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सिंधु घाटी सभ्यता में प्रमुख स्थलों एवं खोज की सूची

सिंधु घाटी सभ्यता स्थलों की सूची- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

हड़प्पा सभ्यता स्थलों की सूची: सिंधु घाटी सभ्यता स्थलों की सूची उनके खोज की तिथि, हड़प्पा स्थलों  की अवस्थिति तथा इन स्थलों पर  किए गए प्रमुख खोजों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करेगी। सिंधु घाटी सभ्यता  के स्थल यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (प्राचीन भारतीय इतिहास) एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 1- भारतीय इतिहास- भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक समय तक कला रूपों, साहित्य एवं वास्तुकला के मुख्य पहलुओं को  समाहित करेगी।)

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सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता (IVC) का प्रारंभ भारतीय इतिहास के प्रारंभ का भी प्रतीक है। माना जाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा सभ्यता) 3300-1300 ईसा पूर्व के अपने आरंभिक वर्षों के दौरान अस्तित्व में थी। सिंधु सभ्यता का परिपक्व काल 2600-1900 ईसा पूर्व की अवधि का है।

1900 ईसा पूर्व – 1500 ईसा पूर्व की अवधि में सिंधु घाटी सभ्यता का पतन देखा गया, जो उत्तर से, सर्वाधिक संभावित ईरानी पठार से आर्य लोगों के प्रवास के समय के साथ मेल खाता था।

 

सिंधु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थलों की सूची

हड़प्पा, सिंधु घाटी सभ्यता का प्रथम स्थल था जिसे 1920 के दशक में मार्शल, रायबहादुर दयाराम साहनी एवं माधो स्वरूप वत्स द्वारा खोजा गया था। इसके बाद सिंध (सिंध) क्षेत्र में सिंधु नदी के समीप मोहनजोदड़ो का उत्खनन किया गया।

प्रमुख हड़प्पा स्थलों की सूची, उनकी खोज तथा इन स्थलों पर प्राप्त प्रमुख कलाकृतियाँ नीचे दी गई हैं-

 

वर्ष स्थल खोजकर्ता  अवस्थिति विशेषताएं
1921 हड़प्पा मार्शल, रायबहादुर दयाराम साहनी एवं माधो स्वरूप वत्स। पंजाब के मोंटगोमरी जिले में रावी नदी के तट पर स्थित है।
  • अन्न भंडार, बैलगाड़ी, तथा बलुआ पत्थर की मानव शरीर रचना की मूर्तियां
1922 मोहनजोदड़ो राखल दास बनर्जी, ई.जे.एच. मैके तथा मार्शल। पंजाब जिले के लरकाना में सिंधु नदी के तट पर
  • मृतकों का टीला
  • विशाल स्नानागार
  • अन्नागार
  • नृत्य करती हुई कांस्य लड़की की प्रतिमा
  • पशुपति महादेव की प्रतिमा
  • सेलखड़ी से निर्मित मुहर
  • दाढ़ी वाला आदमी की मूर्ति
  • कई मुहरों की खोज की गई है।
  • सर्वाधिक महत्वपूर्ण रोजगार कृषि था। कपास की खेती का आरंभ सर्वाधिक प्राचीन सभ्यता द्वारा किया गया था।
  • पालतू पशुओं में भेड़, बकरी तथा सूअर शामिल थे।
1929 सुतकागेंडोर   औरेल स्टीन पाकिस्तान के दक्षिणी बलूचिस्तान प्रांत में दास्त नदी
  • हड़प्पा एवं बेबीलोन की व्यापारिक चौकी
1931 चन्हुदड़ो एन. जी. मजूमदार सिंधु नदी पर अवस्थित है।
  • मनका निर्माताओं के साथ दुकान
  • बिल्ली के पदचिन्हों का पीछा करता कुत्ता
1935 अमरी एन.जी. मजूमदार सिंधु नदी के तट पर अवस्थित।
  • मृग के साक्ष्य
  • गैंडे के साक्ष्य
1953 कालीबंगा घोष राजस्थान, घग्गर नदी के किनारे।
  • अग्नि वेदी
  • ऊँटों की हड्डियां।
  • लकड़ी का हल
1953 लोथल आर.राव खंभात की खाड़ी के निकट भोगवा नदी पर गुजरात
  •  प्रथम कृत्रिम बंदरगाह।
  • गोदी।
  • चावल की भूसी
  •  अग्नि वेदी
  • कब्रिस्तान
  • हाथी दांत का तराजू
  • तांबे का कुत्ता
  • शतरंज का खेल
1964 सुरकोटदा

 

 

जे.पी. जोशी गुजरात
  • घोड़े के कंकाल
  • मनका
  • पत्थर से आवृत्त मोती
1974 बनवाली आर.एस. बिष्ट हरियाणा के हिसार जिले।
  • मोती, जौ के साक्ष्य
  • हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पा दोनों संस्कृतियों की खोज की गई है।
  • खिलौना वाला हल
  • जौ के दानों की सर्वाधिक मात्रा
1985 धोलावीरा आर.एस. बिष्ट गुजरात, कच्छ के रण।
  • विशिष्ट जल प्रबंधन
  • विशाल जलाशय
  • अद्वितीय जल दोहन प्रणाली
  • बांध
  • तटबंध
  • स्टेडियम
  • प्रस्तर को काटकर निर्मित की गई कलाकृति

सिंधु घाटी सभ्यता (इंडस वैली सिविलाइजेशन/IVC)

 

सिंधु सभ्यता, जिसे सिंधु घाटी सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप की प्रथम ज्ञात शहरी संस्कृति थी तथा विश्व की तीन आरंभिक सभ्यताओं में से एक थी (अन्य मेसोपोटामिया तथा मिस्र  की सभ्यताएं हैं)। उन्नत बस्तियाँ एवं व्यापार तथा समाज का विकास हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं हैं।

 

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