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संपादकीय विश्लेषण- गहन रणनीतिक प्रतिबद्धता

क्वाड 2022 शिखर सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा  के लिए प्रासंगिकता 

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े  एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

संपादकीय विश्लेषण- गहन रणनीतिक प्रतिबद्धता_3.1

चर्चा में क्वाड 2022 शिखर सम्मेलन?

  • हाल ही में, क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया) ने टोक्यो, जापान में अपना दूसरा वैयक्तिक उपस्थिति (इन-पर्सन) नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
    • रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के  पश्चात क्वाड नेताओं की यह दूसरी वार्ता है।
  • क्वाड हिंद- प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) की सुरक्षा  तथा समृद्धि के लिए अपनी रणनीति एवं लक्ष्यों में सुदृढ़ एवं स्पष्ट रूप से उभरा है।

 

क्वाड के साथ संबद्ध चिंताएं

  • रूस-यूक्रेन युद्ध: भारत के बहुपक्षीय निकायों में रूस विरोधी मतदान में अधिकांश से अनुपस्थित रहने के साथ, भारत के विशेषज्ञ भारत-प्रशांत क्षेत्र, विशेष रूप से अमेरिका-भारत संबंधों पर यूक्रेन के प्रभाव के बारे में चिंतित हैं।
    • यद्यपि, ऐसा प्रतीत होता है कि भारत तथा अमेरिका यूक्रेन पर असहमत होने के लिए सहमत हुए।
  • प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने में विफलता: हिंद- प्रशांत देशों को कम से कम एक बिलियन कोविड-19 वैक्सीन खुराक उपलब्ध कराने का वादा अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है।
    • क्वाड देशों ने कोवैक्स में जो योगदान दिया,  उसके अतिरिक्त अब तक इस क्षेत्र में मात्र 25% की आपूर्ति की गई है।

 

क्वाड समिट 2022

  • क्वाड सहयोग: क्वाड कार्य सूची में अब नौ क्षेत्र सम्मिलित हैं-
    • वैक्सीन साझेदारी  तथा स्वास्थ्य सुरक्षा,
    • जलवायु कार्रवाई,
    • महत्वपूर्ण एवं उदीयमान प्रौद्योगिकियां,
    • आधारिक अवसंरचना पर सहयोग,
    • साइबर सुरक्षा,
    • अंतरिक्ष सहयोग,
    • शिक्षा  तथा अंतरवैयक्तिक (लोगों से लोगों के मध्य) संबंध,
    • समुद्री  क्षेत्र जागरूकता एवं मानवीय सहायता तथा आपदा राहत।
  • आधारिक अवसंरचना में निवेश: आगामी पांच वर्षों में भारत-प्रशांत देशों को निवेश तथा सहायता में 50 बिलियन डॉलर से अधिक का विस्तार करने के लिए क्वाड के लिए टोक्यो में एक नई प्रतिबद्धता निर्मित की गई थी।
    • जबकि ध्यान आसियान देशों एवं प्रशांत द्वीप राज्यों पर है, इस वित्त पोषण का एक अंश संभवतः, अफ्रीका में इसके स्पर्श बिंदुओं के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में भी पहुंचना चाहिए।
  • अर्धचालकों के क्षेत्र में सहयोग: महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर सिद्धांतों का सामान्य विवरण महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अर्धचालकों पर सहयोग से संबंधित है।
  • समृद्धि के लिए हिंद प्रशांत आर्थिक संरचना (इंडो पेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी/आईपीईएफ): आईपीईएफ की स्थापना की संयुक्त घोषणा क्वाड, सात आसियान सदस्य-राज्यों (म्यांमार, कंबोडिया एवं लाओस को छोड़कर), दक्षिण कोरिया तथा न्यूजीलैंड द्वारा की गई थी।
    • योजना व्यापार के स्तंभों; आपूर्ति श्रृंखला; कर एवं भ्रष्टाचार विरोधी  तथा स्वच्छ ऊर्जा; विकार्बनीकरण (डीकार्बोनाइजेशन) एवं अवसंरचना पर समझौता करके भविष्य के लिए उनकी अर्थव्यवस्थाओं को तैयार करने की है।
  • क्वाड नेतृत्व कर्ताओं का सम्मेलन 2022 में भारत:
    • टोक्यो शिखर सम्मेलन में भारत की रचनात्मक भागीदारी एवं आईपीईएफ में सम्मिलित होने के समझौते ने चीन के प्रभुत्व को पीछे धकेलने के लिए अपनी रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया।
    • भारत ब्रिक्स सदस्यता के विस्तार पर भी सहमत हो गया है। क्वाड एवं ब्रिक्स के साथ यह एक साथ जुड़ाव  पूर्ण रूप से नई दिल्ली की रणनीतिक स्वायत्तता है।

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क्वाड 2022 शिखर सम्मेलन- निष्कर्ष

  • क्वाड देशों के प्रयासों को न केवल शिखर सम्मेलनों की दृष्टि से देखा जाना चाहिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय विकास के व्यापक संदर्भ एवं विशेष रूप से अमेरिका-भारत संबंधों के भीतर द्विपक्षीय संबंधों के समेकन की सतत प्रक्रिया से भी देखा जाना चाहिए।
  • 2023 में जी 20 की भारत की अध्यक्षता एवं 2024 में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की भारत की संभावना यह सुनिश्चित करेगी कि यह एक सुव्यवस्थित (कैलिब्रेटेड) नीति का पालन करता है तथा अपने   मार्ग पर रहता है, क्योंकि प्रत्येक बड़ा कदम अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करेगा।

 

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