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यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी- 30 नवंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स

Table of Contents

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में उस दिन के महत्वपूर्ण लेख  सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी- 30 नवंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स_3.1

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) प्लेटफॉर्म

जीईएम प्लेटफॉर्म चर्चा में क्यों है

  • प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जीईएम प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए विक्रेताओं की सराहना की है।
  • गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (GeM) प्लेटफॉर्म वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिए 29 नवंबर 2022 तक 1 लाख करोड़ रुपये के सकल व्यापारिक मूल्य को पार कर गया है।

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) क्या है?

  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) सरकारी अधिकारियों द्वारा अधिप्राप्ति (खरीद) करने के लिए एक गतिशील, आत्मनिर्भर एवं  उपयोगकर्ता के अनुकूल पोर्टल है। यह भारत में सार्वजनिक खरीद के लिए एक ऑनलाइन मंच है।
    • GeM पहल 9 अगस्त, 2016 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई थी।
  • GeM पोर्टल का विकास: राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के तकनीकी समर्थन के साथ आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सप्लाईज एंड डिस्पोजल/DGS&D) ने उत्पादों एवं सेवाओं दोनों की खरीद के लिए एक GeM पोर्टल विकसित किया है।
    • गवर्नमेंट ई-मार्केट (GeM) की देखरेख आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय द्वारा की जाती है।

गवर्नमेंट ई-मार्केट (GeM) का उद्देश्य क्या है?

  • सरकारी ई-विपणन स्थल (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस/GeM) का उद्देश्य सरकारी क्रेताओं के लिए एक खुला एवं पारदर्शी खरीद मंच तैयार करना है।
  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) सामान्य उपयोग की वस्तुओं एवं सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है।

 

छोटे सेल एवं एरियल फाइबर तैनाती के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोगपर सिफारिश ट्राई द्वारा जारी

छोटे सेल  एवं एरियल फाइबर की तैनाती के लिए स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया/ट्राई) ने “छोटे सेल एवं एरियल फाइबर परिनियोजन के लिए स्ट्रीट फ़र्नीचर के उपयोग” पर अपनी सिफारिशें जारी कीं।
  • जैसा कि भारत 5G को प्रारंभ करने की योजना बना रहा है, छोटे सेल नेटवर्क उन्नयन एवं विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

छोटे सेल एवं एरियल फाइबर परिनियोजित करने का महत्व

  • 5G के प्रारंभ हेतु उच्च आवृत्ति बैंड का उपयोग करने से कम कवरेज होगा क्योंकि इन सीमाओं में सिग्नल भवनों अथवा बाधाओं से गुजर कर यात्रा नहीं कर सकते हैं।
  • अतः, सभी स्थानों पर सभी प्रकार के उपयोगों एवं अनुप्रयोगों का समर्थन करने के लिए बृहत सेल को छोटे सेल के व्यापक परिनियोजन के साथ पूरक करने की आवश्यकता होगी।
  • ट्रैफिक ऑफ लोडिंग के लिए छोटे सेल का भी उपयोग किया जाएगा क्योंकि बृहत रेडियो साइटों द्वारा उपयोग की जाने वाली कम आवृत्तियों की वहन क्षमता सीमित होती है।
  • 5G छोटे सेल को स्थापित करने हेतु पूर्व से उपलब्ध स्ट्रीट फ़र्नीचर जैसे पोल इत्यादि का उपयोग करने से हज़ारों नए टावर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप छोटे सेल की किफायती एवं तेज़ी से तैनाती हो सकती है।
  • छोटे सेलों को बैकहॉल कनेक्टिविटी की आवश्यकता होगी जो पुनः सड़क के फर्नीचर का उपयोग करके  एरियल फाइबर के परिनियोजन के माध्यम से अत्यधिक तीव्रता से प्रदान की जा सकती है।

संबंधित चुनौतियाँ

  • स्ट्रीट फ़र्नीचर पर छोटे सेल एवं एरियल फ़ाइबर के परिनियोजन से बैकहॉल की उपलब्धता, बिजली, उपयुक्त उपकरण लगाने के लिए स्ट्रीट फ़र्नीचर की क्षमता, विस्तार क्षमता (स्केलेबिलिटी) एवं स्थानीय अनुमोदन तथा सुरक्षा से संबंधित चिंताओं के आधार पर उपयुक्त स्ट्रीट फ़र्नीचर का अभिनिर्धारण करने जैसे कई मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है।
  • मार्गाधिकार (राइट ऑफ वे) प्रक्रिया, विभिन्न उपयोगकर्ताओं के बीच स्ट्रीट फर्नीचर के साझाकरण, राज्य बिजली कानूनों के तहत ऊर्जा आपूर्ति के लिए आवश्यक अनुमतियां, छोटे सेल परिनियोजन के लिए छूट  अथवा परिमाण अनुमतियों को भी संबोधित करने की आवश्यकता होगी।

 

“छोटे सेल एवं एरियल फाइबर के परिनियोजन के लिए स्ट्रीट फर्नीचर का उपयोग” पर ट्राई की सिफारिशों का उद्देश्य छोटे सेल एवं एरियल फाइबर के उचित उपयोग में आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।

 

समन्वय 2022′ अभ्यास

समन्वय 2022′ अभ्यास चर्चा में क्यों है

  • रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एचएडीआर अभ्यास ‘समन्वय 2022’ में कहा कि हाल के वर्षों में भारत अपने नागरिकों के साथ-साथ क्षेत्रीय भागीदारों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत प्रदान करने की क्षमता के रूप में भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक क्षेत्रीय शक्ति तथा संपूर्ण सुरक्षा प्रदाता के रूप में उभरा है।
  • उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन/ सागर) के तहत, भारत प्राकृतिक आपदाओं जैसे खतरों से निपटने के दौरान क्षेत्र में आर्थिक विकास एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न भागीदारों के साथ सहयोग कर रहा है।

समन्वय 2022′ अभ्यास 

  • एचएडीआर अभ्यास समन्वय 2022′ के बारे में: एचएडीआर अभ्यास ‘समन्वय 2022’ का उद्देश्य भारत में संस्थागत आपदा प्रबंधन संरचनाओं एवं आकस्मिक उपायों की प्रभावकारिता का आकलन करना है।
  • प्रमुख गतिविधियां: अभ्यास ‘समन्वय 2022’ में शामिल होंगे-
    • आपदा प्रबंधन पर संगोष्ठी
    • एक ‘बहु एजेंसी अभ्यास’ जिसमें विभिन्न एचएडीआर परिसंपत्तियों के स्थिर एवं उड़ान प्रदर्शन शामिल हैं  तथा
    • एक ‘टेबलटॉप अभ्यास’।
  • भागीदारी: देश के विभिन्न हितधारकों की भागीदारी के साथ, अभ्यास में आसियान देशों के प्रतिनिधियों द्वारा भी भागीदारी देखी जाएगी।

समन्वय 2022′ अभ्यास का महत्व

  • समन्वय 2022 आपदा प्रबंधन में सम्मिलित विभिन्न राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हितधारकों द्वारा एचएडीआर के प्रति एक सहक्रियात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करेगा, जिसमें सम्मिलित होंगे
  • नागरिक प्रशासन,
  • सशस्त्र बल,
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी/एनडीएमए),
  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट/एनआईडीएम),
  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स/NDRF),
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन/DRDO),
  • सीमा सड़क संगठन (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन/BRO),
  • भारत मौसम विज्ञान विभाग (इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट/IMD),
  • राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केंद्र (नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर/NRSC) तथा
  • भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशियन इनफॉर्मेशन सर्विसेज/INCOIS)
  • समन्वय 2022 बहु-एजेंसी संबद्धता से एचएडीआर के सफल संचालन के लिए प्रभावी संचार, अंतर-संचालनीयता, सहयोग एवं उनके अनुप्रयोग हेतु संस्थागत ढांचे के विकास में योगदान की अपेक्षा है।
  • समन्वय अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले आसियान सदस्य देशों के साथ क्षेत्र के संबंध में ज्ञान, अनुभव एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान के लिए एक विशिष्ट मंच प्रदान करना है।

 

अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस 2022

 

अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस 2022 चर्चा में क्यों है

  • हाल ही में, राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली (दिल्ली चिड़ियाघर) ने अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस 2022 मनाया।

अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस 2022 पर भारत में समारोह

  • राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (नेशनल जूलॉजिकल पार्क) ने ‘बिग कैट्स एंड जगुआर’ पर जू वॉक एवं एक्सपर्ट टॉक जैसी गतिविधियों का आयोजन किया।
  • इन आयोजनों में लिटिल स्टार पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
  • छात्रों को प्रोत्साहित करने एवं प्रकृति तथा वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझने में उनकी जिज्ञासा को जगाने के लिए भागीदारी प्रमाण पत्र, वन्यजीव संरक्षण पर साहित्य एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस 2022

  • जगुआर द्वारा सामना किए जाने वाले बढ़ते खतरों तथा इसके अस्तित्व को सुनिश्चित करने वाले महत्वपूर्ण संरक्षण प्रयासों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस का सृजन किया गया था।
  • 29 नवंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस जैव विविधता संरक्षण के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी जंगली बिल्ली को छत्र प्रजाति के रूप में मनाता है।
  • जगुआर सतत विकास एवं मध्य तथा दक्षिण अमेरिका की सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत के लिए एक प्रतीक है। यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बिल्ली प्रजाति का शिकारी (कैट प्रीडेटर) है एवं अमेज़न वर्षावन की एक महत्वपूर्ण प्रजाति है।
  • अंतर्राष्ट्रीय जगुआर दिवस राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से जगुआर श्रेणी के देशों की सामूहिक स्वर का भी प्रतिनिधित्व करता है।
    • यह संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के व्यापक प्रयासों के एक भाग के रूप में जगुआर गलियारों एवं उनके पर्यावासों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करने में सहायता करता है।

जगुआर के बारे में 

  • जगुआर (पेंथेरा ओंका) को प्रायः तेंदुआ समझ लिया जाता है, किंतु उनके शरीर के परत पर गुच्छों (रोसेट) के भीतर के धब्बों के कारण उन्हें पृथक किया जा सकता है।
  • जबकि अनेक बिल्लियाँ पानी से बचती हैं, जगुआर कुशल तैराक होते हैं एवं यहाँ तक कि पनामा नहर में तैरने के लिए भी जाने जाते हैं।

 

इसरो द्वारा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (EOS-6) का प्रक्षेपण किया गया दैनिक समसामयिकी: 29 नवंबर 2022 | यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स यूपीएससी के लिए  दैनिक समसामयिकी- 28 नवंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) – मालदीव ने मालदीव के सिविल सेवकों के प्रशिक्षण में NCGG की भूमिका की प्रशंसा की
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