Home   »   Daily Current Affairs: 26th November 2022   »   Daily Current Affairs for UPSC

यूपीएससी के लिए  दैनिक समसामयिकी- 28 नवंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स

Table of Contents

यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी

दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी आलेख के लिए दैनिक समसामयिकी में उस दिन के महत्वपूर्ण लेख सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न  प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यूपीएससी के लिए  दैनिक समसामयिकी- 28 नवंबर 2022 |प्रीलिम्स बिट्स_3.1

 लघु प्रतिरूपक रिएक्टर (स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर/एसएमआर)

 

लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR)

  • हाल ही में, केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, कि भारत स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 300 मेगावाट तक की क्षमता वाले छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के विकास के लिए कदम उठा रहा है।

 

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) क्या हैं?

  • छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स/SMR), अपनी प्रकृति में 300 मेगावाट क्षमता तक के डिजाइन में लचीले होते हैं एवं इसके लिए छोटे फुटप्रिंट की आवश्यकता होती है।
  • मोबाइल एवं फुर्तीली तकनीक होने के कारण, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स को साइट पर बने पारंपरिक परमाणु रिएक्टरों के विपरीत फैक्ट्री-निर्मित किया जा सकता है।
    • इस प्रकार, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (एसएमआर) लागत एवं निर्माण समय में महत्वपूर्ण बचत प्रदान करते हैं।
  • स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स औद्योगिक वि- कार्बनिकरण (डी-कार्बोनाइजेशन) में एक आशाजनक तकनीक है, विशेष रूप से जहां ऊर्जा की विश्वसनीय एवं निरंतर आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
  • ऐसा कहा जाता है कि बड़े परमाणु संयंत्रों की तुलना में एसएमआर सरल एवं सुरक्षित होते हैं।

 

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के विकास की आवश्यकता

  • एसएमआर जैसे नए स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों की खोज साहसिक जलवायु प्रतिबद्धताओं के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए भारत के रोडमैप के अनुरूप है जो हमारे अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) में परिलक्षित होते हैं।
  • भारत ने पहले से ही गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा संसाधनों के प्रवेश एवं वर्ष 2070 तक निवल-शून्य प्राप्त करने के साथ स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण हेतु आवश्यक कदम उठाए हैं। आधार भार शक्ति के मामले में परमाणु वि- कार्बनिकरण (डी-कार्बोनाइजेशन) रणनीति में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।
    • यह इस संदर्भ में है कि न केवल भारत बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए परमाणु ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
  • विश्व की 17% आबादी वाले भारत ने विगत दशक के दौरान अपनी प्राथमिक ऊर्जा में 4% की दर से वृद्धि देखी है, जो 1.3% की वैश्विक विकास दर से लगभग दोगुनी है।
    • यद्यपि, ऐतिहासिक मानकों के अनुसार, वैश्विक उत्सर्जन में हमारी हिस्सेदारी 5% से भी कम है।

 

छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के विकास को बढ़ावा देने हेतु कदम

  • भारत के भीतर इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के विकास में निजी क्षेत्र एवं स्टार्ट-अप की भागीदारी का अन्वेषण करने की आवश्यकता है।
  • एसएमआर प्रौद्योगिकी की व्यावसायिक उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रौद्योगिकी साझाकरण एवं धन की उपलब्धता दो महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

 

अभ्यासऑस्ट्रा हिंद 22″ 

 

अभ्यासऑस्ट्रा हिंद 22″ चर्चा में क्यों है?

  • भारतीय सेना एवं ऑस्ट्रेलियाई सेना की टुकड़ियों के मध्य द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास “ऑस्ट्रा हिंद 22” 28 नवंबर से 11 दिसंबर 2022 तक महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (राजस्थान) में आयोजित होने वाला है।

 

 अभ्यासऑस्ट्रा हिंद 22″ के बारे में

  • अभ्यासऑस्ट्रा हिंद 22″ के बारे में: अभ्यास “ऑस्ट्रा हिंद 22” दोनों सेनाओं से आकस्मिक सभी सैन्य बलों की भागीदारी के साथ ऑस्ट्रेलिया हिंद की श्रृंखला में  प्रथम अभ्यास है।
    • अभ्यास “ऑस्ट्रा हिंद” एक वार्षिक कार्यक्रम होगा जो भारत एवं ऑस्ट्रेलिया में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाएगा।
  • भागीदारी: ऑस्ट्रेलियाई सैन्य दल जिसमें दूसरी डिवीजन की 13वीं ब्रिगेड के सैनिक शामिल हैं, अभ्‍यास स्‍थल पर पहुंच गए हैं।
    • भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व डोगरा रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जाता है।
  • अधिदेश: “ऑस्ट्रा हिंद” अभ्यास का उद्देश्य सकारात्मक सैन्य संबंध निर्मित करना, एक दूसरे के सर्वोत्तम  व्यवहार को आत्मसात करना एवं संयुक्त राष्ट्र शांति प्रवर्तन शासनादेश के तहत अर्ध-मरुस्थलीय इलाके में बहु- क्षेत्रीय संचालन करते हुए एक साथ कार्य करने की क्षमता को प्रोत्साहित करना है।

 

ऑस्ट्रा हिंद 22″ अभ्यास का महत्व

  • यह संयुक्त अभ्यास, दोनों सेनाओं के मध्य समझ एवं अंतर संचालनीयता को प्रोत्साहित करने के अतिरिक्त, भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के मध्य संबंधों को और सुदृढ़ करने में सहायता करेगा।
  • ऑस्ट्रा हिंद 22″ संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं को शत्रुतापूर्ण खतरों को निष्प्रभावी करने के लिए कंपनी एवं प्लाटून स्तर पर सामरिक संचालन करने हेतु रणनीति, तकनीक एवं प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने में सक्षम करेगा।

 

ऑस्ट्रा हिंद 22″ के तहत प्रमुख कार्यक्रम 

  • अभ्यास के दौरान, प्रतिभागी संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास, विशेष हथियारों के कौशल की मूल बातें साझा करने एवं शत्रु लक्ष्य पर आक्रमण करने जैसे विभिन्न कार्यों में सम्मिलित होंगे।
  • बटालियन/कंपनी स्तर पर दुर्घटना प्रबंधन, दुर्घटना निष्क्रमण एवं रसद नियोजन के अतिरिक्त स्थितिजन्य जागरूकता के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए स्निपर्स, निगरानी एवं संचार उपकरण सहित नई पीढ़ी के उपकरण एवं विशेषज्ञ हथियारों पर प्रशिक्षण की भी योजना है।

 

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (ईओएस-6)

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (ईओएस-6) चर्चा में क्यों है?

  • महासागरों की निगरानी के लिए तीसरी पीढ़ी के भारतीय उपग्रह को औपचारिक रूप से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (EOS-6) नाम दिया गया है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ISRO) द्वारा प्रक्षेपित किया गया था।
  • अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (ईओएस-6) को इसरो द्वारा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ( मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज/एमओईएस) के साथ साझेदारी में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (सतीश धवन स्पेस सेंटर/एसडीएससी), श्रीहरिकोटा में इसके प्रथम प्रक्षेपण मंच (फर्स्ट लॉन्च पैड/एफएलपी) से प्रक्षेपित किया गया था।

 

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (ईओएस-6)

  • महासागर अवलोकन मिशन क्रमशः 1999 एवं 2009 में प्रक्षेपित किए गए ओशनसैट -1 या आईआरएस-पी4 ​​तथा ओशनसैट -2 का अनुवर्ती है।
  • EOS-06 उपग्रह को इसकी 56वीं उड़ान (पीएसएलवी- एक्सएल संस्करण की 24वीं उड़ान) पर सिद्ध प्रक्षेपण यान ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल/PSLV) पर प्रक्षेपित किया गया था।
  • अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-6 (EOS-6) तीन महासागर अवलोकन सेंसर अर्थात
    • ओशन कलर मॉनिटर (OCM-3),
    • सागर सतह तापमान मॉनिटर (एसएसटीएम), एवं कू-बैंड स्कैटरोमीटर (SCAT-3)।
    • एक ARGOS नीतभार (पेलोड) भी है।
  • भारत की नीली अर्थव्यवस्था की आकांक्षाओं के लिए इन सभी सुग्राहियों (सेंसर) का अपना महत्व है।

 

महासागरीय रंग मॉनिटर (OCM-3)

  • 360 मीटर स्थानिक विभेदन एवं 1400 किमी प्रमार्ज के साथ उन्नत 13 चैनल ओसीएम प्रत्येक दिन पृथ्वी के दिवस पक्ष का निरीक्षण करेगा एवं समुद्री शैवाल के वितरण पर महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा जो समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के भीतर खाद्य श्रृंखला का आधार है।
  • उच्च सिग्नल-के लिए-शोर अनुपात के साथ OCM-3 से पादप प्लवक (फाइटोप्लांकटन) की दैनिक निगरानी में बेहतर सटीकता प्रदान करने की संभावना है, जिसमें मत्स्य संसाधन प्रबंधन, महासागर कार्बन अंतर्ग्रहण, हानिकारक शैवाल प्रस्फुटन चेतावनी (अल्गल ब्लूम अलर्ट) एवं जलवायु अध्ययन सहित परिचालन एवं अनुसंधान अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

 

समुद्री सतह तापमान मॉनिटर (SSTM)

  • समुद्री सतह तापमान मॉनिटर (SSTM) महासागर की सतह के तापमान के संबंध में विवरण प्रदान करेगा जो मत्स्य एकत्रीकरण से लेकर चक्रवात उत्पत्ति एवं गति तक विभिन्न पूर्वानुमान प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण महासागरीय मापदंड है।
  • प्रवाल भित्तियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए एवं यदि आवश्यक हो, प्रवाल विरंजन संबंधी चेतावनी प्रदान करने के लिए तापमान एक प्रमुख मापदंड है।

 

कू-बैंड पेंसिल बीम

  • ऑनबोर्ड ईओएस-6 पर कू-बैंड पेंसिल बीम स्कैटरोमीटर महासागरों की सतह पर उच्च विभेदन वायु गतिकी (गति एवं दिशा) प्रदान करेगा, कुछ ऐसा जिसके बारे में कोई भी नाविक जानना चाहेगा, चाहे वह मछुआरा हो अथवा शिपिंग कंपनी।
  • तापमान एवं पवन का डेटा भी महासागर एवं मौसम के मॉडल में आत्मसात करने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि उनकी पूर्वानुमान सटीकता में सुधार हो सके।

 

ARGOS पेलोड

  • ARGOS एक संचार नीतभार (पेलोड) है जिसे फ्रांस के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है एवं इसका उपयोग निम्न-शक्ति (ऊर्जा-कुशल) संचार के लिए किया जाता है, जिसमें समुद्री रोबोटिक फ़्लोट्स (Argo फ़्लोट्स), फिश-टैग, ड्रिफ्टर्स एवं प्रभावी खोज तथा बचाव कार्यों के संचालन के लिए उपयोगी संकट चेतावनी उपकरण शामिल हैं।

 

नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) – मालदीव ने मालदीव के सिविल सेवकों के प्रशिक्षण में NCGG की भूमिका की प्रशंसा की टीबी मुक्त भारत अभियान- दीपा मलिक बनी निक्षय मित्र एवं राष्ट्रीय राजदूत एचएडीआर अभ्यास ‘समन्वय 2022’ यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकथॉन 2022 का आयोजन उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है
मनरेगा योजना में सुधार के लिए केंद्र ने बनाई समिति! दैनिक समसामयिकी: 26 नवंबर 2022 | यूपीएससी प्रीलिम्स बिट्स राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (NAA) को सीसीआई में क्यों समाविष्ट किया जाए? | यूपीएससी के लिए सब कुछ जानें असम-मेघालय विवाद क्या है? | इतिहास, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की चुनौतियां |संपादकीय विश्लेषण
लीथ के मृदु कवच वाले कछुए| पनामा में वन्यजीव शिखर सम्मेलन में अपनाया गया भारत का प्रस्ताव हिंद प्रशांत क्षेत्रीय संवाद 2022 (इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग/IPRD-2022) द हिंदू संपादकीय विश्लेषण- स्पेस, नॉट टाइम यूपीएससी 2023 के लिए महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *