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पर्वतमाला योजना: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम

पर्वतमाला योजना :: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: आधारिक संरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।

पर्वतमाला योजना: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम_3.1

पर्वतमाला परियोजना: प्रसंग

  • केंद्रीय बजट 2022-23 ने पहाड़ी क्षेत्रों में अनुयोजकता (कनेक्टिविटी) एवं सुविधा में सुधार हेतु राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम-पर्वतमाला की घोषणा की है।

 

पर्वतमाला कार्यक्रम: प्रमुख बिंदु

  • एक कुशल परिवहन नेटवर्क विकसित करना पहाड़ी क्षेत्रों में एक बड़ी चुनौती है।
  • इन क्षेत्रों में रेल तथा हवाई परिवहन नेटवर्क सीमित हैं, जबकि सड़क नेटवर्क के विकास में तकनीकी चुनौतियां हैं।
  • इस पृष्ठभूमि में, रज्जुमार्ग (रोपवे) एक सुविधाजनक एवं सुरक्षित वैकल्पिक परिवहन साधन के रूप में उभरा है।

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भारत में रोपवे विकास

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज / एमओआरटीएच) देश भर में राजमार्गों के विकास एवं सड़क परिवहन क्षेत्र को विनियमित करने हेतु उत्तरदायी है।
  • भारत सरकार (कार्य का आवंटन) नियम 1961 में संशोधन किया गया, जिसने मंत्रालय को रज्जू मार्ग (रोपवे) एवं वैकल्पिक गतिशीलता समाधानों के विकास की देखभाल करने में सक्षम बनाया।
    • यह कदम एक नियामक व्यवस्था स्थापित करके इस क्षेत्र को बढ़ावा देगा।
  • मंत्रालय के पास इस क्षेत्र में रोपवे एवं वैकल्पिक गतिशीलता समाधान प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ निर्माण, अनुसंधान तथा नीति के विकास का उत्तरदायित्व भी होगा।
  • प्रौद्योगिकी के लिए संस्थागत, वित्तीय एवं नियामक ढांचा तैयार करना भी इस आवंटन के दायरे में आएगा।

 

पर्वतमाला योजना

  • पर्वतमाला योजना को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा, जो दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के स्थान पर अधिमानित पारिस्थितिक रूप से सतत विकल्प होगा।
  • पर्यटन को प्रोत्साहन देने के अतिरिक्त यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी एवं सुविधा में सुधार करने का विचार है।
  • यह योजना भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों को भी सम्मिलित कर सकती है, जहां पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली साध्य नहीं है।
  • वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 2022-23 में 60 किलोमीटर की लंबाई वाले 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए अनुबंध प्रदान किए जाएंगे।
  • वर्तमान में यह योजना उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों जैसे क्षेत्रों में प्रारंभ की जा रही है।

 

रोपवे की आधारिक संरचना को संचालित करने वाले कारक

  • परिवहन का किफायती माध्यम: यह देखते हुए कि रोपवे परियोजनाएं एक पहाड़ी इलाके में एक सीधी रेखा में निर्मित की गई हैं, इससे भूमि अधिग्रहण की लागत भी कम होती है। इसलिए, सड़क मार्ग की तुलना में प्रति किमी निर्माण की अधिक लागत होने के बावजूद, रोपवे परियोजनाओं की निर्माण लागत रोडवेज की तुलना में अधिक किफायती हो सकती है।
  • परिवहन का तीव्र माध्यम: परिवहन के हवाई मार्ग के कारण, रोपवे का सड़क मार्ग परियोजनाओं पर एक बढ़त है जहां एक पहाड़ी क्षेत्र में एक सीधी रेखा में रोपवे का निर्माण किया जा सकता है।
  • पर्यावरण हितैषी: अल्प धूल उत्सर्जन। मटेरियल कंटेनरों को पर्यावरण की किसी भी तरह की गंदगी को बाहर निकालने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है।
  • अंतिम बिंदु तक (लास्ट माइल) कनेक्टिविटी: 3 एस (एक प्रकार की केबल कार प्रणाली) अथवा समकक्ष तकनीकों को अपनाने वाली रोपवे परियोजनाएं प्रति घंटे 6000-8000 यात्रियों का परिवहन कर सकती हैं।

पर्वतमाला योजना: राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम_4.1

रोपवे के लाभ

  • दुर्गम/चुनौतीपूर्ण/संवेदनशील क्षेत्रों के लिए आदर्श
    • लंबा रोप विस्तार: सिस्टम बिना किसी समस्या के नदियों, भवनों, घाटियों अथवा सड़कों जैसी बाधाओं को पार करता है।
    • टावरों के ऊपर मार्गदर्शित रस्सियाँ: ज़मीन पर कम जगह की आवश्यकता एवं मनुष्यों अथवा पशुओं के लिए कोई बाधा नहीं।
    • परिवहन का यह माध्यम दुर्गम क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को आवागमन में सक्षम बनाएगा तथा उन्हें मुख्यधारा का हिस्सा बनने में सहायता करेगा।
    • ऐसे क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीण/किसान अपनी उपज को अन्य क्षेत्रों में बेच सकेंगे, जिससे उन्हें अपनी आय को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
  • अर्थव्यवस्था: रोपवे जिसमें एकल ऊर्जा संयंत्र तथा संचालन यंत्रविन्यास (ड्राइव मैकेनिज्म) द्वारा संचालित अनेक कारें हैं।
    • यह निर्माण एवं रखरखाव लागत दोनों को कम करता है। संपूर्ण रोपवे के लिए एकल ऑपरेटर का उपयोग श्रम लागत में एक और बचत है।
    • समतल जमीन पर, रोपवे की लागत नैरो-गेज रेलमार्गों के साथ प्रतिस्पर्धी है; पर्वतीय क्षेत्रों में रोपवे कहीं अधिक बेहतर है।
  • नमन्शील: विभिन्न सामग्रियों का परिवहन – एक रोपवे विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के एक साथ परिवहन की अनुमति प्रदान करता है।
  • विशाल ढलानों को संभालने की क्षमता: रोपवे एवं केबलवे (केबल क्रेन) बड़े ढलानों तथा ऊंचाई में बड़े अंतर को संभाल सकते हैं।
    • जहां किसी सड़क या रेलमार्ग को टेढ़े मेढ़े रास्तों (स्विचबैक) या सुरंगों की आवश्यकता होती है, वहां रोपवे सीधे ऊपर तथा नीचे फॉल लाइन की यात्रा करता है।
    • इंग्लैंड में ओल्ड क्लिफ रेलवे एवं पहाड़ों में स्की रिसॉर्ट रोपवे इस सुविधा का लाभ उठाते हैं।
  • निम्न पदचिह्न: तथ्य यह है कि अंतराल पर केवल संकीर्ण-आधार वाले ऊर्ध्वाधर समर्थन की आवश्यकता होती है,  जो शेष जमीन को मुक्त छोड़ देता है, निर्मित क्षेत्रों में तथा उन स्थानों पर जहां भूमि उपयोग के लिए तीव्र प्रतिस्पर्धा होती है, रोपवे का निर्माण संभव बनाता है .
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