Table of Contents
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते -यूपीएससी परीक्षा के लिए प्राथमिकता
- जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक का विकास।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते-संदर्भ
- संस्कृति मंत्रालय ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ के भाग के रूप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों के 75 वर्षों को दर्शाने वाले संपूर्ण देश में 75 स्थानों पर स्मारक प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते- प्रमुख बिंदु
- विज्ञान सर्वत्र पूज्यते के बारे में: विज्ञान सर्वत्र पूज्यते आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान मनाया जाने वाला एससीओपीई (साइंस कम्युनिकेशन पॉपुलराइजेशन एक्सटेंशन) का एक सप्ताह तक चलने वाला महोत्सव है।
- स्थान: विज्ञान सर्वत्र पूज्यते का आयोजन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 22-28 फरवरी, 2022 तक किया जाएगा।
- मूल मंत्रालय: संस्कृति मंत्रालय को विज्ञान सर्वत्र पूज्यते समारोह आयोजित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
- राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम्स/एनसीएसएम), संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त सोसाइटी, विज्ञान सर्वत्र पूज्यते में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
- एनसीएसएम विज्ञान प्रसार, भारत सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से कार्य कर रहा है।
- एनसीएसएम एक ही प्रशासनिक प्रछत्र के तहत विश्व में विज्ञान केंद्रों तथा संग्रहालयों का सर्वाधिक वृहद नेटवर्क बनाता है।
- कार्यान्वयन: संस्कृति मंत्रालय सरकार के विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठनों के साथ, राज्यों के राज्य स्तर पर एजेंसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी में विज्ञान सर्वत्र पूज्यते जमीनी स्तर पर मना रहा है।
- महत्व:
- विज्ञान सर्वत्र पूज्यते को भारत के युवाओं को प्रेरित करने एवं एक प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में सहायता करने हेतु अभिकल्पित किया गया है।
- विज्ञान सर्वत्र पूज्यते अमृत महोत्सव के बैनर तले अनेक मंत्रालयों, विभागों, क्षेत्रीय हितधारकों तथा आम जनता को एक साथ लाने का एक अद्भुत उदाहरण है।
धारा- भारतीय ज्ञान प्रणाली हेतु एक संबोधन गीत: प्रमुख बिंदु
- संस्कृति मंत्रालय धारा- भारतीय ज्ञान प्रणाली हेतु एक संबोधन गीत के दायरे में व्याख्यान प्रदर्शनों की एक श्रृंखला आयोजित करेगा ।
- इस श्रृंखला के तहत पहला कार्यक्रम ‘युगों के माध्यम से गणित में भारत के योगदान’ को समर्पित है।
- इसमें निम्नलिखित अवधियों के गणित को शामिल किया जाएगा-
- प्राचीन काल – शुल्बसूत्र में ज्यामिति, पिंगल का चंदा-शास्त्र एवं
- शास्त्रीय काल – भारतीय बीजगणित में युगांतकारी घटना, भारत में ज्योत पट्टी, त्रिकोणमिति, भारतीय बीजगणित में अनिश्चित समीकरण तथा
- केरल विधा: π के लिए माधव की अनंत श्रृंखला, त्रिकोणमितीय कार्यों की गणना।




TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
