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राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा समन्वयक

राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा समन्वयक:  यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस 3: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां  एवं उनका प्रबंधन – आतंकवाद के साथ संगठित अपराध का संबंध।

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राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा समन्वयक: संदर्भ

  • हाल ही में, भारत सरकार ने वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) को भारत के प्रथम राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा समन्वयक (नेशनल मैरिटाइम सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर/एनएमएससी) के रूप में नियुक्त करने का निर्णय लिया है ताकि देश को सुरक्षित करने के समग्र उद्देश्य के साथ विभिन्न प्रमुख हितधारकों के  मध्य सामंजस्य सुनिश्चित किया जा सके।

 

राष्ट्रीय सामुद्रिक सुरक्षा समन्वयक: प्रमुख बिंदु

  • एनएमएससी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अधीन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) के अंतर्गत नियुक्त किया गया है।
  • एनएमएससी का पद सैन्य सलाहकार के पद के पश्चात अनुक्रम में दूसरा है जो सैन्य मामलों से संबंधित   इनपुट सम्मिलित करने हेतु निर्मित किया गया था।
  • सैन्य सलाहकार का पद 2011 में बनाया गया था।
  • एनएससीएस का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर/एनएसए) करते हैं जो प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का सचिव भी होता है।

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एनएमएससी के उत्तरदायित्व 

  • सामुद्रिक सुरक्षातथासामुद्रिक नागरिक मुद्दों में शामिल सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय का उत्तरदायित्व एनएमएससी का होगा।
  •  वह सामुद्रिक अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनामी) की आवश्यकताओं में सुधार हेतु भी उत्तरदायी होंगे।
  • वह सामुद्रिक सुरक्षा के सभी पहलुओं को देखेंगे तथा इससे जुड़े सभी मुद्दों के लिए नोडल बिंदु होंगे।
  • उन्हें विभिन्न प्राधिकरणों के मध्य बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने का भी कार्य सौंपा जाएगा जो सामुद्रिक मुद्दों पर कार्यरत हैं, किंतु स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं।

 

एनएमएससी की आवश्यकता

  • एनएमएससी की आवश्यकता सर्वप्रथम दो दशक से भी अधिक समय पूर्व कारगिल युद्ध के पश्चात गठित मंत्रियों के समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) द्वारा व्यक्त की गई थी।
    • कारगिल ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने अपनी रिपोर्ट में संस्तुति की थी कि नौसेना, तटरक्षक बल एवं केंद्र तथा राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों के मध्य संस्थागत संबंधों के लिए सामुद्रिक मामलों के प्रबंधन हेतु एक शीर्ष निकाय का गठन किया जाना चाहिए।
    • अतः मंत्री समूह ने रक्षा मंत्रालय से शीर्ष निकाय के गठन के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।
  • 2008 में 26/11 के आतंकी हमलों के बाद, रक्षा मंत्रालय ने सामुद्रिक सुरक्षा सलाहकार बोर्ड स्थापित करने एवं एक सामुद्रिक सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा था। यद्यपि इसे लंबित रखा गया था।
  • पुनः, नवंबर 2021 में, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने आखिरकार एनएमएससी के निर्माण को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी।

 

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