राप्त होगा।
  • सरकार का अनुमान है कि भारत का ई-कॉमर्स बाजार 2021 में सकल व्यापारिक मूल्य में 55 बिलियन  डॉलर से अधिक का था एवं इस दशक के अंत तक बढ़कर 350 बिलियन डॉलर हो जाएगा। वर्तमान में,  अमेजॉन तथा वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट का 60% से अधिक व्यापार पर नियंत्रण है।

 

चुनौतियां क्या हैं?

  • इस संदर्भ में जहां काफी उत्साह है, वहीं कुछ आशंकाएं भी हैं। लगभग 73% विपणकों ने कहा कि वे लक्ष्य एवं उत्तरदायित्व का स्थान देख रहे हैं एवं ओएनडीसी के माध्यम से ग्राहक सेवा को कैसे संबोधित किया जाता है।
  • इसके अतिरिक्त, क्योंकि यह स्वयं को एक नियामक के स्थान पर एक सुविधाकर्ता के रूप में देखता है, ओएनडीसी निर्दिष्ट नहीं करता है कि रिटर्न, रिफंड एवं रद्दीकरण को किस प्रकार प्रबंधित करना है।
  •  किंतु इसने क्रेता एवं विक्रेता के मध्य पारदर्शिता एवं अनुबंध के माध्यम से रिटर्न, रिफंड एवं रद्दीकरण में विश्वास बनाने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए हैं।
  • ONDC का लक्ष्य मुख्य रूप से उन लाखों छोटे व्यवसायों को टैप करना है जिनमें प्रायः तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव होता है, अतः सरकार को उन्हें प्रस्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाना होगा, यह कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का विचार है, एक समूह जो 80 मिलियन ऐसे व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करता है।

 

निष्कर्ष

2030 तक भारत में 500 मिलियन ऑनलाइन उपयोगकर्ता होंगे, जो तीसरे सबसे बड़े वैश्विक बाजार के रूप में अपना स्थान सुरक्षित करेगा। अतः, देश में ई-कॉमर्स संबंधी आधारिक संरचना का लोकतंत्रीकरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

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