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संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022)

यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां ​​एवं मंच- उनकी संरचना,  अधिदेश।

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यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022 चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, दूसरा संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड जियोस्पतियल इनफॉरमेशन कांग्रेस/UNEWGIC 2022) हैदराबाद में प्रारंभ हुआ।
  • अपने उद्घाटन भाषण में, भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संकट के दौरान एक दूसरे की सहायता करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा एक संस्थागत दृष्टिकोण की आवश्यकता है”।
    • उन्होंने उल्लेख किया कि भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी SVAMITVA, पीएम गति शक्ति महायोजना, JAM ट्रिनिटी, इत्यादि जैसी राष्ट्रीय विकास परियोजनाओं में समावेश तथा प्रगति को आगे बढ़ा रही है।

 

संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस 2022

  • स्थान: संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (यूनाइटेड नेशंस वर्ल्ड जियोस्पतियल इनफॉरमेशन कांग्रेस/UNEWGIC) 2022 हैदराबाद में आयोजित किया जा रहा है।
  • थीम: संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस 2022 का आयोजन ‘जियो-इनेबलिंग द ग्लोबल विलेज: नो वन शुड वी लेफ्ट बिहाइंड’ विषय पर आयोजित किया जा रहा है।
  • आयोजन एजेंसी: पांच दिवसीय यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022 सम्मेलन की मेजबानी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की जा रही है।
    • UNWGIC 2022 वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की समिति द्वारा आहूत की गई है।
  • महत्व: दूसरा यूएनडब्ल्यूजीआईसी 2022 सतत विकास लक्ष्यों के  क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण का समर्थन करने के लिए एकीकृत भू-स्थानिक सूचना बुनियादी ढांचे एवं ज्ञान सेवाओं के महत्व पर प्रतिबिंबित करेगा।
    • यह समाज के कल्याण को भी प्रतिबिंबित करेगा, पर्यावरण एवं जलवायु चुनौतियों का समाधान करेगा, डिजिटल परिवर्तन तथा तकनीकी विकास को अंगीकार करेगा एवं एक जीवंत अर्थव्यवस्था को उत्प्रेरित करेगा।

 

भारत के लिए महत्व

  • संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस भारत की उदारीकृत भू-स्थानिक नीति तथा इसने भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित किया है, इस विषय पर चर्चा करेगी।
  • आत्मनिर्भर भारत के भारत के दृष्टिकोण तथा 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, भू-स्थानिक डेटा एवं मानचित्र प्रतिबंधों को, इस वर्ष भारत की मानचित्रण नीति में व्यापक परिवर्तन, मुख्य रूप से भारतीय फर्मों के लिए पूर्ण रूप से उदार बनाया जा रहा है।
  • संपूर्ण विश्व में जो स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है, उसे भारत में प्रतिबंधित करने की आवश्यकता नहीं है, अतः भू-स्थानिक डेटा जो पूर्व में प्रतिबंधित था, अब स्वतंत्र रूप से उपलब्ध होगा।

 

संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस

  • संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस के बारे में: सदस्य देशों के मध्य भू-स्थानिक सूचना के क्षेत्र में सहभागिता एवं सहयोग सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक 4 वर्ष में संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस का आयोजन किया जाता है।
    • अक्टूबर 2018 में, चीन ने पहली संयुक्त राष्ट्र विश्व भू-स्थानिक सूचना कांग्रेस (UNWGIC 2018) की मेजबानी की।
  • आयोजन निकाय: वैश्विक भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन (यूनाइटेड नेशंस-ग्लोबल जियोस्पतियल इनफॉरमेशन मैनेजमेंट/यूएन-जीजीआईएम) पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की समिति द्वारा कांग्रेस की मेजबानी की जाती है।
  • अधिदेश: इसका उद्देश्य सदस्य राज्यों  एवं समस्त संबंधित हितधारकों के मध्य भू-स्थानिक सूचना प्रबंधन  तथा क्षमता में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार करना है।

 

भू-स्थानिक डेटा क्या है?

  • भू-स्थानिक डेटा, जिसे जियो डेटा के रूप में जाना जाता है, में स्थान की जानकारी होती है, जैसे पता, क्षेत्र या ज़िप कोड, जो किसी डेटासेट से जुड़ा होता है।
  • वे ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) डेटा, भू-स्थानिक उपग्रह इमेजरी, टेलीमैटिक्स डिवाइस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) एवं जियोटैगिंग से भी आ सकते हैं।

 

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