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भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने अदम्य साहस और बलिदान से देश को स्वतंत्रता दिलाई। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके योगदानों का एक संक्षिप्त विवरण है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत वीरों ने अपना योगदान दिया है, जिनके बलिदान और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस लेख में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, उनके योगदान और अन्य महत्वपूर्ण विवरण पर चर्चा की जाती है।
भारत के स्वतंत्रता सेनानी
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भारत के सच्चे नायक हैं जिन्होंने भारत, अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भारत के इन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान एवं साहस के कारण ही भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष हजारों वीर एवं देशभक्त भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में भयानक विद्रोहों, लड़ाइयों तथा आंदोलनों के हिंसक एवं अराजक इतिहास से भरा पड़ा है। उन्होंने भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाईयां लड़ी।
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम
महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद तथा अनेक अन्य भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नीचे दिए गए हैं-
- लाला लाजपत राय
- बाल गंगाधर तिलक
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- लाल बहादुर शास्त्री
- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- सरदार भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- गोपाल कृष्ण गोखले
- चंद्रशेखर आजाद
- दादाभाई नौरोजी
- तात्या टोपे
- बिपिन चंद्र पाल
- अशफाक उल्ला खां
- नाना साहब
- सुखदेव
- कुंवर सिंह
- मंगल पांडे
- वी डी सावरकर
- एनी बेसेंट
- रानी लक्ष्मी बाई
- बेगम हजरत महल
- कस्तूरबा गांधी
- कमला नेहरू
- विजय लक्ष्मी पंडित
- सरोजिनी नायडू
- अरुणा आसफ अली
- मैडम भीकाजी कामा
- कमला चट्टोपाध्याय
- सुचेता कृपलानी
- कित्तूर चेन्नम्मा
- सावित्रीबाई फुले
- उषा मेहता
- लक्ष्मी सहगल
- डॉ. बी आर अम्बेडकर
- रानी गाइदिनल्यू
- पिंगली वेंकैया
- वीरपांडिया कट्टाबोम्मन
- बख्त खान
- चेतराम जाटव
- बहादुर शाह जफर
- मन्मथ नाथ गुप्ता
- राजेंद्र लाहिड़ी
- सचिंद्र बख्शी
- रोशन सिंह
- जोगेश चंद्र चटर्जी
- बाघा जतिन
- करतार सिंह सराभा
- बसावन सिंह (सिन्हा)
- सेनापति बापट
- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
- तिरुपुर कुमारन
- पर्बतीति गिरि
- कन्नेजंती हनुमंथु
- अल्लूरी सीताराम राजू
- भवभूषण मित्रा
- चितरंजन दास
- प्रफुल्ल पांव
स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके योगदानों की सूची
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को रहने के लिए एक सुंदर थाल बनाने के लिए अपने जीवन, स्वतंत्रता एवं सुख को कुर्बान कर दिया। यहां 1857-1947 तक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की पूरी सूची उनके महत्वपूर्ण योगदान के साथ है:
स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके योगदानों की सूची | |
स्वतंत्रता सेनानियों के नाम | योगदान |
मोहनदास करमचन्द गांधी | उन्हें राष्ट्रपिता कहा जाता है। अपने आरंभिक दिनों में, वह दक्षिण अफ्रीका में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे।
भारत में, उन्होंने चंपारण एवं खेड़ा सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया। |
गोपाल कृष्ण गोखले | महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे। |
डॉ. बी आर अम्बेडकर | उन्हें संविधान के जनक एवं भारत के प्रथम विधि मंत्री के रूप में जाना जाता है |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद | वह भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थे। |
सरदार वल्लभ भाई पटेल | उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन में बहुत सक्रिय भागीदारी की तथा एकीकृत स्वतंत्र भारत को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |
जवाहरलाल नेहरू | वह एक पूर्व-प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। |
सरदार भगत सिंह | वह भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित युवा एवं प्रभावशाली क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। |
रानी गाइदिनल्यू | वह नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेता थीं। |
पिंगली वेंकैया | वह उस ध्वज के अभिकल्पक थे जिस पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज आधारित है। |
रानी लक्ष्मी बाई | उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह का नेतृत्व किया। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों के विरुद्ध वीरता से लड़ाई लड़ी एवं युद्ध के मैदान में वीरगति को प्राप्त हुई। |
वीरपांडिया कट्टाबोम्मन | वह 18वीं सदी के तमिल सरदार थे। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की संप्रभुता को स्वीकार करने से इनकार कर दिया एवं उनके विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।
उन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया एवं 16 अक्टूबर 1799 को फांसी दे दी गई। |
मंगल पांडे |
1857 के भारतीय विद्रोह |
बख्त खान | |
चेतराम जाटव | |
बहादुर शाह जफर | |
बेगम हजरत महल | |
अशफाक उल्ला खां |
काकोरी कांड |
मन्मथ नाथ गुप्ता | |
राजेंद्र लाहिरी | |
सचिंद्र बक्शी | |
रामप्रसाद बिस्मिल | |
रोशन सिंह | |
जोगेश चंद्र चटर्जी | |
एनी बेसेंट | उन्होंने होमरूल आंदोलन का प्रारंभ किया था। |
बाघा जतिन | हावड़ा-शिबपुर षड्यंत्र केस |
करतार सिंह सराभा | लाहौर षड्यंत्र |
बसावन सिंह (सिन्हा) | लाहौर षड्यंत्र केस |
सेनापति बापट | वे मुलशी सत्याग्रह के नेता थे। |
भीकाजी कामा | 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ट में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में भारतीय ध्वज फहराया। |
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी | वे भारतीय विद्या भवन के संस्थापक थे। |
तिरुपुर कुमारन | वह देशबंधु यूथ एसोसिएशन के संस्थापक थे। |
लक्ष्मी सहगल | वह भारतीय सेना की अधिकारी थी। |
पर्बतीति गिरि | उन्हें पश्चिमी उड़ीसा की मदर टेरेसा के नाम से भी जाना जाता है। |
कन्नेजंती हनुमंथु | पालनाडु विद्रोह |
अल्लूरी सीताराम राजू | रंपा विद्रोह 1922-1924 |
सुचेता कृपलानी | वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस 1940 की संस्थापक एवं एक भारतीय राज्य (उत्तर प्रदेश) की मुख्यमंत्री भी थीं।
उन्होंने 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा में वंदे मातरम गीत गाया था। |
भवभूषण मित्रा | गदर विद्रोह में शामिल |
चंद्रशेखर आजाद | उन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापकों की मृत्यु के बाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन को इसके नए नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के तहत पुनर्गठित किया। |
सुभाष चंद्र बोस | वे दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए।
इंडियन नेशनल आर्मी ने एक सैन्य नेता एवं एक संगठनकर्ता के रूप में सुभाष चंद्र बोस की महानता का खुलासा किया। (वह आईएनए के संस्थापक नहीं थे)। |
लाल बहादुर शास्त्री | श्वेत क्रांति
हरित क्रांति भारत के दूसरे प्रधानमंत्री |
चितरंजन दास | बंगाल से असहयोग आंदोलन के नेता एवं स्वराज पार्टी के संस्थापक। |
प्रफुल्ल पांव | दोनों मुजफ्फरपुर हत्याकांड में शामिल थे। |
खुदीराम बोस | |
मदन लाल ढींगरा | वे विलियम कर्जन वाइली की हत्या में शामिल थे। |
सूर्य सेन | उन्हें चटगांव शस्त्रागार पर हमले का योजनाकार कहा जाता है। |
प्रीति लता वाडेकर | पहाड़तली यूरोपियन क्लब पर हमला |
रासबिहारी बोस | भारतीय राष्ट्रीय सेना (इंडियन नेशनल आर्मी) |
श्यामजी कृष्ण वर्मा | लंदन में इंडियन होम रूल सोसाइटी, इंडिया हाउस एवं द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट के संस्थापक। |
सुबोध राय | तेभागा आंदोलन में शामिल। |
तंगुटूरी प्रकाशम | भाषाई आधार पर मद्रास राज्य के विभाजन द्वारा बनाए गए नए आंध्र राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री। |
उबैदुल्लाह सिंधी | रेशम पत्र षड्यंत्र में संलग्नता। |
वासुदेव बलवंत फड़के | वह दक्कन विद्रोह के नेतृत्वकर्ता थे। |
विनायक दामोदर सावरकर | हिंदू महासभा के प्रमुख व्यक्तियों में से एक एवं हिंदू राष्ट्रवादी दर्शन के सूत्रधार। |
भारत के शीर्ष 10 स्वतंत्रता सेनानी
वास्तव में भारत के शीर्ष 10 स्वतंत्रता सेनानियों का चयन करना अत्यंत कठिन कार्य है क्योंकि प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी ने अपने तरीके से भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान दिया। हमें उन्हें वर्गीकृत करना चाहिए या उन्हें एक क्रम में रखना चाहिए। हालांकि, हम कह सकते हैं कि कुछ स्वतंत्रता सेनानी ऐसे थे जो दूसरों की तुलना में अधिक प्रसिद्ध थे। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इत्यादि। नीचे हमने इन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके योगदान के बारे में विस्तार से चर्चा की है।
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी
हमने देश की स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय सर्वाधिक प्रसिद्ध व्यक्तित्वों के बारे में भी चर्चा की है। भारत के इन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में महत्वपूर्ण विवरण नीचे दिया गया है-
महात्मा गांधी
मोहनदास करमचंद गांधी को अक्सर भारत के लिए किए गए अपार बलिदानों के लिए “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था। महात्मा गांधी द्वारा अपनाए गए सत्य एवं अहिंसा के मार्ग ने संपूर्ण विश्व में अनेक अन्य स्वतंत्रता आंदोलनों एवं मानवाधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया। महात्मा गांधी की बदौलत अहिंसा की अवधारणा को अपनाने के लिए भारत की पहचान है। उनका विचार था कि अहिंसक प्रतिरोध एवं अंग्रेजों के साथ सहयोग करने की अनिच्छा औपनिवेशिक शासन को समाप्त करने एवं स्वतंत्रता लाने के लिए पर्याप्त होगी।
Khadi The Handwoven Freedom by Mahatma Gandhi
सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं प्रभावशाली भारतीय राष्ट्रवादियों में से एक थे। नेताजी के रूप में भी संदर्भित, सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक में हुआ था। वे एक उत्साही राष्ट्रवादी थे, और उनमें अटूट देशभक्ति थी। बोस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के कट्टरपंथी गुट से संबंधित थे। उन्होंने 1920 के दशक के प्रारंभ से 1930 के अंत तक कांग्रेस की एक कट्टरपंथी युवा शाखा के प्रमुख के रूप में कार्य किया। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, अनेक लोग यह मानते हैं कि वे बच गए एवं उनकी मृत्यु बाद में हो गई।
Biography of Subash Chandra Bose
सरदार भगत सिंह
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा, पाकिस्तान में हुआ था। भगत सिंह को सर्वाधिक उग्र भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में माना जाता है। भारत के लिए स्वतंत्रता संग्राम में, वह एक बहुत ही सम्मानित व्यक्ति थे, हालांकि महात्मा गांधी एवं जवाहरलाल नेहरू जैसे उनके कई समकालीनों द्वारा उनके तरीकों पर प्रश्न किया गया था। वह 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के प्रतिशोध के रूप में एक ब्रिटिश पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट की हत्या की साजिश में शामिल थे। 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजों ने इस वीर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी को पाकिस्तान के लाहौर स्थित लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया। उस वक्त उनकी आयु मात्र 23 वर्ष थी। उन्हें शहीद भगत सिंह के नाम से जाना जाता है।
जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू एक बहुत ही प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे जो बाद में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। जवाहरलाल नेहरू ने एनी बेसेंट एवं बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में होमरूल लीग आंदोलन (1916) में भाग लिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें कई बार हिरासत में लिया गया एवं 1921 से 1945 के बीच उन्होंने कुल 9 वर्ष कारावास में बिताए। वह संयुक्त प्रांत के असहयोग आंदोलन के एक सक्रिय सदस्य थे तथा इसके नेता के रूप में कार्य किया एवं नमक सत्याग्रह में भी भाग लिया। 15 अगस्त, 1947 को, उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया।
चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के भावरा गाँव में पंडित सीताराम तिवारी एवं जागरण देवी के यहां हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह स्वतंत्रता के विचारों से आकर्षित हुए एवं महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के संस्थापक रामप्रसाद बिस्मिल की मृत्यु के पश्चात, आजाद ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) का पुनर्गठन किया। 15 वर्ष की आयु में, जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने पर, उन्होंने स्वयं को आजाद, अपने पिता को स्वतंत्रता एवं अपने घर को जेल के रूप में बताया था।
लाला लाजपत राय
पंजाब केसरी, लाला लाजपत राय 1894 में स्थापित पंजाब नेशनल बैंक के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने 1885 में लाहौर में दयानंद आंग्ल-वैदिक स्कूल की स्थापना की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस/INC) के सदस्य भी थे। 1917 में न्यूयॉर्क में उनके द्वारा इंडियन होम रूल लीग ऑफ़ अमेरिका की स्थापना की गई थी। उन्होंने 1921 में लाहौर में सर्वेन्ट्स ऑफ पीपुल सोसाइटी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य अपने देश की सेवा करने के लिए स्थानीय मिशनरियों की भर्ती करना एवं उन्हें शिक्षित करना था। लाला लाजपत राय ने बंगाल विभाजन के विरुद्ध भी नारेबाजी की थी। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड, रोलेट एक्ट के विरुद्ध प्रदर्शनों में भाग लिया था।
Biography of Lala Lajpat Rai in hindi
Lala Lajpat Rai 1865-1928 in English
बाल गंगाधर तिलक
बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें लोकमान्य भी कहा जाता है, एक शिक्षक, राष्ट्रवादी एवं सक्रिय कार्यकर्ता थे। वह लाल बाल पाल की तिकड़ी में से एक हैं। वे स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम नेताओं में से एक थे। उन्हें “लोकमान्य“ की उपाधि प्रदान की गई, जिसका अर्थ है “लोगों द्वारा उन्हें नेता के रूप में स्वीकार किया गया“। उन्हें महात्मा गांधी द्वारा “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा जाता था। उनका मराठी उद्धरण: “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा!“ प्रसिद्ध है। उन्होंने राष्ट्रीय जागृति के लिए त्रिसूत्री तीन सूत्रीय एजेंडा पेश किया, जो स्वराज, स्वदेशी एवं राष्ट्रीय शिक्षा के लिए संदर्भित है।
मंगल पांडे
मंगल पांडे, एक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म 19 जुलाई, 1827 को हुआ था, को अक्सर स्वतंत्रता के लिए भारत के प्रथम युद्ध, अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के विद्रोह के अग्रदूत के रूप में देखा जाता है। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री रेजिमेंट में एक सैनिक के रूप में, उन्होंने सिपाही विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप अंततः 1857 का विद्रोह हुआ। एक सिपाही विद्रोह की प्रत्याशा में, ब्रिटिश अधिकारियों ने दस दिन पूर्व 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर में उनकी हत्या कर दी।
रानी लक्ष्मी बाई
19 नवंबर, 1828 को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में हुआ था। वह छद्मनाम मनु से जानी जाती हैं तथा मणिकर्णिका तांबे नाम से जाती है। वह क्रांतिकारी युद्ध में सबसे दृढ़ सैनिकों में से एक थीं। उन्होंने कई भारतीय महिलाओं को अपने देश की आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया एवं वह आज भी महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित करती हैं। 1858 में जब ब्रिटिश सैनिकों ने झांसी पर आक्रमण किया, तब उन्होंने अपने शिशु के साथ अपने किले की रक्षा की। 18 जून, 1858 को ग्वालियर में, वह एक अंग्रेज सेनापति ह्यूज रोज के विरुद्ध लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुई।
ज्योतिबा फूले
ज्योतिबा फुले ने अगस्त 1848 में बालिकाओं के लिए भारत के पहले स्कूल की स्थापना की एवं यह तात्यासाहेब भिडे के घर में स्थित था। बाद में, उन्होंने बालिकाओं तथा निचली जातियों (महार एवं मांग) के लोगों के लिए दो अतिरिक्त स्कूल खोले। वह भारत में महिला शिक्षा की आरंभिक समर्थक थी क्योंकि उनका मानना था कि केवल शिक्षा ही सामाजिक अन्याय को कम कर सकती है। उन्होंने 1873 में समाज के अल्प भाग्यशाली वर्गों के सामाजिक अधिकारों एवं राजनीतिक पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से सत्यशोधक समाज (सोसाइटी ऑफ ट्रुथ-सीकर्स) की स्थापना की।
दादाभाई नौरोजी
दादाभाई नौरोजी ने 1866 में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना की थी। उन्होंने लंदन में भारतीयों एवं सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर ईस्ट इंडिया एसोसिएशन (ईआईए) की स्थापना की। संगठन ने ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों की वकालत की एवं विचार के लिए मुद्दों को उठाया। दादाभाई नौरोजी की सबसे प्रमुख पुस्तक, “पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया” ने अंग्रेजों द्वारा भारत के आर्थिक शोषण को उजागर किया। उन्होंने 1878 के वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट का विरोध किया। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीयों को शामिल करने तथा नौकरशाही के भारतीयकरण का समर्थन किया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (3 दिसंबर 1884 – 28 फरवरी 1963) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता, कार्यकर्ता, पत्रकार एवं विद्वान थे। उन्होंने 1950 से 1962 तक भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह महात्मा गांधी के समर्थक थे। स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 1931 के सत्याग्रह एवं 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल जाना पड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय स्तर पर खाद्य एवं कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें “अजातशत्रु” भी कहा जाता था, जिसका अर्थ है जिसका कोई शत्रु नहीं हो।
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री (2 अक्टूबर 1904 – 11 जनवरी 1966) एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं राजनेता थे। उन्होंने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री तथा छठे गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। वह श्वेत क्रांति- दुग्ध के उत्पादन एवं आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के प्रमुख प्रस्तावक थे। उन्होंने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति की शुरुआत की। यह भारत में खाद्य आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
सरदार वल्लभभाई भाई पटेल
सरदार वल्लभभाई भाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसंबर 1950), जिन्हें आमतौर पर सरदार के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय अधिवक्ता, प्रभावशाली राजनीतिक नेता, बैरिस्टर एवं राजनेता थे। सरदार वल्लभभाई भाई पटेल ने भारत के प्रथम गृह मंत्री एवं प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। विभिन्न रियासतों को भारतीय ध्वज के नीचे लाने में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘ भारत के लौह पुरुष एवं भारत के एकजुटता के सूत्रधार’ (आयरनमैन ऑफ इंडिया एवं यूनिफायर ऑफ इंडिया) भी कहा जाता है।
भारत में स्वतंत्रता सेनानियों के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी कौन थे?
उत्तर. महात्मा गांधी और भगत सिंह को उनके विश्वास एवं भारत की आजादी के लिए दिए गए बलिदानों के कारण भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी माना जाता था।
प्रश्न. महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु कौन थे
उत्तर. महात्मा गांधी अक्सर गोपाल कृष्ण गोखले को अपना राजनीतिक गुरु कहते थे।
प्रश्न. भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी कौन हैं?
उत्तर. भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी निम्नलिखित हैं-
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- लाला लाजपत राय
- बाल गंगाधर तिलक
- मंगल पांडे
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रश्न. भारत का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी किसे माना जाता है।
उत्तर. मंगल पांडे को अक्सर अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के विद्रोह में उनकी प्रेरक भूमिका के लिए भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के उपनाम के साथ श्रेय दिया जाता है, जिसे व्यापक रूप से स्वतंत्रता के लिए भारत का प्रथम युद्ध माना जाता है।
Read in English: Freedom Fighters of India 1857-1947