Table of Contents
एफसीईवी यूपीएससी: यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।
एफसीईवी इंडिया: प्रसंग
- हाल ही में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विश्व की सर्वाधिक उन्नत तकनीक – विकसित हरित हाइड्रोजन इंधन सेल विद्युत वाहन (फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल/FCEV) टोयोटा मिराई लॉन्च की है, जो भारत में अपनी तरह की प्रथम परियोजना है, जिसका उद्देश्य देश में हरित हाइड्रोजन आधारित पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है।
हाइड्रोजन वाहन: प्रमुख बिंदु
- टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड एवं इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) विश्व के सर्वाधिक उन्नत ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (एफसीईवी) टोयोटा मिराई का अध्ययन एवं मूल्यांकन करने हेतु एक प्रायोगिक परियोजना का संचालन कर रहे हैं जो भारतीय सड़कों तथा भारतीय जलवायु परिस्थितियों में हाइड्रोजन पर चलता है।
- टोयोटा मिराई को 2014 में लॉन्च किया गया था, यह विश्व के सर्वप्रथम हाइड्रोजन ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में से एक था।
- यह भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन एवं एफसीईवी प्रौद्योगिकी की विशिष्ट उपयोगिता के बारे में जागरूकता उत्पन्न करके देश में एक हरित हाइड्रोजन आधारित पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है।
एफसीईवी क्या है?
- ईंधन सेल इलेक्ट्रिक वाहन (FCEV) हाइड्रोजन द्वारा संचालित होते हैं।
- वे केवल जल वाष्प एवं गर्म हवा का उत्सर्जन करते हैं।
- वे पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन वाहनों की तुलना में अधिक कुशल हैं एवं कोई निकास नलिका (टेल पाइप) उत्सर्जन नहीं करते हैं।
- एफसीईवी इलेक्ट्रिक वाहनों के समरूप एक प्रणोदन प्रणाली का उपयोग करते हैं, जहां हाइड्रोजन के रूप में संग्रहित ऊर्जा को ईंधन सेल द्वारा विद्युत में परिवर्तित किया जाता है।
FCEV इंडिया का महत्व
- यह एक महत्वपूर्ण पहल है जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करके स्वच्छ ऊर्जा एवंपर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन देगी एवं इस तरह 2047 तक भारत को ‘ऊर्जा आत्मनिर्भर‘ बनाएगी।
- हाइड्रोजन द्वारा संचालित फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) सर्वाधिक उत्कृष्ट शून्य उत्सर्जन समाधानों में से एक है। यह पूर्ण रूप से पर्यावरण के अनुकूल है जिसमें जल के अतिरिक्त कोई टेलपाइप उत्सर्जन नहीं है।
हरित हाइड्रोजन क्या है?
- नवीकरणीय ऊर्जा एवं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध बायोमास से हरित हाइड्रोजन उत्पन्न किया जा सकता है। हरित हाइड्रोजन की क्षमता का दोहन करने के लिए प्रौद्योगिकी का समावेश एवं अंगीकरण भारत के लिए एक स्वच्छ तथा किफायती ऊर्जा भविष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हाइड्रोजन क्यों?
- एक किलो हाइड्रोजन के दहन से एक किलो गैसोलीन की तुलना में तीन गुना अधिक ऊर्जा मुक्त होती है एवं मात्र जल उत्पन्न होता है।
- हाइड्रोजन ईंधन सेल, जो एक विद्युत रासायनिक सेल है जो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन की रासायनिक ऊर्जा को विद्युत में परिवर्तित करती है, इस सेल में अपशिष्ट उत्पाद के रूप में मात्र जल होता है।
- जब तक हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है, ईंधन सेल अनवरत विद्युत का उत्पादन कर सकते हैं।
हाइड्रोजन का उत्पादन
- कार्बन गहन प्रक्रियाओं के माध्यम से जीवाश्म ईंधन से 96 प्रतिशत हाइड्रोजन का उत्पादन होता है।
- निष्कर्षण विधियों के आधार पर, उत्पादित हाइड्रोजन को ‘ग्रे‘, ‘ब्लू‘ अथवा ‘ग्रीन‘ हाइड्रोजन के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- जीवाश्म ईंधन से, ‘ग्रे‘ हाइड्रोजन का उत्पादन किया जा सकता है, जो अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को मुक्त करता है।
- जब कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), इसके उत्पादन के दौरान, कार्बन प्रग्रहण एवं भंडारण (कैप्चर एंड स्टोरेज /CCS) प्रक्रियाओं के माध्यम से बंद हो जाता है, तो ‘ग्रे’ हाइड्रोजन ‘ब्लू‘ हाइड्रोजन बन जाता है।
- ग्रे तथा ब्लू हाइड्रोजन दोनों समान प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं, ‘ब्लू’ हाइड्रोजन के लिए एकमात्र अंतर यह है कि उत्पादित कार्बन डाइऑक्साइड को वियुक्त किया जाता है।
- सरकार ‘हरित’ हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य बना रही है, जो कि अधिकांशतः नवीकरणीय ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित होता है।
- नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा के विद्युत् अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से ‘ग्रीन‘ हाइड्रोजन मुक्त किया जाता है।
- इस विधि से उत्पादित हाइड्रोजन कोई कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित नहीं करता है, यह महंगा है एवं व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।
हाइड्रोजन को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- केंद्र सरकार ने हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए 2000 मेगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा क्षमता का उपयोग करने पर विचार किया है।
- हरितगृह गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए हाइड्रोजन की नीलामी आयोजित की जाएगी क्योंकि उद्योगों को विद्युत के भंडारण एवं संभावित रूप से वाहनों को संचालित करने हेतु प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- उर्वरक एवं पेट्रोलियम शोधन शालाओं (रिफाइनरियों) जैसे व्यवसायों को हाइड्रोजन की अपनी आवश्यकताओं का 10% हरित हाइड्रोजन के घरेलू स्रोतों से खरीदना अनिवार्य होगा।
- राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन का शुभारंभ।
- ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रे हाइड्रोजन एवं ब्लू हाइड्रोजन के बारे में यहां से जानिए।
- नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC) ने कंपनी के नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए सीमेंस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इसी तरह इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन प्रतिदिन एक टन हाइड्रोजन का उत्पादन करने की क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित करेगा।




TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
