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लोथल: ‘विश्व का प्राचीनतम गोदी’, को विरासत परिसर प्राप्त
लोथल: विश्व में सर्वाधिक प्राचीन एवं गोदी- जीएस I (भारतीय इतिहास)
प्रसंग
- प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स/NMHC) स्थल के निर्माण की समीक्षा की।
लोथल कहाँ है?
- लोथल सिंधु घाटी सभ्यता के दक्षिणतम स्थलों में से एक था, जो अब राज्य के भाल क्षेत्र में अवस्थित है।
- माना जाता है कि बंदरगाह शहर 2,200 ईसा पूर्व में निर्मित किया गया था।
- लोथल प्राचीन काल में एक फलता-फूलता व्यापार केंद्र था, जहां मोतियों, रत्नों एवं आभूषणों का व्यापार पश्चिम एशिया तथा अफ्रीका तक पहुंचता था।
- गुजराती में लोथल (लोथ एवं (ओं) थाल का एक संयोजन) का अर्थ “मृतकों का टीला“ होता है।
- मोहनजोदड़ो शहर का नाम (सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा, जो अब पाकिस्तान में है) का अर्थ सिंधी में भी यही है।
- अन्य सिंधु बंदरगाह शहर बालाकोट (पाकिस्तान), खिरसा (गुजरात के कच्छ में) एवं कुंतासी (राजकोट में) अवस्थित हैं।
लोथल की खोज कब हुई थी?
- भारतीय पुरातत्वविदों ने गुजरात के सौराष्ट्र में 1947 के पश्चात हड़प्पा सभ्यता के शहरों की खोज प्रारंभ की।
- पुरातत्वविद् एस.आर. राव ने उस दल का नेतृत्व किया जिसने उस समय अनेक हड़प्पा स्थलों की खोज की, जिसमें बंदरगाह शहर लोथल भी शामिल था।
- लोथल में फरवरी 1955 से मई 1960 के मध्य उत्खनन का कार्य किया गया।
- उत्खनन वाले क्षेत्रों के निकट पुरातात्विक स्थल संग्रहालय है, जहां भारत में सिंधु-युग की प्राचीन वस्तुओं के कुछ सर्वाधिक प्रमुख संग्रह प्रदर्शित किए गए हैं।
लोथल की पहचान बंदरगाह शहर के रूप में कैसे हुई?
- गोवा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी ने इस स्थल पर समुद्री सूक्ष्म जीवाश्म (माइक्रोफॉसिल) एवं नमक, जिप्सम क्रिस्टल की खोज की, जो दर्शाता है कि समुद्र का जल एक बार संरचना में भर गया था एवं यह निश्चित रूप से एक गोदी (डॉकयार्ड) था।
- इसमें विश्व की प्राचीनतम ज्ञात गोदी थी, जो शहर को साबरमती नदी के एक प्राचीन मार्ग से जोड़ती थी।
- एक ऊपरी तथा निचले शहर वाले महानगर के उत्तरी हिस्से में खड़ी दीवार, प्रवेशिका (इनलेट) एवं बहिर्गम (आउटलेट) जलसंयोजकों के साथ एक बेसिन था जिसे ज्वारीय गोदी के रूप में पहचाना गया है।
- उपग्रह छवियों से ज्ञात होता है कि नदी का प्रवाह, जो अब सूख गया है, उच्च ज्वार के दौरान अत्यधिक मात्रा में जल को अपने साथ लाता था, जो बेसिन को भर देता था एवं नावों को धारा की प्रतिकूल दिशा में नौकायन की सुविधा प्रदान करता था।
लोथल का क्या विरासत मान है?
- लोथल को अप्रैल 2014 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था तथा इसका आवेदन यूनेस्को की अस्थायी सूची में लंबित है।
- यह सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र बंदरगाह नगर है।
- दुनिया भर के कुछ प्राचीन बंदरगाह-नगर-
- ज़ेल हा- पेरू
- ओस्टिया- रोम का बंदरगाह
- कार्थेज- इटली में ट्यूनिस का बंदरगाह
- चीन में हेपू,
- मिस्र में कैनोपस
- गैबेल- फोनीशियन के बायब्लोस
- इज़राइल में जाफ़ा
- मेसोपोटामिया में उर
- वियतनाम में होई एन
लोथल: विरासत परिसर का निर्माण
- यह परियोजना मार्च 2022 में प्रारंभ हुई थी एवं इसे 3,500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
- इसमें लोथल मिनी- पुनर्निर्माण जैसी अनेक नवीन विशेषताएं होंगी, जो इमर्सिव तकनीक के माध्यम से हड़प्पा वास्तुकला एवं जीवन शैली को पुनर्निर्मित करेगी।
- इसमें चार थीम पार्क हैं – मेमोरियल थीम पार्क, मैरीटाइम एंड नेवी थीम पार्क, क्लाइमेट थीम पार्क एवं एडवेंचर एंड एम्यूजमेंट थीम पार्क।



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