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ट्यूनीशिया का नवीन संविधान – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध– द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
नया ट्यूनीशियाई संविधान चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, ट्यूनीशियाई मतदाताओं ने 94% बहुमत के साथ एक नए संविधान को अपना समर्थन प्रदान किया जो एक सशक्त राष्ट्रपति पद की वापसी को देखेगा।
- यह ट्यूनीशिया की क्रांति के पश्चात के संसदीय लोकतंत्र के संक्षिप्त प्रयोग को समाप्त करता है।
ट्यूनीशिया के नए संविधान की पृष्ठभूमि
- राष्ट्रपति कैस सैयद ने प्रधान मंत्री हिचेम मेचिची की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर दिया एवं विगत वर्ष संसद को निलंबित तथा विघटित कर दिया।
- राष्ट्रपति कैस सैयद संवैधानिक परिवर्तनों पर बल दे रहे हैं जो उनके एक-व्यक्ति शासन (वन-मैन रूल) को संस्थागत रूप प्रदान करेगा।
- विगत एक वर्ष में, श्री सईद ने स्वयं को और अधिक शक्तियां प्रदान करते हुए, अपने आदेशों के माध्यम से देश पर शासन किया है।
- उन्होंने अनेक न्यायाधीशों को निष्कासित कर दिया है, चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों पर अधिकार ग्रहण कर लिया है एवं राजनीतिक दलों को दरकिनार कर दिया है, जिसमें इस्लामवादी पार्टी, एन्नाहदा शामिल है, जिस पार्टी में भंग संसद के सर्वाधिक निर्वाचित प्रतिनिधि थे।
- जब ट्यूनीशिया एक बिगड़ते आर्थिक एवं कोविड-19 प्रेरित स्वास्थ्य संकट के मध्य राजनीतिक अस्थिरता में गिर गया, तो श्री सईद को अपने अधिकार का विस्तार करने का अवसर प्राप्त हुआ।
- उन्होंने ट्यूनीशिया की समस्याओं के लिए देश की संसदीय प्रणाली एवं राजनीतिक वर्गों के मध्य अंदरूनी कलह को जिम्मेदार ठहराया।
- संसदीय लोकतंत्र को निलंबित करने का उनका कदम उस समय अपेक्षाकृत लोकप्रिय था।
ट्यूनीशिया पर राष्ट्रपति कैस सैयद के शासन के प्रभाव
- श्री सईद के प्रत्यक्ष शासन में ट्यूनीशिया में बहुत कम प्रगति हुई है। उनकी लोकप्रियता पिछली गर्मियों में 82 प्रतिशत से गिरकर इस वर्ष अप्रैल में 59 प्रतिशत हो गई है।
- विगत वर्ष में 9.2% संकुचन के पश्चात, 2021 में देश की अर्थव्यवस्था 2.9% बढ़ी। बेरोजगारी 16% एवं मुद्रास्फीति 8.1% है।
- बढ़ते राजकोषीय घाटे तथा चालू खाते की कमी का सामना कर रही सरकार आईएमएफ के साथ 4 अरब डॉलर के ऋण के लिए वार्ता कर रही है।
ट्यूनीशिया के नवीन संविधान हेतु जनमत संग्रह- विशेषताएं
- यह राष्ट्रपति कैस सैयद को सरकार बनाने, मंत्रियों को नियुक्त करने, न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं यहां तक कि विधान प्रस्तुत करने का अंतिम अधिकार प्रदान करता है।
- इसके साथ, श्री सैयद ट्यूनीशिया पर अनियंत्रित शक्तियों के साथ शासन करने के लिए तैयार हैं।
- श्री सईद, जो 2011 की क्रांति की भावना का प्रतिनिधित्व करने का भी दावा करते हैं, ने प्रभावी रूप से उत्तरी अफ्रीकी देश को पूर्ण राष्ट्रपतित्व की ओर वापस ले लिया है, जो संवैधानिक सत्तावाद में फिसल सकता है।
- शासन के उच्च-डेसिबल प्रचार के बावजूद, मात्र 30% पंजीकृत मतदाता मतदान केंद्रों पर आए क्योंकि अधिकांश राजनीतिक दलों ने बहिष्कार का आह्वान किया था।
- इससे पता चलता है कि जनमत संग्रह में जनता का बढ़ता असंतोष दिखाई दे रहा था।
नया ट्यूनीशियाई संविधान- निष्कर्ष
- सैयद ने भले ही ‘सहमति’ (यस) वोट से जीत हासिल की हो, किंतु बढ़ती आर्थिक विपत्तियों, एक अलग-थलग पड़े विपक्ष एवं जनता के मध्य बढ़ते असंतोष के साथ, उन्हें ट्यूनीशिया को चलाना कठिन होगा।




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