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एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022: प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
इंडिया रैंकिंग 2022: प्रसंग
- हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षण संस्थानों की इंडिया रैंकिंग 2022 जारी की है।
एनआईआरएफ रैंकिंग 2022: प्रमुख निष्कर्ष
| श्रेणी | संस्थान |
| अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी/आईआईटी) मद्रास |
| विश्वविद्यालय | भारतीय विज्ञान संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस/आईआईएससी), बेंगलुरु |
| प्रबंधन | भारतीय प्रबंधन संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट/आईआईएम) अहमदाबाद |
| चिकित्सा | अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस/एम्स), नई दिल्ली |
| औषधि विज्ञान | जामिया हमदर्द |
| महाविद्यालय | मिरांडा हाउस |
| वास्तुकला (आर्किटेक्चर) | भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी/आईआईटी) रुड़की |
| विधि (लॉ) | नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी , बेंगलुरु |
| दंत चिकित्सा (डेंटल) | सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज एनआईआरएफ |
एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022: प्रमुख बिंदु
- प्रत्यायन एवं मूल्यांकन अनिवार्य होगा तथा प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को मान्यता प्राप्त होना आवश्यक है। स्व-घोषणा एवं पारदर्शिता मूल्यांकन तथा मान्यता का आधार होगी।
- सभी संस्थान भी एनआईआरएफ रैंकिंग सिस्टम का हिस्सा होंगे।
- आगामी वर्ष तक हम नैक द्वारा वर्तमान में किए जा रहे संस्थागत प्रत्यायन तथा वर्तमान में एनबीए द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम प्रत्यायन को एकीकृत कर देंगे। एआईसीटीई द्वारा पूर्व में किए गए इनोवेशन पर रैंकिंग को अब एनआईआरएफ के साथ एकीकृत किया जाएगा। सभी संस्थान मूल्यांकन, मान्यता एवं रैंकिंग की संयुक्त प्रणाली का हिस्सा होंगे। ऐसी व्यवस्था पारदर्शी तथा उद्देश्यपूर्ण होगी।
- आगामी वर्ष से एनआईआरएफ रैंकिंग श्रेणी (कैटेगरी) में नवोन्मेष तथा उद्यमिता (इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप) भी सम्मिलित होगी। एनआईआरएफ रैंकिंग कैटेगरी को आवश्यकता के अनुसार से बढ़ाया जा सकता है।
- आईटीआई एवं पॉलिटेक्निक की रैंकिंग पर पहले से ही काम चल रहा है।
- शीघ्र ऐसी व्यवस्था होगी जहां प्रत्येक विद्यालय को भी मान्यता मिलेगी। हम राज्य सरकारों को साथ लेकर चलेंगे। माता-पिता को उस विद्यालय की स्थिति का पता चल जाएगा जहां बच्चे का नामांकन किया जा रहा है।
- मात्र वे विश्वविद्यालय/महाविद्यालय जिनके पास एनएएसी ग्रेडिंग या एनआईआरएफ रैंकिंग है, वे वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12 बी के तहत यूजीसी द्वारा अनुरक्षित सूची में सम्मिलित होने के पात्र होंगे।
- हमारी मान्यता एवं रैंकिंग प्रणाली भी अंतरराष्ट्रीय हो जाएगी तथा विदेशी संस्थानों को इसका हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करेगी।
- सीयूईटी गुणवत्ता एवं मानकीकरण की दिशा में एक उचित कदम है। सीयूईटी में किसी भी शेष चुनौती का शीघ्र से शीघ्र समाधान किया जाएगा।
- अनेक निजी उच्च शिक्षा संस्थान कुछ सकारात्मक कार्रवाई या आरक्षण नीति लागू करते हैं। सभी निजी उच्च शिक्षण संस्थान (हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशन/एचईआई) समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करने एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी/एनईपी) 2020 सिद्धांतों का अनुपालन करने हेतु उस दिशा में आगे बढ़ेंगे।
- संस्थान बहु-अनुशासनात्मक हो जाएंगे। प्रबंधन श्रेणी में शीर्ष 10 में आने वाले आईआईटी से पता चलता है कि बाजार भी बहु-विषयक शिक्षा एवं संस्थानों की इच्छा रखता है।




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