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विभिन्न पृष्ठभूमि और क्षेत्रों के ये बहादुर व्यक्ति ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ स्वराज या स्वशासन की अपनी खोज में एकजुट हुए थे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के नेतृत्व में, उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती देने के लिए अहिंसक प्रतिरोध, सशस्त्र संघर्ष और राजनयिक प्रयासों को नियोजित किया एवं उनके अथक प्रयासों की परिणति अंततः 15 अगस्त, 1947 को भारत की स्वतंत्रता में हुई। इन स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती है, जिससे उनके बलिदान और उपलब्धियां भारतीय इतिहास के इतिहास में हमेशा अंकित रहती है।
अंग्रेजों का शासन भारत के समाज के लिए एक काला अध्याय था और आजादी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान का परिणाम है। यह आजादी एक संयुक्त प्रयास का फल है, जिसमें कई अज्ञात नायकों ने भी योगदान दिया। कुछ स्वतंत्रता सेनानी सुर्खियों में आए, जबकि कई पर्दे के पीछे से लड़े। UPSC परीक्षा के लिए आधुनिक इतिहास बेहद महत्वपूर्ण है एवं उम्मीदवार के लिए प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और उपनाम जानकर अपने उत्तरों में सुधार कर सकते हैं। यहां हम IAS प्रीलिम्स के लिए कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के नाम साझा कर रहे हैं।
भारत के स्वतंत्रता सेनानी IN Hindi
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों ने अदम्य साहस और बलिदान से देश को स्वतंत्रता दिलाई। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके योगदानों का एक संक्षिप्त विवरण है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत वीरों ने अपना योगदान दिया है, जिनके बलिदान और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस लेख में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, उनके योगदान और अन्य महत्वपूर्ण विवरण पर चर्चा की जाती है।
भारत के स्वतंत्रता सेनानी
आधुनिक भारत के इतिहास के पन्नो में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान को भारत की जनता हमेशा याद रखेंगी, क्योंकि उनके अदम्य साहस और बलिदान ने भारत को औपनिवेशिक शासन से मुक्ति दिलाई और उनको एक आजाद देश में रहने के लिए योग्य बनाया.
सन 1857 के क्रांति के बाद भारत में अंग्रेजी शासन के खिलाफ भारतीयों में आक्रोष पनपने लगा, इस आक्रोष को दबाने के लिए अंग्रेजी सरकार ने एक संगठन बनाया जिसे भारतीय राष्टीय कांग्रेस के नाम से जाना गया. इस संगठन की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 ईस्वी में बंबई के गोकुल दास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुआ था.
इसकी स्थापना के समय मात्र 72 व्यक्तियों द्वारा हुई व इसकी स्थापना में ए ओ ह्यूम (एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा ने अहम भूमिका निभाई।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भारत के सच्चे नायक हैं जिन्होंने भारत, अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भारत के इन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान एवं साहस के कारण ही भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष हजारों वीर एवं देशभक्त भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में भयानक विद्रोहों, लड़ाइयों तथा आंदोलनों के हिंसक एवं अराजक इतिहास से भरा पड़ा है। उन्होंने भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाईयां लड़ी।
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम
महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, सरदार पटेल, चंद्रशेखर आजाद तथा अनेक अन्य भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नीचे दिए गए हैं-
- लाला लाजपत राय
- बाल गंगाधर तिलक
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- लाल बहादुर शास्त्री
- सरदार वल्लभ भाई पटेल
- सरदार भगत सिंह
- सुभाष चंद्र बोस
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- गोपाल कृष्ण गोखले
- चंद्रशेखर आजाद
- दादाभाई नौरोजी
- तात्या टोपे
- बिपिन चंद्र पाल
- अशफाक उल्ला खां
- नाना साहब
- सुखदेव
- कुंवर सिंह
- मंगल पांडे
- वी डी सावरकर
- एनी बेसेंट
- रानी लक्ष्मी बाई
- बेगम हजरत महल
- कस्तूरबा गांधी
- कमला नेहरू
- विजय लक्ष्मी पंडित
- सरोजिनी नायडू
- अरुणा आसफ अली
- मैडम भीकाजी कामा
- कमला चट्टोपाध्याय
- सुचेता कृपलानी
- कित्तूर चेन्नम्मा
- सावित्रीबाई फुले
- उषा मेहता
- लक्ष्मी सहगल
- डॉ. बी आर अम्बेडकर
- रानी गाइदिनल्यू
- पिंगली वेंकैया
- वीरपांडिया कट्टाबोम्मन
- बख्त खान
- चेतराम जाटव
- बहादुर शाह जफर
- मन्मथ नाथ गुप्ता
- राजेंद्र लाहिड़ी
- सचिंद्र बख्शी
- रोशन सिंह
- जोगेश चंद्र चटर्जी
- बाघा जतिन
- करतार सिंह सराभा
- बसावन सिंह (सिन्हा)
- सेनापति बापट
- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
- तिरुपुर कुमारन
- पर्बतीति गिरि
- कन्नेजंती हनुमंथु
- अल्लूरी सीताराम राजू
- भवभूषण मित्रा
- चितरंजन दास
- प्रफुल्ल पांव
स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके योगदानों की सूची
भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत को रहने के लिए एक सुंदर थाल बनाने के लिए अपने जीवन, स्वतंत्रता एवं सुख को कुर्बान कर दिया। यहां 1857-1947 तक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की पूरी सूची उनके महत्वपूर्ण योगदान के साथ है:
स्वतंत्रता सेनानी एवं उनके योगदानों की सूची | |
स्वतंत्रता सेनानियों के नाम | योगदान |
मोहनदास करमचन्द गांधी | उन्हें राष्ट्रपिता कहा जाता है। अपने आरंभिक दिनों में, वह दक्षिण अफ्रीका में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थे।
भारत में, उन्होंने चंपारण एवं खेड़ा सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा तथा भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया। |
गोपाल कृष्ण गोखले | महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे। |
डॉ. बी आर अम्बेडकर | उन्हें संविधान के जनक एवं भारत के प्रथम विधि मंत्री के रूप में जाना जाता है |
डॉ. राजेंद्र प्रसाद | वह भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति थे। |
सरदार वल्लभ भाई पटेल | उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन में बहुत सक्रिय भागीदारी की तथा एकीकृत स्वतंत्र भारत को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। |
जवाहरलाल नेहरू | वह एक पूर्व-प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। |
सरदार भगत सिंह | वह भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित युवा एवं प्रभावशाली क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। |
रानी गाइदिनल्यू | वह नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेता थीं। |
पिंगली वेंकैया | वह उस ध्वज के अभिकल्पक थे जिस पर हमारा राष्ट्रीय ध्वज आधारित है। |
रानी लक्ष्मी बाई | उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह का नेतृत्व किया। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों के विरुद्ध वीरता से लड़ाई लड़ी एवं युद्ध के मैदान में वीरगति को प्राप्त हुई। |
वीरपांडिया कट्टाबोम्मन | वह 18वीं सदी के तमिल सरदार थे। उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की संप्रभुता को स्वीकार करने से इनकार कर दिया एवं उनके विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।
उन्हें अंग्रेजों ने पकड़ लिया एवं 16 अक्टूबर 1799 को फांसी दे दी गई। |
मंगल पांडे |
1857 के भारतीय विद्रोह |
बख्त खान | |
चेतराम जाटव | |
बहादुर शाह जफर | |
बेगम हजरत महल | |
अशफाक उल्ला खां |
काकोरी कांड |
मन्मथ नाथ गुप्ता | |
राजेंद्र लाहिरी | |
सचिंद्र बक्शी | |
रामप्रसाद बिस्मिल | |
रोशन सिंह | |
जोगेश चंद्र चटर्जी | |
एनी बेसेंट | उन्होंने होमरूल आंदोलन का प्रारंभ किया था। |
बाघा जतिन | हावड़ा-शिबपुर षड्यंत्र केस |
करतार सिंह सराभा | लाहौर षड्यंत्र |
बसावन सिंह (सिन्हा) | लाहौर षड्यंत्र केस |
सेनापति बापट | वे मुलशी सत्याग्रह के नेता थे। |
भीकाजी कामा | 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ट में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में भारतीय ध्वज फहराया। |
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी | वे भारतीय विद्या भवन के संस्थापक थे। |
तिरुपुर कुमारन | वह देशबंधु यूथ एसोसिएशन के संस्थापक थे। |
लक्ष्मी सहगल | वह भारतीय सेना की अधिकारी थी। |
पर्बतीति गिरि | उन्हें पश्चिमी उड़ीसा की मदर टेरेसा के नाम से भी जाना जाता है। |
कन्नेजंती हनुमंथु | पालनाडु विद्रोह |
अल्लूरी सीताराम राजू | रंपा विद्रोह 1922-1924 |
सुचेता कृपलानी | वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस 1940 की संस्थापक एवं एक भारतीय राज्य (उत्तर प्रदेश) की मुख्यमंत्री भी थीं।
उन्होंने 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा में वंदे मातरम गीत गाया था। |
भवभूषण मित्रा | गदर विद्रोह में शामिल |
चंद्रशेखर आजाद | उन्होंने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापकों की मृत्यु के बाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन को इसके नए नाम हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के तहत पुनर्गठित किया। |
सुभाष चंद्र बोस | वे दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित किए गए।
इंडियन नेशनल आर्मी ने एक सैन्य नेता एवं एक संगठनकर्ता के रूप में सुभाष चंद्र बोस की महानता का खुलासा किया। (वह आईएनए के संस्थापक नहीं थे)। |
लाल बहादुर शास्त्री | श्वेत क्रांति
हरित क्रांति भारत के दूसरे प्रधानमंत्री |
चितरंजन दास | बंगाल से असहयोग आंदोलन के नेता एवं स्वराज पार्टी के संस्थापक। |
प्रफुल्ल पांव | दोनों मुजफ्फरपुर हत्याकांड में शामिल थे। |
खुदीराम बोस | |
मदन लाल ढींगरा | वे विलियम कर्जन वाइली की हत्या में शामिल थे। |
सूर्य सेन | उन्हें चटगांव शस्त्रागार पर हमले का योजनाकार कहा जाता है। |
प्रीति लता वाडेकर | पहाड़तली यूरोपियन क्लब पर हमला |
रासबिहारी बोस | भारतीय राष्ट्रीय सेना (इंडियन नेशनल आर्मी) |
श्यामजी कृष्ण वर्मा | लंदन में इंडियन होम रूल सोसाइटी, इंडिया हाउस एवं द इंडियन सोशियोलॉजिस्ट के संस्थापक। |
सुबोध राय | तेभागा आंदोलन में शामिल। |
तंगुटूरी प्रकाशम | भाषाई आधार पर मद्रास राज्य के विभाजन द्वारा बनाए गए नए आंध्र राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री। |
उबैदुल्लाह सिंधी | रेशम पत्र षड्यंत्र में संलग्नता। |
वासुदेव बलवंत फड़के | वह दक्कन विद्रोह के नेतृत्वकर्ता थे। |
विनायक दामोदर सावरकर | हिंदू महासभा के प्रमुख व्यक्तियों में से एक एवं हिंदू राष्ट्रवादी दर्शन के सूत्रधार। |
भारत के शीर्ष 10 स्वतंत्रता सेनानी
वास्तव में भारत के शीर्ष 10 स्वतंत्रता सेनानियों का चयन करना अत्यंत कठिन कार्य है क्योंकि प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी ने अपने तरीके से भारत की स्वतंत्रता के लिए योगदान दिया। हमें उन्हें वर्गीकृत करना चाहिए या उन्हें एक क्रम में रखना चाहिए। हालांकि, हम कह सकते हैं कि कुछ स्वतंत्रता सेनानी ऐसे थे जो दूसरों की तुलना में अधिक प्रसिद्ध थे। उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी, बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, इत्यादि। नीचे हमने इन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके योगदान के बारे में विस्तार से चर्चा की है।
भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी
हमने देश की स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय सर्वाधिक प्रसिद्ध व्यक्तित्वों के बारे में भी चर्चा की है। भारत के इन प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में महत्वपूर्ण विवरण नीचे दिया गया है-
महात्मा गांधी
मोहनदास करमचंद गांधी को अक्सर भारत के लिए किए गए अपार बलिदानों के लिए “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को हुआ था। महात्मा गांधी द्वारा अपनाए गए सत्य एवं अहिंसा के मार्ग ने संपूर्ण विश्व में अनेक अन्य स्वतंत्रता आंदोलनों एवं मानवाधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया। महात्मा गांधी की बदौलत अहिंसा की अवधारणा को अपनाने के लिए भारत की पहचान है। उनका विचार था कि अहिंसक प्रतिरोध एवं अंग्रेजों के साथ सहयोग करने की अनिच्छा औपनिवेशिक शासन को समाप्त करने एवं स्वतंत्रता लाने के लिए पर्याप्त होगी।
Khadi The Handwoven Freedom by Mahatma Gandhi
सुभाष चंद्र बोस
सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सर्वाधिक प्रसिद्ध एवं प्रभावशाली भारतीय राष्ट्रवादियों में से एक थे। नेताजी के रूप में भी संदर्भित, सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक में हुआ था। वे एक उत्साही राष्ट्रवादी थे, और उनमें अटूट देशभक्ति थी। बोस भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के कट्टरपंथी गुट से संबंधित थे। उन्होंने 1920 के दशक के प्रारंभ से 1930 के अंत तक कांग्रेस की एक कट्टरपंथी युवा शाखा के प्रमुख के रूप में कार्य किया। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, अनेक लोग यह मानते हैं कि वे बच गए एवं उनकी मृत्यु बाद में हो गई।
Biography of Subash Chandra Bose
सरदार भगत सिंह
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा, पाकिस्तान में हुआ था। भगत सिंह को सर्वाधिक उग्र भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में माना जाता है। भारत के लिए स्वतंत्रता संग्राम में, वह एक बहुत ही सम्मानित व्यक्ति थे, हालांकि महात्मा गांधी एवं जवाहरलाल नेहरू जैसे उनके कई समकालीनों द्वारा उनके तरीकों पर प्रश्न किया गया था। वह 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के प्रतिशोध के रूप में एक ब्रिटिश पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट की हत्या की साजिश में शामिल थे। 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजों ने इस वीर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी को पाकिस्तान के लाहौर स्थित लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया। उस वक्त उनकी आयु मात्र 23 वर्ष थी। उन्हें शहीद भगत सिंह के नाम से जाना जाता है।
जवाहरलाल नेहरू
पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। पंडित नेहरु पंद्रह साल की उम्र में पढाई के लिए इंग्लैंड चले गए 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए। उन्होंने आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन में गहरी रुचि ली थी।
1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने। 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले जिनसे वे काफी प्रेरित हुए।
उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा। पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। 1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। उन्हें 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने 14 फ़रवरी 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूर्ण किया।
7 अगस्त 1942 को मुंबई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक संकल्प ‘भारत छोड़ो’ को कार्यान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 8 अगस्त 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर अहमदनगर किला ले जाया गया। यह अंतिम मौका था जब उन्हें जेल जाना पड़ा एवं इसी बार उन्हें सबसे लंबे समय तक जेल में समय बिताना पड़ा। अपने पूर्ण जीवन में वे नौ बार जेल गए। जनवरी 1945 में अपनी रिहाई के बाद उन्होंने राजद्रोह का आरोप झेल रहे आईएनए के अधिकारियों एवं व्यक्तियों का कानूनी बचाव किया था.
चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के भावरा गाँव में पंडित सीताराम तिवारी एवं जागरण देवी के यहां हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। वह स्वतंत्रता के विचारों से आकर्षित हुए एवं महात्मा गांधी द्वारा प्रारंभ किए गए असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के संस्थापक रामप्रसाद बिस्मिल की मृत्यु के पश्चात, आजाद ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) का पुनर्गठन किया। 15 वर्ष की आयु में, जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने पर, उन्होंने स्वयं को आजाद, अपने पिता को स्वतंत्रता एवं अपने घर को जेल के रूप में बताया था।
लाला लाजपत राय
पंजाब केसरी, लाला लाजपत राय 1894 में स्थापित पंजाब नेशनल बैंक के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने 1885 में लाहौर में दयानंद आंग्ल-वैदिक स्कूल की स्थापना की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस/INC) के सदस्य भी थे। 1917 में न्यूयॉर्क में उनके द्वारा इंडियन होम रूल लीग ऑफ़ अमेरिका की स्थापना की गई थी। उन्होंने 1921 में लाहौर में सर्वेन्ट्स ऑफ पीपुल सोसाइटी की स्थापना की, जिसका उद्देश्य अपने देश की सेवा करने के लिए स्थानीय मिशनरियों की भर्ती करना एवं उन्हें शिक्षित करना था। लाला लाजपत राय ने बंगाल विभाजन के विरुद्ध भी नारेबाजी की थी। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड, रोलेट एक्ट के विरुद्ध प्रदर्शनों में भाग लिया था।
Biography of Lala Lajpat Rai in hindi
Lala Lajpat Rai 1865-1928 in English
बाल गंगाधर तिलक
बाल गंगाधर तिलक, जिन्हें लोकमान्य भी कहा जाता है, एक शिक्षक, राष्ट्रवादी एवं सक्रिय कार्यकर्ता थे। वह लाल बाल पाल की तिकड़ी में से एक हैं। वे स्वतंत्रता आंदोलन के प्रथम नेताओं में से एक थे। उन्हें “लोकमान्य“ की उपाधि प्रदान की गई, जिसका अर्थ है “लोगों द्वारा उन्हें नेता के रूप में स्वीकार किया गया“। उन्हें महात्मा गांधी द्वारा “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा जाता था। उनका मराठी उद्धरण: “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा!“ प्रसिद्ध है। उन्होंने राष्ट्रीय जागृति के लिए त्रिसूत्री तीन सूत्रीय एजेंडा पेश किया, जो स्वराज, स्वदेशी एवं राष्ट्रीय शिक्षा के लिए संदर्भित है।
मंगल पांडे
मंगल पांडे, एक प्रसिद्ध भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिनका जन्म 19 जुलाई, 1827 को हुआ था. मंगल पाण्डेय को अक्सर स्वतंत्रता के लिए भारत के प्रथम युद्ध अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के विद्रोह के अग्रदूत के रूप में देखा जाता है। ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री रेजिमेंट में एक सैनिक के रूप में उन्होंने सिपाही विद्रोह का नेतृत्व किया था जिसके परिणामस्वरूप अंततः 1857 का विद्रोह हुआ था। एक सिपाही विद्रोह की प्रत्याशा में ब्रिटिश अधिकारियों ने दस दिन पूर्व 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर में उन्हें फांसी दे दी गई।
रानी लक्ष्मी बाई
19 नवंबर, 1828 को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसी में हुआ था। वह छद्मनाम मनु से जानी जाती हैं तथा मणिकर्णिका तांबे नाम से जाती है। वह क्रांतिकारी युद्ध में सबसे दृढ़ सैनिकों में से एक थीं। उन्होंने कई भारतीय महिलाओं को अपने देश की आजादी के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया एवं वह आज भी महिलाओं को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित करती हैं। 1858 में जब ब्रिटिश सैनिकों ने झांसी पर आक्रमण किया, तब उन्होंने अपने शिशु के साथ अपने किले की रक्षा की। 18 जून, 1858 को ग्वालियर में, वह एक अंग्रेज सेनापति ह्यूज रोज के विरुद्ध लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुई।
ज्योतिबा फूले
ज्योतिबा फुले ने अगस्त 1848 में बालिकाओं के लिए भारत के पहले स्कूल की स्थापना की एवं यह तात्यासाहेब भिडे के घर में स्थित था। बाद में उन्होंने बालिकाओं तथा निचली जातियों (महार एवं मांग) के लोगों के लिए दो अतिरिक्त स्कूल खोले। वह भारत में महिला शिक्षा की आरंभिक समर्थक थी क्योंकि उनका मानना था कि केवल शिक्षा ही सामाजिक अन्याय को कम कर सकती है। उन्होंने 1873 में समाज के अल्प भाग्यशाली वर्गों के सामाजिक अधिकारों एवं राजनीतिक पहुंच को बढ़ाने के उद्देश्य से सत्यशोधक समाज (सोसाइटी ऑफ ट्रुथ-सीकर्स) की स्थापना की।
दादाभाई नौरोजी
दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितंबर 1825 को मुंबई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और बाद में गणित के प्रोफेसर बने। नौरोजी ने अपने जीवनकाल में भारतीय समाज में आर्थिक और सामाजिक सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे। उन्हें भारतीय राजनीति में “ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है। वे पहले भारतीय थे जिन्हें ब्रिटिश संसद में चुने गए थे और वे भारतीय राजनीति में अपने आर्थिक विचारों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध थे।
दादाभाई नौरोजी ने 1866 में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना की थी। उन्होंने लंदन में भारतीयों एवं सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारियों के साथ मिलकर ईस्ट इंडिया एसोसिएशन (ईआईए) की स्थापना की। संगठन ने ब्रिटिश शासन के तहत भारतीयों की वकालत की एवं विचार के लिए मुद्दों को उठाया। दादाभाई नौरोजी की सबसे प्रमुख पुस्तक, “पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया” ने अंग्रेजों द्वारा भारत के आर्थिक शोषण को उजागर किया। उन्होंने 1878 के वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट का विरोध किया। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीयों को शामिल करने तथा नौकरशाही के भारतीयकरण का समर्थन किया।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (3 दिसंबर 1884 – 28 फरवरी 1963) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, अधिवक्ता, कार्यकर्ता, पत्रकार एवं विद्वान थे। उन्होंने 1950 से 1962 तक भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह महात्मा गांधी के समर्थक थे। स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 1931 के सत्याग्रह एवं 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल जाना पड़ा। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय स्तर पर खाद्य एवं कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें “अजातशत्रु” भी कहा जाता था, जिसका अर्थ है जिसका कोई शत्रु नहीं हो।
लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री (2 अक्टूबर 1904 – 11 जनवरी 1966) एक भारतीय राजनीतिज्ञ एवं राजनेता थे। उन्होंने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री तथा छठे गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। वह श्वेत क्रांति- दुग्ध के उत्पादन एवं आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान के प्रमुख प्रस्तावक थे। उन्होंने विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश राज्यों में खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए हरित क्रांति की शुरुआत की। यह भारत में खाद्य आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।
सरदार वल्लभभाई भाई पटेल
सरदार वल्लभभाई भाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 – 15 दिसंबर 1950), जिन्हें आमतौर पर सरदार के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय अधिवक्ता, प्रभावशाली राजनीतिक नेता, बैरिस्टर एवं राजनेता थे। सरदार वल्लभभाई भाई पटेल ने भारत के प्रथम गृह मंत्री एवं प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। विभिन्न रियासतों को भारतीय ध्वज के नीचे लाने में उनके योगदान के लिए उन्हें ‘ भारत के लौह पुरुष एवं भारत के एकजुटता के सूत्रधार’ (आयरनमैन ऑफ इंडिया एवं यूनिफायर ऑफ इंडिया) भी कहा जाता है।
बिपिन चन्द्र पाल
आधुनिक भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बिपिन चन्द्र पाल का नाम स्वतंत्रता सेनानियों में महत्वपूर्ण स्थान है. बिपिन चन्द्र पाल का जन्म 7 नवम्बर 1858 को सिलहट जिला में हुआ था जो अब बांग्लादेश में है. उन्होंने सन 1874 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा पास की और 1875 में प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिए थे. इन्होने 1879 में कटक हाई स्कूल के प्रधाना ध्यापक के रूप में अपनी जीविका प्रारंभ की एवं इसके साथ ही उन्होंने बांग्ला साप्ताहिक ‘परिदर्शक’ पत्रिका शुरू किया. 1898 में बिपिन चन्द्र ‘ब्रिटिश एंड फोरेन युनिटेरियन एसोसिएसन’ द्वाराप्रदत्त छात्रवृति पर धर्मशास्त्रीय अध्धयन हेतु इंग्लैंड गए. 1900 ईस्वी में देश की आजादी के आन्दोलन में कूद पड़े. उन्होंने बंगाल वैष्णववाद के दर्शनशास्त्र के संबंध में लिखते हुए भारतीय संस्कृति के मूलभूत पहलुओं के कुछ सिद्धांतों का प्रतिपादन किया और आधुनिक भारत के कुछ निर्माताओं, जैसे राजा राममोहन राय, केशवचन्द्र सेन, अरविन्द घोष, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, आशुतोष मुखर्जी और एनी बेसेंट के जीवन-वृत्तों पर एक अध्ययनात्मक लेखमाला लिखी। उन्होंने बंगला भाषा में रानी विक्टोरिया की एक जीवनी और अपनी आत्मकथा, मैमोरीज ऑफ माई लाईफ एण्ड टाईम्स (1932) भी प्रकाशित की।
अशफाक उल्ला खां
अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्टूबर 1900 ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिमी प्रांत के शाहजहांपुर में खैबर जनजाति के एक मुसलमान पठान परिवार में हुआ था।
अशफाकुल्ला खान ने 1924 में एक संगठन का गठन किया जिसका नाम हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन रखा गया। इस संगठन का उद्देश्य एक स्वतंत्र भारत प्राप्त करने के लिए सशस्त्र क्रांतियों का आयोजन करना था।
अशफाकुल्ला खान ने राम प्रसाद बिस्मिल सहित एच. एस. आर. ए. के क्रांतिकारियों ने 9 अगस्त, 1925 को लखनऊ के पास काकोरी में ब्रिटिश सरकार का पैसा ले जा रही ट्रेन को लूट लिया। बिस्मिल, अशफाकुल्ला खान और कुछ अन्य लोगों को मौत की सजा देकर काकोरी डकैती के मामले का समापन किया गया। अशफाकुल्ला खान को 19 दिसंबर, 1927 को फैजाबाद जेल में फांसी देकर मार दिया गया था।
नाना साहब
नाना साहब ने 19 मई सन 1824 को माधवनारायण भट्ट के घर जन्म लिया था। इनके पिता पेशवा बाजीराव द्वितीय के सगोत्र भाई थे। पेशवा बाजीराव द्वितीय ने पुत्रहीन होने के कारण इसी बालक को गोद ले लिया था। कानपुर के पास गंगा तट के किनारे बिठुर (कानपुर) में ही रहते हुए, बाल्यावस्था में ही नाना साहब ने घुड़सवारी, मल्लयुद्ध और तलवार चलाने में कुशलता प्राप्त कर ली थी। अजीम उल्ला ख़ाँ नाना साहब का वेतन भोगी कर्मचारी था।
सुखदेव
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को लुधियाना, पंजाब में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित होने का संकल्प लिया। वे लाहौर नेशनल कॉलेज के छात्र थे, जहां वे भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु ने ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सांडर्स की हत्या की योजना बनाई।
कुंवर सिंह
कुंवर सिंह का जन्म 1777 में बिहार के शाहाबाद जिले (वर्तमान भोजपुर जिला) के जगदीशपुर में हुआ था। कुंवर सिंह 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नायक थे। वे बिहार के जगदीशपुर के एक सामंत थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया।
वी डी सावरकर
वीर विनायक दामोदर सावरकर (28 मई 1883 – 26 फरवरी 1966) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक, कवि, और लेखक थे। उन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है। विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर गाँव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा नासिक और पुणे में प्राप्त की। 1904 में, उन्होंने अभिनव भारत नामक एक गुप्त समाज की स्थापना की थी. 1909 में, सावरकर ने “1857 का भारतीय विद्रोह” नामक पुस्तक लिखी, जिसमें 1857 के विद्रोह को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में प्रस्तुत किया गया। यह पुस्तक ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई थी। 1909 में, सावरकर पर नासिक केस के तहत उन्हें 50 साल का कारावास दिया गया और उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सेलुलर जेल भेज दिया गया, जहाँ उन्होंने कठोर यातनाएं झेलीं।
वी डी सावरकर
वीर विनायक दामोदर सावरकर (28 मई 1883 – 26 फरवरी 1966) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता, समाज सुधारक, कवि, और लेखक थे। उन्हें वीर सावरकर के नाम से भी जाना जाता है। विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर गाँव में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा नासिक और पुणे में प्राप्त की। 1904 में, उन्होंने अभिनव भारत नामक एक गुप्त समाज की स्थापना की थी. 1909 में, सावरकर ने “1857 का भारतीय विद्रोह” नामक पुस्तक लिखी, जिसमें 1857 के विद्रोह को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में प्रस्तुत किया गया। यह पुस्तक ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई थी। 1909 में, सावरकर पर नासिक केस के तहत उन्हें 50 साल का कारावास दिया गया और उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के सेलुलर जेल भेज दिया गया, जहाँ उन्होंने कठोर यातनाएं झेलीं।
एनी बेसेंट
आजादी के आन्दोलन के दौरान एनी बेसेंट का विशेष योगदान है, 1913 में कॉमन विल नामक पत्रिका का संपादन किया और कुछ समय बाद मद्रास स्टैण्डर्ड पत्रिका को खरीदकर उसका नाम न्यू इंडिया रखा.
रानी लक्ष्मी बाई
लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी में हुआ था, इनका असली नाम मणिकर्णिका तांबे था। लक्ष्मी बाई का विवाह झांसी के महाराजा गंगाधर राव से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया, लेकिन वह जल्द ही चल बसा। महाराजा गंगाधर राव ने अपनी मृत्यु से पहले, एक लड़के को दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया और उसे उत्तराधिकारी घोषित किया। ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौजी ने दत्तक पुत्र को मान्यता देने से इनकार कर दिया और व्यपगत के सिद्धांत के अनुसार झांसी पर कब्जा कर लिया।
बेगम हजरत महल
बेगम हजरत महल ने 1857 के विद्रोह के दौरान अवध क्षेत्र से अंग्रेजी सरकार को चुनौती दी थी. इनका जन्म फैजाबाद में हुआ था. इन्होने नवाब वाजिद अली शाह से निकाह की थी. 1857 के विद्रोह के समय इन्होने अपने बेटे बिरजिस कद्र के साथ मिलकर विद्रोह का नेतृत्व किया.
सरोजिनी नायडू
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में सोरोजिनी नायडू को योगदान विशेष महत्वपूर्ण है, इसका जन्म 13 फरवरी, 1879 में
हैदराबाद में हुआ था. इनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था. साहित्य में विशेष रूचि रखने के कारण इन्हें भारत कोकिला के नाम से जाना जाता है. इन्हें कांग्रेस का प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष वर्ष 1925 में होने का गौरव प्राप्त है. अंग्रेजी सरकार ने इन्हें कैसर-ए-हिन्द की उपाधि से सम्मानित किया था.
डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी
इनका जन्म 30 जुलाई 18८६ को मद्रास में हुआ था. डॉ. मुथुलक्ष्मी को 1912 में भारत की प्रथम महिला चिकित्सक होने का गौरव प्राप्त है. वर्ष 1927 में मद्रास विधान परिषद् में प्रथम महिला विधायक नियुक्त की गई थी. इसके साथ ही 1930 में नमक सत्याग्रह आन्दोलन में गाँधी जी के साथ गिरफ़्तारी भी दी थी.
अरुणा आशफ अली
अरुणा आशफ अली भारत की एक स्वतंत्रता सेनानी थी जो उनके अदम्य सहस के लिए जाना जाता है. अरुणा आशफ अली का जन्म 16 जुलाई 1909 में कालका (हरियाणा) में हुआ था. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने 8 अगस्त 1942 को बम्बई अधिवेशन में भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रस्ताव पारित किया. अरुणा अशफ़ अली ने 9 अगस्त 1942 को विशेष अधिवेशन की अध्यक्षता की और बम्बई के ग्वालियाँ टैंक मैदान में तिरंगा फहराकर भारत छोड़ोआन्दोलन की शुरुवात की थी.
कल्पना दत्त
कल्पना दत्त बंगाल की एक स्वतंत्रता सेनानी थी, ये सूर्य सेन , जिन्हें मास्टर दा के नाम से जाना जाता है, के विचारों से प्रभावित होकर स्वाधीनता संग्राम में सक्रीय हुई थी. इसके साथ ही कल्पना दत्त चिटगांव रिपब्लिकन आर्मी में सम्मिलत होकर अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध संघर्ष की थी. उन्हें बाद में गिरफ्तार करके आजीवन काले पानी की सजा के लिए अंडमान निकोबार भेज दिया गया. 66 वर्ष की उम्र में इनका देहांत वर्ष 1978 में हो गया.
विजय लक्ष्मी पंडित
विजय लक्ष्मी का जन्म 18 अगस्त 1900 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे। 1932, 1940 और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संघर्ष किया और कई बार जेल भी गईं। स्वतंत्रता के बाद, विजय लक्ष्मी पंडित ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह 1946 में भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री बनीं और स्वास्थ्य मंत्री के रूप में सेवा की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सक्रिय सदस्य रहीं और कई आंदोलनों में भाग लिया। 1953 में, वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं, जिससे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का मान बढ़ाया।
कादम्बिनी गांगुली
कादम्बिनी गांगुली का जन्म बंगाल के वारिसाल में हुआ था. सन 1882 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्रथम महिला स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. 1890 में इन्होने कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन को सम्बोधित किया था. कादम्बिनी गांगुली ने द्वारिकानाथ गांगुली से अंतरजातीय विवाह की थी.
अल्लूरी सीताराम राजू
अल्लूरी सीताराम राजू का जीवन और उनकी संघर्ष गाथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रसिद्ध है उनके साहस और बलिदान को सदैव याद किया जाएगा और आने वाली पीढ़ियाँ उनके उदाहरण से प्रेरणा लेती रहेंगी। इनका जन्म 4 जुलाई 1897 में पंडरंगी गाँव, विशाखापत्तनम जिला, आंध्र प्रदेश में हुआ था. वर्ष अल्लूरी सीताराम राजू ने वर्ष 1922-1924 का रम्पा विद्रोह (मान्यम विद्रोह) का नेतृत्त्व किया था. यह विद्रोह गुरिल्ला आन्दोलन के जरिये चलाया गया था. इसके साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए असहयोग आंदोलन में भाग लिया था.
उषा मेहता
उषा मेहता भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी थी. इनका जन्म 25 मार्च 1920 गुजरात के सूरत के पास एक गाँव में हुआ था. वह एक गाँधीवादी कार्यकर्त्ता थी. वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान इन्होने कांग्रेस रेडियो का आयोजन की थी. कांग्रेस रडियो एक भूमिगत रेडियो स्टेशन था जिसने अंग्रेजी सरकार को परेशान कर दिया था.
भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की महत्वपूर्ण कथन व नारे
कथन व नारें | स्वतंत्रता सेनानी |
यदि हम साल में एक बार मेढ़क की टर्राते हैं, तो हमें अपने प्रयासों में सफलता नहीं मिलेगी | बल गंगाधर तिलक |
क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से होती है | भगत सिंह |
पाकिस्तान का निर्माता जिन्ना या मोहम्मद इकबाल नहीं, वरन लॉर्ड मिंटो था | राजेंद्र प्रसाद |
यह एक ऐसा चेक था जिसका बैंक पहले ही नष्ट होने वाला था | महात्मा गाँधी |
कर्जन ने वही किया जो औरंगजेब ने किया | गोपाल कृष्ण गोखले |
कांग्रेस का अधिवेशन तीन दिन का तमाशा है | अश्विनी कुमार दत्त |
मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत में कील सिद्ध होगी | लाला लाजपत राय |
UPSC में पूछे गए प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित स्वतंत्रता सेनानियों पर विचार करेंः
- बरिन्द्र कुमार घोष
- जोगेश चंद्र चटर्जी
- रास बिहारी बोस
उपरोक्त में से कौन ग़दर पार्टी से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था/था?
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) केवल 3
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन ‘सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न’ से जुड़ा है, जो प्राचीन भारत के धार्मिक गीतों का अंग्रेजी में अनुवाद है?
(a) बाल गंगाधर तिलक
(b) जवाहरलाल नेहरू
(c) मोहनदास करमचंद गांधी
(d) सरोजिनी नायडू
प्रश्न 3. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संदर्भ में, उषा मेहता के लिए प्रसिद्ध हैं
(a) भारत छोड़ो आंदोलन के मद्देनजर गुप्त कांग्रेस रेडियो चलाना
(b) दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेना
(c) भारतीय राष्ट्रीय सेना की एक टुकड़ी का नेतृत्व करना
(d) पंडित जवाहरलाल नेहरू के अधीन अंतरिम सरकार के गठन में सहायता करना
भारत में स्वतंत्रता सेनानियों के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न. भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी कौन थे?
उत्तर. महात्मा गांधी और भगत सिंह को उनके विश्वास एवं भारत की आजादी के लिए दिए गए बलिदानों के कारण भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी माना जाता था।
प्रश्न. महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु कौन थे
उत्तर. महात्मा गांधी अक्सर गोपाल कृष्ण गोखले को अपना राजनीतिक गुरु कहते थे।
प्रश्न. भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी कौन हैं?
उत्तर. भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी निम्नलिखित हैं-
- महात्मा गांधी
- जवाहरलाल नेहरू
- लाला लाजपत राय
- बाल गंगाधर तिलक
- मंगल पांडे
- सुभाष चंद्र बोस
- सरदार भगत सिंह
- चंद्रशेखर आजाद
- सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रश्न. भारत का प्रथम स्वतंत्रता सेनानी किसे माना जाता है।
उत्तर. मंगल पांडे को अक्सर अंग्रेजों के विरुद्ध 1857 के विद्रोह में उनकी प्रेरक भूमिका के लिए भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के उपनाम के साथ श्रेय दिया जाता है, जिसे व्यापक रूप से स्वतंत्रता के लिए भारत का प्रथम युद्ध माना जाता है।
Read in English: Freedom Fighters of India 1857-1947