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”एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना

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एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: संघ लोक सेवा आयोग के लिए प्रासंगिकता

जीएस 2: सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप

जीएस 3: प्रत्यक्ष  एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायिकी

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एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: चर्चा में क्यों है?

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान सम्मेलन 2022 के दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने 17 अक्टूबर, 2022 को प्रधान मंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना – एक राष्ट्र एक उर्वरक का शुभारंभ किया।
  • इस योजना के तहत, प्रधान मंत्री भारत यूरिया बैग का विमोचन करेंगे, जो कंपनियों को ‘भारत’ नाम के एकल ब्रांड के तहत उर्वरकों के विपणन में सहायता करेगा।

 

एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: ‘एक राष्ट्र एक उर्वरकयोजना क्या है?

  • इस योजना के तहत, सभी उर्वरक कंपनियों, राज्य व्यापार संस्थाओं (स्टेट ट्रेडिंग एंटिटीज/एसटीई)  एवं उर्वरक विपणन संस्थाओं (फर्टिलाइजर मार्केटिंग एंटिटीज/एफएमई) को पीएमबीजेपी के तहत उर्वरकों  एवं लोगो के लिए एक ही “भारत” ब्रांड का उपयोग करना होगा।
  • सभी सब्सिडी वाले मृदा के पोषक तत्व – यूरिया, डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी), म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) तथा एनपीके – को संपूर्ण देश में एकल ब्रांड-भारत के तहत विपणन किया जाएगा।
  • इस योजना के आरंभ होने के साथ, भारत के पास भारत यूरिया, भारत डीएपी, भारत एमओपी, भारत एनपीके, इत्यादि जैसे संपूर्ण देश में एक सामान्य बैग डिजाइन उपलब्ध होगा।
  • नया “भारत” ब्रांड नाम एवं प्रधान मंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना (पीएमबीजेपी) लोगो उर्वरक पैकेट के सामने के दो-तिहाई हिस्से को कवर करेगा विनिर्माण ब्रांड शेष एक तिहाई स्थान पर मात्र अपना नाम, लोगो तथा अन्य जानकारी प्रदर्शित कर सकते हैं।

 

एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: सरकार ने यह योजना क्यों आरंभ की?

सरकार ने सभी सब्सिडी वाले उर्वरकों के लिए एक एकल ‘भारत’ ब्रांड प्रस्तुत किया, क्योंकि:

(1) कुछ 26 उर्वरक (यूरिया सहित) हैं, जिन पर सरकार सब्सिडी वहन करती है तथा अधिकतम खुदरा मूल्य (मैक्सिमम रिटेल प्राइस/एमआरपी)  का निर्धारण भी प्रभावी ढंग से करती है।

(2) कंपनियां किस मूल्य पर विक्रय कर सकती हैं, इस पर सब्सिडी देने तथा निर्धारित करने के अतिरिक्त, सरकार यह भी निर्धारित करती है कि वे उसे कहा विक्रय कर सकती हैं। यह उर्वरक (आवागमन) नियंत्रण आदेश, 1973 के माध्यम से किया जाता है।

(3) जब सरकार उर्वरक सब्सिडी (बिल के 2022-23 में 200,000 करोड़ रुपये को पार करने की संभावना है) पर भारी मात्रा में धन का व्यय कर रही है, साथ ही यह निर्धारित कर रही है कि कंपनियां कहां एवं किस कीमत पर  विक्रय कर सकती हैं, तो यह स्पष्ट रूप से इसका क्रेडिट लेना तथा वह ये संदेश किसानों को तक पहुंचाना चाहेगी।

 

एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना किसानों की किस प्रकार सहायता करेगी?

  • एक राष्ट्र एक उर्वरक योजना लाने के पीछे तर्क यह है कि चूंकि एक विशेष श्रेणी के उर्वरकों को उर्वरक नियंत्रण आदेश (फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर/एफसीओ) के पोषक तत्व-सामग्री विनिर्देशों को पूरा करना चाहिए, अतः प्रत्येक प्रकार के उर्वरक के लिए विभिन्न ब्रांडों के मध्य कोई उत्पाद भिन्नता नहीं है। उदाहरण के लिए, डीएपी में समान पोषक तत्व होना चाहिए, चाहे वह एक कंपनी द्वारा उत्पादित किया गया हो या किसी अन्य द्वारा।
  • अतः ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ की अवधारणा किसानों को ब्रांड-विशिष्ट विकल्पों पर उनके भ्रम को दूर करने में सहायता करेगी, क्योंकि सभी डीएपी उर्वरक ब्रांडों में 18% नाइट्रोजन तथा 46% फॉस्फोरस होना चाहिए।
  • किसान आमतौर पर इस तथ्य से अनभिज्ञ होते हैं एवं समय के साथ विकसित मजबूत खुदरा नेटवर्क वाली व्यावसायिक कंपनियों द्वारा अपनाई गई जोरदार मार्केटिंग रणनीतियों के परिणामस्वरूप कुछ ब्रांडों को पसंद करते हैं।
  • यह पाया गया है कि इस तरह की ब्रांड प्राथमिकताओं के परिणामस्वरूप किसानों को उर्वरक-आपूर्ति में  विलंब हुआ है तथा उर्वरकों की लंबी दूरी  के क्रिस्क्रॉस आवागमन के लिए भुगतान की जाने वाली माल ढुलाई सब्सिडी में वृद्धि के कारण राजकोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
  • वन नेशन वन फर्टिलाइजर योजना उर्वरकों की क्रिस्क्रॉस आवाजाही को रोकेगी तथा माल ढुलाई की उच्च सब्सिडी को कम करेगी।

 

एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएम-केएसके)

  • कल प्रधानमंत्री ने 600 पीएम किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) का भी उद्घाटन किया, जो उन किसानों के लिए एकल-बिंदु विक्रय केंद्र (वन-स्टॉप-शॉप) के रूप में कार्य करेगा जो उत्पाद खरीद सकते हैं  एवं कृषि क्षेत्र से संबंधित विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
  • पीएम-केएसके बीज, उर्वरक एवं कृषि उपकरणों जैसे कृषि-आदानों की आपूर्ति करेगा।
  • यह मृदा, बीज एवं उर्वरक के लिए परीक्षण सुविधाएं भी प्रदान करेगा। सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
  • प्रधानमंत्री  किसान समृद्धि केंद्र देश में 3.3 लाख से अधिक उर्वरक खुदरा दुकानों को चरणबद्ध रूप से पीएम-किसान समृद्धि केंद्रों (पीएम-केएसके) में बदलने का भी अभिप्राय रखता है।

 

एक राष्ट्र, एक उर्वरक योजना”: योजना की संभावित कमियां

  • यह उर्वरक कंपनियों को विपणन एवं ब्रांड प्रचार गतिविधियों को प्रारंभ करने से हतोत्साहित करेगा।
  • उन्हें अब सरकार के लिए अनुबंध निर्माताओं एवं आयातकों तक सीमित कर दिया जाएगा।
  • वर्तमान में, उर्वरकों के किसी भी बैग या बैच के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं करने की स्थिति में, दोष कंपनी पर डाला जाता है। किंतु अब, यह पूर्ण रूप से सरकार को दिया जा सकता है।

 

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