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समुद्रयान मिशन

समुद्रयान मिशन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना

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समुद्रयान मिशन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय, डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में समुद्र मिशन के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

 

समुद्रयान मिशन क्या है?

  • समुद्रयान मिशन के बारे में: समुद्रयान भारत का प्रथम मानवयुक्त महासागर मिशन है, जिसका उद्देश्य उप-समुद्री गतिविधियों को कार्यान्वित करने हेतु उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी एवं वाहनों के द्वारा महासागर पारिस्थितिकी को बेहतर ढंग से समझने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।
  • अधिदेश: समुद्रयान मिशन का उद्देश्य गहरे समुद्र में अन्वेषण एवं दुर्लभ खनिजों के खनन के लिए एक पनडुब्बी वाहन में मनुष्यों को गहरे समुद्र में ले जाना है।
  • मूल मंत्रालय: समुद्रयान मिशन अपने डीप ओशन मिशन प्रोजेक्ट के तहत पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक परियोजना है।
  • सामयिकता की रक्षा: समुद्रयान मिशन की अनुमानित समयावधि 2020-2021 से 2025-2026 की अवधि के लिए पांच वर्ष है।
  • मूल मिशन: समुद्र मिशन को 6000 करोड़ रुपये के डीप ओशन मिशन के हिस्से के रूप में लागू किया जा रहा है।
    • राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ओशन टेक्नोलॉजी/एनआईओटी), जो एमओईएस के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, को समुद्रयान मिशन से संबंधित विभिन्न तकनीकों को विकसित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
  • प्रौद्योगिकी का विकास: राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) ने गहरे समुद्र की खोज के लिए 6000 मीटर गहराई से रेटेड रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरओवी) एवं महासागरों के नीचे विभिन्न उपकरण विकसित किए हैं, जैसे-
    • स्वायत्त कोरिंग सिस्टम (ऑटोनॉमस कोरिंग सिस्टम/ACS),
    • स्वायत्त जलमग्न वाहन (ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल/एयूवी) एवं गहन समुद्र  खनन प्रणाली (डीप सी माइनिंग सिस्टम/DSM)
  • महत्व: मानवयुक्त निमज्जनीय (सबमर्सिबल) वैज्ञानिक कर्मियों को प्रत्यक्ष अंतःक्षेप द्वारा अनन्वेषित गहरे समुद्र के क्षेत्रों को देखने एवं समझने की अनुमति  प्रदान करेगा।
    • इसके अतिरिक्त, यह गहरे समुद्र में मानव अनुमत वाहन विकास की क्षमता को बढ़ाएगा।

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मत्स्य 6000- समुद्रयान मिशन

  • निमज्जनीय वाहन/सबमर्सिबल व्हीकल: समुद्रयान मिशन का उद्देश्य 3 मानवों को समुद्र में 6000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिए एक स्व-चालित मानवयुक्त सबमर्सिबल विकसित करना है, जिसमें गहरे समुद्र की खोज के लिए वैज्ञानिक सेंसर एवं उपकरणों का एक सूट है।
    • इसमें 12 घंटे की परिचालन अवधि एवं आपात स्थिति में 96 घंटे की सहनशक्ति है।
  • मत्स्य 6000: यह एक स्वदेशी रूप से विकसित मानवयुक्त निमज्जनीय वाहन है जो गहरे समुद्र के नीचे के अध्ययन के लिए तीन व्यक्तियों को 6000 मीटर की गहराई तक समुद्र में भेजेगा।
  • महत्व: यह विभिन्न मूल्यवान संसाधनों के गहरे समुद्र में अन्वेषण करने में सहायता करेगा जैसे-
    • गैस हाइड्रेट्स,
    • पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल,
    • हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड, एवं
    • कोबाल्ट क्रस्ट

 

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