Home   »   सामरिक पेट्रोलियम भंडार

सामरिक पेट्रोलियम भंडार

प्रासंगिकता

  • जीएस 1:  संपूर्ण विश्व में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण।
  • जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।

सामरिक पेट्रोलियम भंडार_3.1

Get free video for UPSC CSE preparation and make your dream of becoming an IAS/IPS/IRS a reality

 

प्रसंग

  • केंद्र सरकार ने सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) कार्यक्रम के द्वितीय चरण के अंतर्गत वाणिज्यिक एवं रणनीतिक उद्देश्यों हेतु कच्चे तेल के भंडारण के लिए दो नवीन भूमिगत सुविधाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है।

https://www.adda247.com/upsc-exam/red-fort-of-delhi-all-you-need-to-know-hindi/

मुख्य बिंदु

  • 5 मिलियन मीट्रिक टन क्षमता भंडारण सुविधा ओडिशा के जाजपुर जिले में चंडीखोल (4 एमएमटी क्षमता के साथ) एवं कर्नाटक के पादुर (2.5 एमएमटी क्षमता वाले) में सार्वजनिक-निजी-साझेदारी प्रणाली के अंतर्गत स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
  • इससे पूर्व, केंद्र ने अपने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम के प्रथम चरण के अंतर्गत विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी), मंगलुरु (1.5एमएमटी) और पादुर (2.5 एमएमटी) सहित तीन स्थानों पर 33 एमएमटी-क्षमता सुविधाओं की स्थापना की थी।
    • प्रथम चरण के अंतर्गत स्थापित पेट्रोलियम भंडार प्रकृति में रणनीतिक हैं एवं इन भंडारों में संग्रहित कच्चे तेल का उपयोग तेल के अभाव की घटनाओं के दौरान किया जाएगा।

https://www.adda247.com/upsc-exam/prelims-agalega-islands-hindi/

कार्यक्रम के बारे में

  • एसपीआर कच्चे तेल के विशाल भंडार हैं जो मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में व्यवधान के प्रभाव को कम करने हेतु निर्मित किए गए हैं। इसके उद्देश्यों में कच्चे तेल से संबंधित किसी भी संकट जैसे प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध या अन्य आपदाओं से आपूर्ति बाधित होने के जोखिम से निपटना भी सम्मिलित है ।
  • एसपीआर सुविधाओं का निर्माण इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल), एक विशेष प्रयोजन वाहन और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत ऑयल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड (ओआईडीबी) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी द्वारा किया जाता है।

 

इसकी आवश्यकता क्यों है?

  • 1990 के खाड़ी युद्ध ने तेल संकट के खतरे को वास्तविक बना दिया। संकट की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस समय भारत के तेल भंडार मात्र तीन दिनों के लिए पर्याप्त थे। यद्यपि हम उस समय संकट को टालने में सफल रहे थे, किंतु फिर से ऐसी स्थिति में न आने के लिए हमें सतर्क नीतियों की आवश्यकता थी।
  • इस पृष्ठभूमि में, भारत सरकार ने 1998 में सामरिक पेट्रोलियम भंडार की अवधारणा की शुरुआत की।
  • भारत विश्व का तीसरा सर्वाधिक वृहद तेल आयातक एवं उपभोक्ता होने के नाते अपनी तेल की आवश्यकताओं का 80% से अधिक आयात करता है। यह एसपीआर की स्थापना को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।

https://www.adda247.com/upsc-exam/prelims-specific-articles-hindi-3/

Sharing is caring!

FAQs

भारत का सर्वाधिक वृहद सामरिक पेट्रोलियम भंडार कहाँ है?

विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश

आईएसपीआरएल की क्या आवश्यकता है?

आईएसपीआरएल: इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादुर नामक तीन स्थानों पर रणनीतिक कच्चे तेल के भंडारण के 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित करने का निर्णय लिया।

भारत का सर्वाधिक वृहद तेल क्षेत्र कौन सा है?

बॉम्बे हाई भारत का सर्वाधिक वृहद तेल क्षेत्र है।

सर्वाधिक वृहद तेल क्षेत्र किस देश में है?

वेनेजुएला

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *