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पराली जलाने पर सीएक्यूएम बैठक

पराली जलाने पर सीएक्यूएम बैठक- यूपीएससी परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है 

पराली जलाने पर सीएक्यूएम बैठक: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग एक महत्वपूर्ण निकाय है। एनसीआर  एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पर्यावरण) तथा यूपीएससी की मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के पेपर 3 (पर्यावरण: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण) के लिए प्रासंगिक है।

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पराली जलाने पर सीएक्यूएम बैठक 

  • एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हाल ही में पराली जलाने से निपटने के लिए समीक्षा बैठकें की हैं।
  • एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राज्य विशिष्ट कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए वैधानिक निर्देश जारी किए हैं।
    • यह इस वर्ष पंजाब में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के आलोक में आया है।

 

पराली जलाने पर सीएक्यूएम 

  • उपग्रह सुदूर संवेदन (रिमोट सेंसिंग) डेटा के अनुसार, 24/10/2022 तक, पंजाब में  मात्र 39% बोए गए क्षेत्र की कटाई की गई थी एवं इस प्रकार आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
  • सीएक्यूएम के लिए इसरो द्वारा विकसित मानक प्रोटोकॉल के अनुसार, 15 सितंबर, 2022 से 26 अक्टूबर, 2022 की अवधि के लिए, पंजाब में धान के अवशेष जलाने की कुल घटनाएं पिछले वर्ष की इसी अवधि के 6,463 की तुलना में 7036 हैं।
  • सीएक्यूएम ने आगे कहा कि मौजूदा धान कटाई के मौसम के दौरान लगभग 70% खेत में आग मात्र छह जिलों अर्थात् अमृतसर, फिरोजपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, पटियाला एवं तरनतारन से सामने आई थी।
    • पंजाब में कुल 7,036 घटनाओं की तुलना में इन जिलों में 4,899 मामले घटित हुए हैं।
    • इन पारंपरिक छह हॉटस्पॉट जिलों में भी इसी अवधि के लिए पिछले वर्ष के दौरान आग लगने की कुल घटनाओं का लगभग 65% हिस्सा था।

 

पंजाब के लिए सीएक्यूएम व्यापक कार्य योजना के प्रमुख स्तंभ

  • अन्य फसलों के लिए विविधीकरण, कम पुआल उत्पन्न करने वाले एवं शीघ्र पकने वाली धान की किस्मों के लिए विविधीकरण;
  • यथा स्थाने (इन-सीटू) जैव-अपघटक अनुप्रयोग सहित फसल अवशेष प्रबंधन
  • पर स्थाने (एक्स-सीटू) फसल अवशेष प्रबंधन;
  • आईईसी गतिविधियां;
  • निगरानी तथा प्रभावी प्रवर्तन।

 

सीएक्यूएम बैठक 2022 में उठाए गए कदम

बैठकों के दौरान निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों  एवं कार्रवाई बिंदुओं पर बल दिया गया:

  • 2022-23 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन (क्रॉप रेसिड्यू मैनेजमेंट/सीआरएम) योजना के तहत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर वेलफेयर/एमओएएफडब्ल्यू) द्वारा निधियों के किए गए आवंटन के माध्यम से अतिरिक्त कृषि मशीनरी की त्वरित खरीद।
  • कस्टम हायरिंग सेंटरों एवं सहकारी समितियों में उपलब्ध मशीनरी का मानचित्रण।
  • उपलब्ध सीआरएम यंत्रों तथा उपकरणों का इष्टतम उपयोग जिसमें गांव/संकुल स्तर पर सांतरण कटाई कार्यक्रम शामिल है।
  • स्वस्थाने प्रबंधन उपायों के पूरक के लिए जैव-अपघटक अनुप्रयोग का विस्तार करना।
  • परस्थाने की दिशा में मजबूत आपूर्ति श्रृंखला की सुविधा
  • पराली जलाने के विरुद्ध अभियान एवं
  • आईईसी गतिविधियों को और गहन करना।
  • निगरानी और प्रवर्तन कार्यों को तेज करना।

 

एनसीआर एवं आस-पास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग- प्रमुख बिंदु 

  • वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के बारे में: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (द कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट/CAQM) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (नेशनल कैपिटल रीजन/एनसीआर) एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, अधिनियम 2021 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
    • इससे पूर्व, आयोग का गठन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अध्यादेश, 2021 की घोषणा के माध्यम से किया गया था।
    • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, अधिनियम 2021 ने 1998 में एनसीआर में स्थापित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम तथा नियंत्रण प्राधिकरण (एनवायरनमेंट पॉल्यूशन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अथॉरिटी/EPCA) को भी भंग कर दिया।
  • अधिदेश: वायु गुणवत्ता सूचकांक से संबंधित सभी समस्याओं के बेहतर समन्वय, अनुसंधान, अभिनिर्धारण एवं समाधान को सुनिश्चित करने के लिए तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों हेतु।
  • कार्य क्षेत्र: एनसीआर से सटे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश राज्यों के क्षेत्रों आसपास के क्षेत्रों को उन क्षेत्रों के रूप में परिभाषित किया गया है जहां प्रदूषण का कोई भी स्रोत एनसीआर में वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
  • संरचना: एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग में निम्न शामिल होंगे:
  1. एक अध्यक्ष,
  2. सदस्य-सचिव एवं मुख्य समन्वय अधिकारी के रूप में संयुक्त सचिव स्तर का एक अधिकारी,
  3. पूर्णकालिक सदस्य के रूप में केंद्र सरकार से वर्तमान में सेवारत या पूर्व संयुक्त सचिव,
  4. वायु प्रदूषण से संबंधित विशेषज्ञता वाले तीन स्वतंत्र तकनीकी सदस्य,  तथा
  5. गैर सरकारी संगठनों से तीन सदस्य।
  • आयोग में पदेन सदस्य भी शामिल होंगे: 
  • केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य सरकारों की ओर से तथा
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड/सीपीसीबी), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) तथा नीति आयोग के तकनीकी सदस्य।
  • कुछ मंत्रालयों के प्रतिनिधि भी नियुक्त कर सकते हैं।
  • कार्यकाल: आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष अथवा सत्तर वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होगा।
  • नियुक्ति के लिए चयन समिति: आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की संस्तुति करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा गठित की जाएगी। समिति में शामिल होंगे-
    • अध्यक्ष- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रभारी मंत्री।
    • समिति के सदस्यों में शामिल होंगे- 
      • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री,
      • सड़क परिवहन तथा राजमार्ग मंत्री,
      • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, तथा
      • कैबिनेट सचिव।
    • उप-समितियां: एनसीआर एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को निम्नलिखित विषयों पर उप-समितियां बनाने की आवश्यकता है-
      • आयोग के एक सदस्य की अध्यक्षता में निगरानी तथा अभिनिर्धारण उप-समिति।
      • आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में सुरक्षा एवं प्रवर्तन उप-समिति, तथा
      • आयोग के एक तकनीकी सदस्य की अध्यक्षता में अनुसंधान तथा विकास उप-समिति।

 

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