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पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन स्वीकृत

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: यह ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन का उपयोग करके देश में सतत ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार की एक पहल है।

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 2023 यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दों) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

  • राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के बारे में: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन) 2023 को कम से कम पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने एवं 2030 तक लगभग 125 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था।
  • संबद्ध मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण तथा मार्गदर्शन में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को क्रियान्वित किया जाएगा।
  • अनुदान: राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये होगा, जिसमें निम्नलिखित का परिव्यय शामिल है-
    • साइट (SIGHT) कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये,
    • प्रायोगिक परियोजना के लिए 1,466 करोड़ रुपये
    • अनुसंधान एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट/आर एंड डी) के लिए 400 करोड़ रुपये, एवं
    • अन्य मिशन घटकों के लिए 388 करोड़ रुपये।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के उद्देश्य

मिशन के परिणामस्वरूप 2030 तक निम्नलिखित संभावित परिणाम होंगे:

  • देश में लगभग 125 गीगावाट की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वृद्धि के साथ प्रति वर्ष कम से कम 5 MMT (मिलियन मीट्रिक टन) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता का विकास
  • कुल आठ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश
  • छह लाख से अधिक नौकरियों का सृजन
  • जीवाश्म ईंधन के आयात में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की संचयी कमी
  • वार्षिक हरितगृह गैस उत्सर्जन में लगभग 50 एमएमटी की कमी।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लाभ

मिशन के व्यापक लाभ होंगे-

  • हरित हाइड्रोजन एवं इसके व्युत्पादितों (डेरिवेटिव) के लिए निर्यात अवसरों का सृजन;
  • औद्योगिक, गतिशीलता एवं ऊर्जा क्षेत्रों का विकार्बनिकरण (डीकार्बोनाइजेशन); आयातित जीवाश्म ईंधन एवं फीडस्टॉक पर निर्भरता में कमी;
  • स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं का विकास;
  • रोजगार के अवसरों का सृजन; एवं
  • अत्याधुनिक तकनीकों का विकास।
  • हरित हाइड्रोजन की मांग निर्माण, उत्पादन, उपयोग एवं निर्यात को सुगम बनाना।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का क्रियान्वयन

  • मिशन के समग्र समन्वय एवं कार्यान्वयन के लिए नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय उत्तरदायी होगा।
    • एमएनआरई, संबंधित घटकों के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश तैयार करेगा।
  • केंद्र एवं राज्य सरकारों के सभी संबंधित मंत्रालय, विभाग, एजेंसियां ​​तथा संस्थान मिशन के उद्देश्यों की सफल उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए केंद्रित एवं समन्वित कदम उठाएंगे।
  • हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना का समर्थन करने के लिए एक सक्षम नीतिगत ढांचा विकसित किया जाएगा।
  • एक मजबूत मानक एवं विनियम ढांचा भी विकसित किया जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त, मिशन के तहत अनुसंधान एवं विकास (रणनीतिक हाइड्रोजन नवाचार भागीदारी –  स्ट्रैटेजिक हाइड्रोजन इनोवेशन पार्टनरशिप/SHIP) के लिए एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी ढांचे की सुविधा प्रदान की जाएगी;
  • अनुसंधान एवं विकास परियोजनाएं लक्ष्य-उन्मुख, समयबद्ध तथा विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए उपयुक्त रूप से बढ़ाई जाएंगी।
  • मिशन के तहत एक समन्वित कौशल विकास कार्यक्रम भी संचालित किया जाएगा।
  • हरित हाइड्रोजन परिवर्तन कार्यक्रम (ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन प्रोग्राम/SIGHT) के लिए रणनीतिक अंतःक्षेप के तहत, मिशन के तहत दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन तंत्र – इलेक्ट्रोलाइजर के घरेलू निर्माण एवं हरित हाइड्रोजन के उत्पादन को लक्षित किया जाएगा।
  • मिशन उदीयमान अंतिम उपयोग क्षेत्रों एवं उत्पादन मार्गों में प्रायोगिक परियोजनाओं का भी समर्थन करेगा।
  • बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं/या हाइड्रोजन के उपयोग का समर्थन करने में सक्षम क्षेत्रों की पहचान की जाएगी तथा उन्हें हरित हाइड्रोजन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

 

हाइड्रोजन के बारे में

  • हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर विषाक्त तथा अत्यधिक ज्वलनशील गैसीय पदार्थ है।
  • हाइड्रोजन ब्रह्मांड में रासायनिक तत्वों के परिवार का सबसे हल्का, सरल एवं सर्वाधिक प्रचुरता में पाया जाने वाला सदस्य है।

 

हरित हाइड्रोजन क्या है?

  • सौर, पवन या पनबिजली जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
  • ‘हरित’ इस बात पर निर्भर करता है कि हाइड्रोजन प्राप्त करने हेतु विद्युत कैसे उत्पन्न की जाती है, जो जलने पर हरित घड़ी गैस का उत्सर्जन नहीं करती है।

 

ग्रे हाइड्रोजन एवं ब्लू हाइड्रोजन से हरित हाइड्रोजन किस प्रकार पृथक है?

  • सौर, पवन या पनबिजली जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत अपघट्य अथवा इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।
  • ग्रे हाइड्रोजन कोयला एवं गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के माध्यम से उत्पन्न होता है एवं वर्तमान में दक्षिण एशिया में कुल उत्पादन का 95% हिस्सा गठित करता है।
  • ब्लू हाइड्रोजन भी, जीवाश्म ईंधन को जलाने से उत्पन्न विद्युत का उपयोग करके,  किंतु इस प्रक्रिया में मुक्त कार्बन को वातावरण में प्रवेश करने से रोकने के लिए प्रौद्योगिकियों के साथ उत्पादित किया जाता है।

 

हरित हाइड्रोजन के लाभ

  • ऊर्जा का विश्वसनीय स्रोत: नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से पवन की आंतरायिक प्रकृति, ग्रिड अस्थिरता की ओर ले जाती है।
    • हरित हाइड्रोजन को लंबे समय तक संग्रहित किया जा सकता है। संग्रहित हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन  सेल का उपयोग करके विद्युत का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है।
  • उत्पादित ऑक्सीजन का व्यावसायीकरण: विशेषज्ञों का कहना है कि उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित ऑक्सीजन को औद्योगिक तथा चिकित्सा अनुप्रयोगों या पर्यावरण को समृद्ध बनाने के लिए उपयोग करके भी इसका मुद्रीकरण किया जा सकता है।
    • अनुमान के मुताबिक, 1 किलो हाइड्रोजन से 8 किलो ऑक्सीजन उत्पादित की जाती है।
  • निवेश के अवसर: हाइड्रोजन की संभावनाओं ने अनेक देशों को पुर्तगाल के साथ निवेश करने का वचन दिया है एवं मई में 7.7 अरब डॉलर की राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीति का अनावरण किया है।
  • विशाल नवीकरणीय ऊर्जा बाजार: नवीकरणीय विकासकर्ता हरित हाइड्रोजन को एक उभरते बाजार के रूप में देखते हैं एवं कुछ ने परिवहन क्षेत्र को लक्षित किया है, हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन आज उपभोक्ताओं की कल्पना को पकड़ने लगे हैं।

 

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन क्या है?

उत्तर. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन कम से कम पांच मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने एवं 2030 तक लगभग 125 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की संबद्ध नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ एक सरकारी पहल है।

प्र. कौन सा मंत्रालय राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का क्रियान्वयन कर रहा है?

उत्तर. मिशन के समग्र समन्वय एवं कार्यान्वयन के लिए नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय उत्तरदायी होगा।

प्र. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय क्या है?

उत्तर. राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के लिए प्रारंभिक परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये होगा।

प्र.  हरित हाइड्रोजन अथवा ग्रीन हाइड्रोजन क्या है?

उत्तर. सौर, पवन या पनबिजली जैसे ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके विद्युत अपघट्य (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है।

प्र.  हाइड्रोजन क्या है?

उत्तर. हाइड्रोजन एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, गैर विषाक्त और अत्यधिक ज्वलनशील गैसीय पदार्थ है।

 

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FAQs

What is National Green Hydrogen Mission?

National Green Hydrogen Mission is a government initiative with the goal of developing a green hydrogen production capacity of at least five million metric tonnes (mmt) and an associated renewable energy capacity addition of about 125 gigawatts (GW) by 2030.

Which Ministry is implementing the National Green Hydrogen Mission?

Ministry of New & Renewable Energy will be responsible for overall coordination and implementation of the Mission.

What is the initial outlay for the National Green Hydrogen Mission?

The initial outlay for the National Green Hydrogen Mission will be Rs.19,744 crore.

What is Green Hydrogen?

Green hydrogen is produced through electrolysis using renewable sources of energy such as solar, wind or hydel power.

What is Hydrogen?

Hydrogen is a colourless, odourless, tasteless, non-toxic and highly combustible gaseous substance.

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