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आत्मनिर्भर भारत के लिए ईओडीबी- यूपीएससी ब्लॉग के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
आत्मनिर्भर भारत के लिए ईओडीबी- संदर्भ
- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस फॉर आत्मनिर्भर भारत’ पर सीआईआई के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि एक नया भारत आत्मनिर्भर भारत एवं ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) द्वारा संचालित होगा।
- इस संदर्भ में, उन्होंने व्यापार सुगमता (ईओडीबी) हेतु केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ किए जा रहे पांच संरचनात्मक सुधारों पर प्रकाश डाला।
आत्मनिर्भर भारत के लिए ईओडीबी- ईओडीबी के लिए पांच संरचनात्मक सुधार
- राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली: यह निवेशकों एवं व्यवसायों के लिए आवश्यक अनुमोदन एवं स्वीकृति हेतु एकल बिंदु गंतव्य (वन-स्टॉप-शॉप) है।
- इसमें नो योर अप्रूवल, कॉमन रजिस्ट्रेशन फॉर्म, डॉक्यूमेंट रिपोजिटरी इत्यादि सम्मिलित हैं।
- पोर्टल 18 केंद्रीय विभागों एवं 9 राज्यों में स्वीकृतियों का आयोजन करता है। अन्य 14 केंद्रीय विभाग एवं 5 राज्यों को दिसंबर 2021 तक जोड़े जाने की संभावना है।
- औद्योगिक भूमि बैंक: यह एक जीआईएस आधारित पोर्टल है, जो सभी औद्योगिक आधारिक अवसंरचना से संबंधित सूचनाओं के एकल बिंदु कोष (वन-स्टॉप रिपोजिटरी) के रूप में कार्य करता है।
- 17 राज्यों के जीआईएस सिस्टम के साथ एकीकृत, आईएलबी के पास 5 लाख हेक्टेयर भूमि के क्षेत्र में 4,000 से अधिक औद्योगिक पार्कों का एक डेटाबेस है।
- नियामक अनुपालन पोर्टल: यह प्रगति पर नज़र रखने के लिए कैबिनेट सचिव के प्रत्यक्ष अनुश्रवण में एक सद्य अनुक्रिया डैशबोर्ड है।
- राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने अनावश्यक अनुज्ञप्ति, अनुमति, नवीनीकरण के युक्तिकरण, स्व-विनियमन एवं स्व-प्रमाणन को हटाकर बोझिल अनुपालन को समाप्त कर दिया है।
- राज्य सुधार कार्य योजना (एसआरएपी): राज्यों के मध्य सहकारी संघवाद की भावना के अंतर्गत स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने हेतु एवं प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को अग्रसर करने हेतु केंद्र राज्यों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। श्री गोयल ने कहा, 301 सूत्री राज्य सुधार कार्य योजना, 2020 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 15 सुधार क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए साझा किया गया है।
- पीएम गति शक्ति: पीएम गति शक्ति ने अगली पीढ़ी की अवसंरचना (नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर) निर्मित करने हेतु प्रारंभ किया।
- गति शक्ति पोर्टल एकीकृत एवं निर्बाध अनुयोजकता (कनेक्टिविटी) सुनिश्चित करने हेतु मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
- गति शक्ति से विभागीय साइलो को तोड़ने एवं समग्र योजना को संस्थागत बनाने की अपेक्षा है।
- पीएम गति शक्ति के माध्यम से, सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं की दृश्यता प्राप्त होगी।
आत्मनिर्भर भारत के लिए ईओडीबी- उद्योग में बढ़ा हुआ योगदान सुनिश्चित करना
- भारतीय उद्योग को आत्मनिर्भर बनने के भारत के प्रयास में नेतृत्व करना होगा। इसके लिए उद्योग को निम्नलिखित बिंदुओं को प्रारंभ करना चाहिए-
- जोखिम उठाना (रिस्क टेकिंग): भारतीय उद्योगों (इंडियन इंक) के सर्वश्रेष्ठ होने के लिए, जोखिम उठाने हेतु उसे अधिक रुचि लेने की आवश्यकता है।
- विवादों का समाधान: भारतीय उद्योग को वाणिज्यिक विवादों की समस्याओं का “समग्र समाधान” निर्मित करना चाहिए।
- कोविड-19 जैसी आपदाओं का मुकाबला करना: उद्योग को “प्रतिस्कंदी पारिस्थितिकी तंत्र” निर्मित करने हेतु “लागत से परे देखना” चाहिए।
- एक ‘ब्रांड इंडिया‘ निर्मित करना: उद्योग को नवाचार (इनोवेशन), धारणीयता (सस्टेनेबिलिटी) एवं “ब्रांड इंडिया” पर अधिक ध्यान देना सुनिश्चित करना चाहिए।




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