Home   »   FDI in Defence Sector   »   C295 MW Transport Aircraft: A Watershed...

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: एक ऐतिहासिक क्षण!

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: C295 MW मालवाहक विमान:  चर्चा में क्यों है?

  • 30 अक्टूबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक स्थापना केंद्र की आधारशिला रखेंगे जो भारतीय वायु सेना के लिए सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान का निर्माण करेगी।
  • गुजरात के वडोदरा को एयरबस एवं भारत के टाटा समूह की संयुक्त उद्यम  केंद्र स्थापित करने  हेतु चयनित किया गया है।

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: एक ऐतिहासिक क्षण!_3.1

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: एक समयरेखा

  • भारतीय वायु सेना के पास 1960 के दशक में खरीदे गए लगभग 56 एवरो मालवाहक विमान हैं, जिन्हें बदलने की तत्काल आवश्यकता थी।
  • प्रस्ताव के लिए अनुरोध (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल/RFP) मई 2013 में वैश्विक व्यावसायिक कंपनियों को जारी किया गया था एवं C-295 विमान के साथ एअरबस तथा टाटा ग्रुप द्वारा एकमात्र बोली को मई 2015 में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल/DAC) द्वारा अनुमोदित किया गया था।
  • यद्यपि, 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने अंततः भारतीय वायु सेना (इंडियन एयर फोर्स/IAF) के लिए 56 (छप्पन) C-295 MW मालवाहक विमान की खरीद को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।

 

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: एक ऐतिहासिक कदम

  • अपनी तरह की पहली 21,935 करोड़ रुपये की सैन्य विमान परियोजना भारतीय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगा, क्योंकि यह भारत के निजी क्षेत्र की  प्रथम भागीदारी के मामले में एक मील का पत्थर- तथा संभवतः सर्वाधिक महत्वपूर्ण मेक-इन-इंडिया परियोजना है।
  • 2021 में अनुबंधित 56 विमानों में से कम से कम 40 को कारखाने में निर्मित किया जाएगा।
  • 16 विमान उड़ान भरने की (फ्लाईअवे) स्थिति में वितरित किए जाएंगे तथा 40 का निर्माण भारत में भारतीय विमान अनुबंधकर्ता, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) के टाटा कंसोर्टियम एवं टीएएसएल के नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा किया जाएगा।
  • प्रति वर्ष कम से कम 8 विमानों की उत्पादन दर के साथ, यह केंद्र अन्य देशों में C295 मांगों को पूरा करने के लिए निर्यात हेतु एक केंद्र के रूप में कार्य करेगी।
  • विशेष रूप से, कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, सी 295 के 13,400 से कल पुर्जों, 4,600 लघु- फिटिंग्स में तथा सभी प्रमुख पुर्जों को सात भारतीय राज्यों में विस्तृत 125 भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त किया जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त, सभी 56 विमान भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) एवं भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) जैसे भारतीय रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सामग्री समुच्चय (वारफेयर सूट) से सुसज्जित होंगे।

 

C295 MW मालवाहक विमान: नई पीढ़ी के सामरिक विमानों का युग 

खरीदें और बनाएंश्रेणी

  • नई पीढ़ी के सामरिक मालवाहक विमानों की खरीद रक्षा खरीद प्रक्रिया की ‘खरीदें एवं निर्मित करें’ श्रेणी के तहत की जाएगी।
  • 56 विमानों में से, प्रथम 16 फ्लाई-अवे विमान सितंबर 2023 एवं अगस्त 2025 के बीच स्पेन में एयरबस की CASA केंद्र से प्राप्त होने वाले हैं। जबकि शेष 40 का निर्माण ‘टाटा कंसोर्टियम’ द्वारा वडोदरा में स्थापित किए जाने वाले संयंत्र में किया जाएगा।

मजबूती से निर्मित तथा अत्यधिक विश्वसनीय

  • 5-10 टन वजनी C-295 MW विमान समकालीन तकनीक से लैस है जो भारतीय वायु सेना के पुराने हो रहे एवरो विमान को प्रतिस्थापित करेगा।
  • त्वरित प्रतिक्रिया एवं सैनिकों और कार्गो के पैरा ड्रॉपिंग के लिए विमान में एक रियर रैंप द्वार है।
  • इसके  अतिरिक्त, विमान अर्ध-तैयार सतहों से लघु उड़ान (शॉर्ट टेक-ऑफ) / लैंड कर सकता है, जो दुर्गम इलाकों में भारतीय वायु सेना की रसद (लॉजिस्टिक) क्षमताओं को मजबूत करेगा।

बहु-भूमिका संचालन करने में सक्षम

सभी मौसमों में दुनिया भर में बहु-भूमिका संचालन करने में सक्षम, विमान पूर्ण रूप से प्रमाणित है तथा नियमित रूप से रेगिस्तान, समुद्री, अत्यधिक गर्म एवं अत्यधिक ठंडे तापमान जैसी मौसम की सभी स्थितियों में युद्ध अभियानों में दिन/रात संचालित होता है। विमान उत्तर पूर्व, हिमालय, घाटी जैसे दुर्गम इलाकों में बहुप्रतीक्षित (अत्यंत आवश्यक) उड़ान क्षमता लाएगा।

 

सी 295 एमडब्ल्यू मालवाहक विमान: रोजगार सृजन के लिए उत्प्रेरक

  • एयरबस द्वारा स्पेन में अपने विनिर्माण केंद्र में प्रति विमान काम करने वाले कुल मानव घंटे के 96% के साथ, भारत में आने से, विमानों के स्वदेशी निर्माण से 600 अत्यधिक कुशल नौकरियों, 3,000 से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियों  एवं अतिरिक्त 3,000  मध्यम कुशलता वाली नौकरियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • घरेलू विमानन निर्माण में वृद्धि से आयात पर निर्भरता कम होगी  एवं निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।
  • इंजन, लैंडिंग गियर, वैमानिकी (एवियोनिक्स), ईडब्ल्यू सूट जैसी विभिन्न प्रणालियां एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा प्रदान की जाएंगी एवं भारत में टाटा कंसोर्टियम द्वारा विमान में जोड़ी जाएंगी।
  • इसके अतिरिक्त, टाटा कंसोर्टियम ने संपूर्ण भारत में सात राज्यों में विस्तृत 125 से अधिक देश में अवस्थित  लघु एवं मध्यम इकाइयों (इन-कंट्री एमएसएमई) के आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की है।
  • यह भारत के विमानन (एयरोस्पेस) एवं रक्षा क्षेत्र में 42.5 लाख से अधिक मानव- कार्य घंटे के साथ, देश के  विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार सृजन में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा।

 

सीआरएआर क्या है: एक बैंक को सीआरआर बनाए रखने की आवश्यकता क्यों है? भारत-अफ्रीका रक्षा सहयोग

 

पराली जलाने पर सीएक्यूएम बैठक जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक 2022
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति पर विशेष एमपीसी बैठक आयोजित करेगा संपादकीय विश्लेषण: गोइंग ग्रीन अफ्रीकी स्वाइन फ्लू
मरुस्थल राष्ट्रीय उद्यान/डेजर्ट नेशनल पार्क जतिंद्र नाथ दास राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम आधारभूत चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क/NCF)

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *