Home   »   India’s Falling Jobless Rate and Risks...   »   India’s Falling Jobless Rate and Risks...

भारत की गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- सीएमआईई निष्कर्ष

भारत की गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: भारतीय अर्थव्यवस्था- नियोजन, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे

भारत की गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- सीएमआईई निष्कर्ष_3.1

बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- संदर्भ

  • सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि दिसंबर में भारत की बेरोजगारी दर चार माह के उच्च स्तर 9 प्रतिशत पर पहुंच गई।
  • अनेक राज्यों में हाल में लगाए गए कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण आर्थिक गतिविधि प्रभावित होने से पूर्व ही सीएमआईई संख्याएं उल्लेखनीय गिरावट की प्रवृत्ति को प्रदर्शित कर रही हैं।

 

गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- प्रमुख निष्कर्ष

  • बढ़ती बेरोजगारी: दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 9% हो गई। विगत वर्ष नवंबर में यह 7% एवं दिसंबर 2020 में 9.1% थी।
  • बढ़ती शहरी बेरोजगारी: शहरी बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 3% हो गई, जो विगत माह में 8.2% थी, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 6.4% से बढ़कर 7.3% हो गई।
    • साप्ताहिक स्तर पर शहरी बेरोजगारी दर दिसंबर के मध्य में द्वि-अंकीय (दो अंकों की) दर से बढ़कर लगभग 09 प्रतिशत हो गई थी।
  • निष्कर्षों का महत्व: ये संख्याएं महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे नवीन कोविड -19 लहर से पूर्व ही व्यापार पर नए प्रतिबंध आरोपित करने से पूर्व ही गिरावट की प्रवृत्ति को प्रदर्शित करते हैं।

भारत की गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम- सीएमआईई निष्कर्ष_4.1

गिरती बेरोजगारी दर एवं रोजगार का जोखिम-रोजगार के लिए जोखिम

  • बेहतर भुगतान वाली नौकरियों के लिए जोखिम: शहरी रोजगार बेहतर भुगतान वाली नौकरियों के लिए एक प्रतिनिधिक (प्रॉक्सी) है एवं इन संख्याओं में गिरावट बेहतर भुगतान वाले संगठित क्षेत्र की नौकरियों पर प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं।
  • ओमिक्रोन (कोविड-19 वैरिएंट) का संकट: ओमिक्रोन वैरिएंट से उत्पन्न खतरे केमध्य,  नवीन प्रतिबंध आरोपित करने वाले अनेक राज्य, आर्थिक गतिविधि एवं उपभोग स्तर दुष्प्रभावित हुए हैं।
    • यह आगे चलकर आर्थिक सुधार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
व्यापार समझौतों के प्रकार ऑफलाइन डिजिटल भुगतान: भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देश जारी किए संपादकीय विश्लेषण: शासन में सहायता प्रौद्योगिकी हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक गठबंधन (नीट) योजना
जलवायु परिवर्तन जागरूकता अभियान एवं राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता सॉलिड स्टेट लिथियम मेटल बैटरी भुगतान संतुलन हरित हाइड्रोजन की प्राकृतिक गैस के साथ सम्मिश्रण की सरकार की योजना
जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) | जम्मू-कश्मीर में होगा जिला स्तरीय शासन सूचकांक संपादकीय विश्लेषण- क्रिप्टो परिसंपत्ति समस्या घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बीमाकर्ता हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *