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उदय योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
उदय योजना: प्रसंग
- हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने राज्यसभा में कहा है कि उदय योजना अपने घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने में विफल रही।
उदय योजना: मुख्य बिंदु
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने वित्त वर्ष 2016 एवं वित्त वर्ष 2020 के मध्य उदय योजना के अंतर्गत, राज्य के स्वामित्व वाली डिस्कॉम की तुलना में तीव्र गति से दक्षता स्तर में सुधार किया है।
- केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने यह भी कहा है कि व्यापक पैमाने पर संचित घाटे के कारण डिस्कॉम को बढ़ते ऋणों का सामना करना पड़ा है एवं सरकारी योजनाओं के माध्यम से बार-बार वित्तीय सहायता की आवश्यकता होती है।
- उन्होंने यह भी बताया कि राज्य उपादेयताओं ने वित्त वर्ष 2016 में (एटी एंड सी) घाटे में 7% से वित्त वर्ष 2021 में (एटी एंड सी) घाटे में 21% की औसत कमी में गिरावट दर्ज की है एवं एसीएस-एआरआर अंतराल में वित्त वर्ष 2016 में 0.48 रुपये प्रति किलोवाट से घटकर वित्त वर्ष 2020 में 0.30 रुपये प्रति किलोवाट घंटा हो गया है।
- उदय योजना का उद्देश्य डिस्कॉम के लिए कुल तकनीकी एवं वाणिज्यिक (एटी एंड सी) हानि को 15% तक कम करना एवं विद्युत आपूर्ति की प्रति यूनिट (1 यूनिट = 1 किलोवाट घंटा) औसत लागत तथा औसत प्राप्त राजस्व (एसीएस-एआरआर अंतराल) के मध्य के अंतराल को कम कर शून्य करना था।
- उदय का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में वित्तीय मुद्दों का स्थायी समाधान प्रदान करना था, किंतु यह अपने घोषित उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाया।
- इससे सरकार ने इस वर्ष के प्रारंभ में डिस्कॉम के लिए एक नवीन 03 लाख करोड़ रुपये की प्रोत्साहन-आधारित सुधार योजना की घोषणा की, जिसमें वित्त वर्ष 2025 तक समान प्रकार के परिचालन लक्ष्य हासिल किए जाने थे।
उदय योजना के बारे में
- 2015 में, ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा क्षेत्र में निम्नलिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने हेतु उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) प्रारंभ की थी:
- वित्तीय प्रतिवर्तन
- परिचालन सुधार
- ऊर्जा उत्पादन की लागत में कमी
- नवीकरणीय ऊर्जा का विकास
- ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण
उदय योजना: प्रमुख विशेषताएं
- राज्य 30 सितंबर, 2015 तक के डिस्कॉम ऋण का 75% – वित्त वर्ष 2015-16 में 50% एवं वित्त वर्ष 2016-17 में 25% का अधिग्रहण करेंगे।
- राज्यों एसडीएल बॉन्ड सहित गैर-एसएलआर जारी करेंगे, ऋण अधिग्रहण करेंगे एवं प्राप्तियों को अनुदान, ऋण, इक्विटी के मिश्रण में वितरण कंपनियों को हस्तांतरित करेंगे।
- बॉन्ड की परिपक्वता अवधि – 10-15 वर्ष।
- अधिस्थगन अवधि – 5 वर्ष की अवधि तक।
- दर – गैर-एसएलआर के लिए जी-सेक प्लस 5% स्प्रेड प्लस 0.25% स्प्रेड।
- राज्य के राजकोषीय घाटे की गणना के लिए उधारियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
उदय योजना: लक्षित गतिविधियां
| गतिविधि | उपलब्धि के लिए अपेक्षित तिथि |
| फीडर मीटरिंग | 30 जून 2016 |
| डीटी मीटरिंग | 30 जून 2017 |
| उपभोक्ता अनुक्रमण एवं जीआईएस मैपिंग | 30 सितंबर 2018 |
| डीटी, मीटर इत्यादि का उन्नयन | 31 दिसंबर 2017 |
| उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर | > 17 दिसंबर तक 500 यूनिट; >दिसंबर 2019 तक 200 यूनिट |
| एटी एंड सी का घाटा | वित्त वर्ष 2019 तक 15% |
| एसीएस-एआरआर अंतराल को समाप्त करना | वित्त वर्ष 2019 |
उदय योजना: प्रतिभागी राज्यों को प्राप्त होने वाले लाभ
- घरेलू कोयले की आपूर्ति में वृद्धि
- अधिसूचित कीमतों पर कोयला लिंकेज का आवंटन
- कोयले की कीमतों को युक्तिसंगत बनाना
- कोल लिंकेज को युक्तिसंगत बनाना एवं कोल स्वैप की अनुमति प्रदान करना
- धुले एवं संदलित (कुचले हुए) कोयले की आपूर्ति
- अधिसूचित कीमतों पर अतिरिक्त कोयला
- अंतरराज्यीय पारेषण लाइनों का तेजी से पूरा होना
- पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से ऊर्जा का क्रय




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