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ज्वालामुखी क्या है?
- ज्वालामुखी पृथ्वी की पर्पटी में एक मुख है जिसके माध्यम से लावा, ज्वालामुखी की राख एवं गैसें बाहर निकलती हैं।
ज्वालामुखी का वर्गीकरण
- ज्वालामुखी के 3 प्रकार:ज्वालामुखी, सक्रिय, सुषुप्त अथवा मृत के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। सक्रिय ज्वालामुखियों में विस्फोटों का हालिया इतिहास होता है; उनके पुनः उद्भेदन की संभावना होती है। सुषुप्त ज्वालामुखियों में बहुत लंबे समय तक उद्भेदन नहीं हुआ होता हैं, किंतु इनमें भविष्य में कभी भी उद्भेदन सकते हैं। मृत ज्वालामुखियों के भविष्य में उद्भेदन की संभावना नहीं होती है।
ज्वालामुखी विस्फोट के प्रकार यूपीएससी
- जब मैग्मा सतह पर लावा के रूप में उद्भेदित होता है, तो यह विभिन्न प्रकार के ज्वालामुखियों का निर्माण करता है।
- ये ज्वालामुखी निम्नलिखित तत्वों पर निर्भर करते हैं: मैग्मा की श्यानता (गाढ़ापन), या चिपचिपाहट; मैग्मा में गैस की मात्रा; मैग्मा की संरचना; जिस मार्ग से मैग्मा सतह तक पहुंचता है।
ज्वालामुखी विभिन्न प्रकार के क्यों होते हैं?
- ज्वालामुखी विस्फोट में श्यानता महत्वपूर्ण तत्व है। एक अत्यधिक चिपचिपा मैग्मा अतिप्रवण-किनारे वाले ज्वालामुखियों का निर्माण करते हैं, क्योंकि ज्वालामुखी का गाढ़ा पदार्थ उस स्थान से अधिक दूरी तक प्रवाहित नहीं होता है जहाँ से इसमें उद्भेदन हुआ है।
- दूसरी ओर, एक कम श्यान (गाढ़ा) ज्वालामुखी में मंद ढलान होते हैं क्योंकि अधिक तरल लावा (बेसाल्ट), विस्तृत एवं मंद ढलानों का निर्माण करने के लिए उस निकास मार्ग से अत्यधिक दूरी तक प्रवाहित हो सकता है।
ज्वालामुखियों के प्रकार यूपीएससी: ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते हैं?
सिंडर शंकु/सिंडर कोन
- सिंडर शंकु ज्वालामुखी का सर्वाधिक सरल प्रकार है।
- वे एक ही निकास मार्ग (वेंट) से बहिःक्षिप्त किए गए लावा के कणों से निर्मित होते हैं।
- “सिंडर्स” आग्नेय चट्टान के छोटे टुकड़े होते हैं जिन्हें सिंडर शंकु के वेंट से वाहित किया जाता है।
- जैसे ही गैस-आवेशित लावा हवा में प्रचण्ड रूप से वाहित किया जाता है, यह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है जो शीतल होकर ठोस हो जाते हैं एवं एक गोलाकार या अंडाकार शंकु का निर्माण करने के लिए निकास मार्ग के चारों ओर सिंडर के रूप में गिर जाते हैं।
- चूंकि सिंडर शंकु लगभग विशेष रूप से अदृढ़ टुकड़ों से निर्मित होते हैं, अतः उनमें बहुत कम क्षमता होती है। उन्हें आसानी से और अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपरदित किया जा सकता है।
- अधिकांश सिंडर शंकु में शीर्ष पर एक प्याला के आकार का ज्वालामुखी विवर होता है एवं शायद ही कभी अपने परिवेश से एक हजार फीट से अधिक ऊपर उत्थित होता है।
- उदाहरण: पश्चिमी उत्तरी अमेरिका में असंख्य सिंडर शंकु हैं। इसके अतिरिक्त, वे विश्व के अन्य ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाए जा सकते हैं।
गुंबदी ज्वालामुखी/शील्ड ज्वालामुखी
- ये वे ज्वालामुखी हैं जो कम श्यानता उत्पन्न करते हैं एवं जहां प्रवाहित होता हुआ लावा स्रोत से दूर फैलता है तथा मंद ढलान वाले ज्वालामुखी का निर्माण करता है।
- अधिकांश शील्ड ज्वालामुखी तरल पदार्थ, बेसाल्टिक लावा प्रवाह से निर्मित होते हैं।
- उदाहरण: मौना की तथा मौना लोआ। वे विश्व के सर्वाधिक वृहद सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो हवाई द्वीप के चारों ओर समुद्र तल से 9 किमी ऊपर उत्थित हैं।
स्तरित ज्वालामुखी अथवा मिश्रित ज्वालामुखी
- गुंबदी ज्वालामुखियों की तुलना में, स्तरित ज्वालामुखी के अपेक्षाकृत अतिप्रवण किनारे होते हैं एवं शंकु के आकार के अधिक प्रतीत होते हैं।
- वे श्यान, चिपचिपे लावा से निर्मित होते हैं जो सरलता से प्रवाहित नहीं होते हैं।
- अतः इस प्रकार निर्मित लावा निकास मार्ग (वेंट) के चारों ओर जमा हो जाता है जिससे प्रवण किनारों वाला ज्वालामुखी निर्मित हो जाता है।
- गाढ़े मैग्मा में गैस के निर्माण के कारण स्तरित ज्वालामुखी के विस्फोटक उद्भेदन होने की अधिक संभावना होती है।
- उदाहरण: एंडीसाइट (एंडीज पर्वत के नाम पर), संभवतः स्तरित ज्वालामुखी का सर्वाधिक सामान्य शैल प्रकार है, यद्यपि, स्तरित ज्वालामुखी भी विभिन्न विवर्तनिक (टेक्टोनिक) विन्यास में विभिन्न चट्टानों की एक विस्तृत श्रृंखला का उद्भेदन करता है।
कैल्डेरा
- जब एक अत्यधिक विशाल, विस्फोटक उद्भेदन होता है जो मैग्मा कक्ष को खाली कर देता है, एक स्थान जहां ज्वालामुखी के नीचे मैग्मा जमा होता है, मैग्मा कक्ष की छत, सतह पर अत्यधिक प्रवण दीवारों के साथ एक अवनमन अथवा प्याला निर्मित करने हेतु धंस सकती है।
- इन्हें कैल्डेरा कहा जाता है एवं ये दसियों मील तक विस्तृत हो सकते हैं।
- एक विस्फोट/ उद्भेदन के दौरान भी कैल्डेरा निर्मित हो सकता है जो एकल स्तरित ज्वालामुखी के शिखर को हटा देता है।
- कैल्डेरा का निर्माण करने वाले विस्फोट एकल स्तरित ज्वालामुखी के विशालकाय हिस्से को हटा सकते हैं।