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वृद्धावस्था की समस्याएं जिन्हें हमें अभी हल करना चाहिए- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन I- भारतीय समाज की प्रमुख विशेषताएं, सामाजिक अधिकारिता।
महत्व
- भारत को आसन्न चुनौती- जनसंख्या के काल प्रभावन का सामना करना पड़ेगा। निकट भविष्य में वृद्ध लोगों के लिए जीवन की एक समुचित गुणवत्ता सुनिश्चित करने की चुनौती, इसकी योजना निर्मित करना तथा इसकी व्यवस्था करना, आज से ही प्रारंभ होना चाहिए।
पृष्ठभूमि
- भारत में जीवन प्रत्याशा स्वतंत्रता के पश्चात से 1940 के दशक के अंत में लगभग 32 वर्षों से आज 70 वर्ष या उससे भी अधिक हो गई है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
- इसी समान अवधि में, प्रजनन दर प्रति महिला लगभग छह बच्चों से घटकर मात्र दो रह गई है, जिसने महिलाओं को निरंतर बच्चे पैदा करने तथा बच्चे की देखभाल के चक्र से मुक्त कर दिया है।
जनसंख्या काल प्रभावन
- जनसंख्या काल प्रभावन (जरण) किसी देश की जनसंख्या के वितरण में वृद्धावस्था की ओर एक परिवर्तन है।
- प्रजनन दर में गिरावट एवं जीवन प्रत्याशा में वृद्धि। दीर्घ जीवन में वृद्धि से जीवित वृद्ध व्यक्तियों की संख्या में वृद्धि से जनसंख्या की औसत आयु में वृद्धि हो जाती है।
- बढ़ती उम्र का प्रभाव श्रम आपूर्ति की कमी, बचत एवं निवेश के पैटर्न में बदलाव, बिगड़ते राजकोषीय संतुलन, समुचित कल्याण प्रणाली का अभाव इत्यादि में देखा जा सकता है।
- सामाजिक सुरक्षा, बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल, परिवार पर निर्भरता इत्यादि वृद्ध आयु की आबादी की कुछ चुनौतियां हैं।
भारत में स्थिति
- जनसंख्या पर राष्ट्रीय आयोग के अनुसार, बुजुर्गों (60 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के व्यक्तियों) की हिस्सेदारी 2011 में 9% के करीब थी।
- यह तेजी से वृद्धि कर रहा है एवं 2036 तक यह 18% तक पहुंच सकता है।
वृद्धजनों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याएं
- अवसाद: तमिलनाडु में अब्दुल लतीफ जमील फाउंडेशन के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के 30-50% लोगों में अवसाद के लक्षण पाए जाते हैं। अवसाद के लक्षणों का अनुपात पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए अत्यधिक है एवं आयु में वृद्धि होने के साथ तेजी से वृद्धि करते हैं। अधिकांश मामलों में, अवसाद अनियंत्रित तथा अनुपचारित रहता है।
- अकेलापन: अकेलापन अवसाद के प्रमुख कारकों में से एक है। अकेले रहने वाले बुजुर्गों में बड़ी संख्या में महिलाएं हैं, जिनमें मुख्य रूप से विधवाएं हैं।
- आयु की कठिनाई: मौद्रिक सहायता निश्चित रूप से अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में सहायता कर सकती है।
- निर्धनता एवं खराब स्वास्थ्य: वृद्धावस्था पेंशन महत्वपूर्ण हैं। नकद सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता करता है।
वृद्धजनों के लिए सरकारी योजनाएं
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
- यह भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजनाओं में से एक है।
- 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिज़ाइन की गई, इस प्रधान मंत्री वरिष्ठ नागरिक योजना की पॉलिसी अवधि दस वर्ष तक है।
- पेंशनभोगी भुगतान की आवृत्ति – मासिक/त्रैमासिक/अर्ध-वार्षिक/वार्षिक चुन सकते हैं।
- आप इस योजना पर 8% प्रतिवर्ष का ब्याज अर्जित कर सकते हैं।
- पेंशन की न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा क्रमशः 3,000 रुपये प्रतिमाह एवं 10,000 रुपये प्रतिमाह है।
वृद्धजनों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (नेशनल प्रोग्राम फॉर द हेल्थ केयर ऑफ एल्डरली/एनपीएचसीई)
- 2010 में आरंभ की गई, यह योजना स्वास्थ्य के समग्र रखरखाव के लिए रोगनिरोधी के साथ-साथ प्रोत्साहन देखभाल पर केंद्रित है।
- यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों के समक्ष उपस्थित होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए प्रारंभ किया गया था।
- जिला स्तर के उद्देश्यों में राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी के माध्यम से जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (कम्युनिटी हेल्थ सेंटर/सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (प्राइमरी हेल्थ सेंटर/पीएचसी) एवं उप-केंद्रों (सब-सेंटर/एससी) स्तरों में समर्पित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना शामिल है।
- ये सुविधाएं निशुल्क अथवा उच्च सब्सिडी वाली हो सकती हैं।
वरिष्ठ मेडिक्लेम पॉलिसी
- यह पॉलिसी वरिष्ठ जनों को दवाओं, रक्त, एम्बुलेंस शुल्क एवं अन्य निदान संबंधी शुल्कों की लागत को कवर करके सहायता प्रदान करती है।
- 60 से 80 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिज़ाइन किया गया, यह वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी खर्चों को पूरा करने में सहायता करता है।
- प्रीमियम के भुगतान के लिए आयकर लाभ अनुमन्य है।
- यद्यपि पॉलिसी की अवधि एक वर्ष की है, आप नवीनीकरण को 90 वर्ष की आयु तक बढ़ा सकते हैं।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना
- यह योजना बीपीएल (निर्धनता रेखा से नीचे) श्रेणी के 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को शारीरिक सहायता एवं सहायक जीवन उपकरण प्रदान करती है।
- यदि वरिष्ठ नागरिक इसका लाभ उठाना चाहते हैं, तो उनके पास बीपीएल कार्ड अवश्य होना चाहिए।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है एवं पूर्ण रूप से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना
- वित्त मंत्रालय द्वारा प्रारंभ की गई यह पेंशन योजना 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है।
- इस योजना को संचालित करने का प्राधिकार एलआईसी ऑफ इंडिया के पास है।
- इस पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए कोई चिकित्सीय परीक्षण (मेडिकल चेक-अप) आवश्यक नहीं है।
- यह 10 वर्षों तक 8% प्रति वर्ष की गारंटीकृत ब्याज दर के साथ सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है।
- आप मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक एवं वार्षिक पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं – यह इस पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे प्राप्त करना चाहते हैं।
वयोश्रेष्ठ सम्मान
- यह योजना उन वरिष्ठ जनों पर केंद्रित है जिन्होंने अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है एवं उनके प्रयासों को मान्यता दी है।
- इसे 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कार में अपग्रेड किया गया था एवं तब से, तेरह श्रेणियों के पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।
निष्कर्ष
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निश्चित रूप से,वरिष्ठ जनों के लिए एक सम्मानजनक जीवन की दिशा में पहला कदम है।
- उन्हें अन्य सहायता एवं सुविधाओं जैसे स्वास्थ्य देखभाल, विकलांगता सहायता तथा दैनिक कार्यों में सहायता, मनोरंजन के अवसर एवं एक अच्छा सामाजिक जीवन की भी आवश्यकता होती है।
- वे जनसांख्यिकीय लाभांश के लिए वर्षों के अनुभव तथा परामर्श के साथ अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदानकर्ता हो सकते हैं।



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