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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां-
- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं तथा इन योजनाओं का प्रदर्शन।
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारत वैश्विक भूख सूचकांक (ग्लोबल हंगर इंडेक्स/जीएचआई) 2022 में 121 देशों में से 107वें स्थान पर है।
- वैश्विक भूख सूचकांक 2022 में भारत का प्रदर्शन विगत वर्ष के वैश्विक भूख सूचकांक 2021 में 101वें स्थान से नीचे चला गया।
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 के प्रमुख निष्कर्ष
- यमन सर्वाधिक निचले स्थान पर 121 वें स्थान पर है, जबकि सूची में शीर्ष स्थान पर क्रोएशिया, एस्टोनिया एवं मोंटेनेग्रो सहित यूरोपीय देशों का प्रभुत्व है।
- एशियाई देशों में चीन एवं कुवैत ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।
- भारत का प्रदर्शन: वैश्विक भूख सूचकांक में 121 देशों में से, भारत अपने पड़ोसी देशों नेपाल (81), पाकिस्तान (99), श्रीलंका (64) तथा बांग्लादेश (84) से पीछे है।
- वैश्विक भूख सूचकांक, जो देशों को ‘गंभीरता’ के अनुसार सूचीबद्ध करता है, ने भारत को 29.1 का स्कोर प्रदान किया है, जो भूख के स्तर की ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
- वर्ष के दौरान भारत का प्रदर्शन: भारत वर्षों से वैश्विक भूख सूचकांक में घटता हुआ स्कोर दर्ज कर रहा है। 2000 में, इसने 38.8 का ‘खतरनाक’ स्कोर दर्ज किया, जो 2014 तक घटकर 28.2 हो गया। तब से देश ने उच्च स्कोर दर्ज करना प्रारंभ कर दिया है।
- जबकि भारत चार संकेतकों के लिए लगातार निम्न मूल्यों को दर्ज कर रहा है, यह 2014 में अल्पपोषण एवं बच्चों में कृशता की व्यापकता के कारण उच्च मान दर्ज करना प्रारंभ कर दिया।
- जनसंख्या में अल्पपोषण का अनुपात 2014 में 14.8 से बढ़कर 2022 में 16.3 हो गया तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में कुपोषण का प्रसार 2014 में 15.1 से बढ़कर 2022 में 19.3 हो गया।
- भारत ने अन्य दो संकेतकों में भी सुधार दर्ज किया।
- पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में वृद्धिरोध (स्टंटिंग) 2014 में 38.7 से घटकर 2022 में 35.5 हो गई है, तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2014 में 4.6 से घटकर 2022 में 3.3 हो गई है।
वैश्विक भूख सूचकांक अथवा ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है?
- वैश्विक भूख सूचकांक के बारे में: विभिन्न देशों में भूख की स्थिति का मानचित्रण करने के लिए 2000 से लगभग प्रत्येक वर्ष वैश्विक भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स लाया जाता है।
- वैश्विक भूख सूचकांक 2022 रिपोर्ट्स के क्रम में यह 15वीं रिपोर्ट है।
- प्रकाशन संगठन: वैश्विक भूख सूचकांक संयुक्त रूप से कंसर्न वर्ल्डवाइड एवं वेल्थंगरलाइफ द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- अधिदेश: भूख की स्थिति का मानचित्रण करने का कारण यह सुनिश्चित करना है कि विश्व “2030 तक शून्य भूख” की स्थिति – संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों में से एक को प्राप्त करे।
- यही कारण है कि कुछ उच्च आय वाले देशों के लिए वैश्विक भूख सूचकांक स्कोर की गणना नहीं की जाती है।
- उपयोग किए गए मापदंड: वैश्विक भूख सूचकांक चार प्रमुख मापदंडों पर विभिन्न देशों के प्रदर्शन को ट्रैक करता है।
- ये मापदंड अनेक आयामों को प्रग्रहित करते हैं- जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी- भूख की, इस प्रकार भूख का एक अधिक व्यापक मापक प्रदान करते हैं।
वैश्विक भूख सूचकांक 2022 की गणना कैसे की जाती है?
प्रयुक्त संकेतक
वैश्विक भूख सूचकांक चार प्रमुख संकेतकों पर विचार करता है:
- अल्पपोषण (जो अपर्याप्त भोजन उपलब्धता को प्रदर्शित करता है): आबादी के कुपोषित हिस्से द्वारा गणना की जाती है (अर्थात, जिसका कैलोरी सेवन अपर्याप्त है);
- शिशु कृशता (जो तीव्र अल्पपोषण को प्रदर्शित करता है): पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों के हिस्से के आधार पर गणना की जाती है जो कृशकाय हो जाते हैं (अर्थात, जिनका वजन उनकी ऊंचाई के अनुपात में कम होता है);
- बाल वृद्धिरोध (जो दीर्घकालिक कुपोषण को प्रदर्शित करता है): पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की हिस्सेदारी के आधार पर गणना की जाती है, जो वृद्धिरोध से ग्रसित हो रहे हैं (अर्थात, जिनकी लंबाई उनकी आयु के अनुपात में कम है);
- बाल मृत्यु दर (जो अपर्याप्त पोषण एवं अस्वास्थ्यकर वातावरण दोनों को प्रदर्शित करती है): पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर द्वारा गणना की जाती है (आंशिक रूप से, अपर्याप्त पोषण के घातक मिश्रण को प्रतिबिंबित करता है)।
वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) पर देशों की रैंकिंग
- संकेतकों का भारांक: प्रत्येक देश के डेटा को 100-बिंदु पैमाने पर मानकीकृत किया जाता है एवं संकेतक 1 तथा 4 को 33.33% भारांक प्रदान कर तथा संकेतक 2 एवं 3 को प्रत्येक को 16.66% भारांक प्रदान कर अंतिम स्कोर की गणना की जाती है।
- श्रेणीकरण: 9.9 से कम अथवा उसके बराबर स्कोर करने वाले देशों को भूख की “निम्न” श्रेणी में रखा गया है, जबकि 20 और 34.9 के मध्य स्कोर करने वालों को “गंभीर” श्रेणी में रखा गया है एवं 50 से ऊपर स्कोर करने वालों को “अत्यंत खतरनाक” श्रेणी में रखा गया है।