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बेल्ट एवं रोड पहल: प्रासंगिकता
- जीएस 2: भारत के हितों, भारतीय प्रवासी पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव।
बेल्ट एवं रोड पहल: प्रसंग
- चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में 2019 के पश्चात से ऋण शर्तों एवं पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर आलोचना के कारण निवेश 54 प्रतिशत गिर गया है।
बेल्ट एवं रोड पहल: मुख्य बिंदु
- 2013 में कार्यक्रम के प्रारंभ के पश्चात सेविगत वर्ष बेल्ट एंड रोड पहल में निवेश अपने सबसे निचले स्तर पर था।
- बर्बाद हुए सौदे, कोविड-19 महामारी एवं चीन द्वारा अपनाए गए अधिक सतर्क दृष्टिकोण के कारण निवेश में गिरावट आई है।
- बीआरआई को अनेक प्रकार के मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें हड़ताल, सार्वजनिक विरोध, भ्रष्टाचार घोटाले, ऋण बकाया एवं अन्य कारण शामिल हैं।
बेल्ट एवं रोड पहल क्या है?
- चीन की बेल्ट एवं रोड पहाड़ (बीआरआई) विकास रणनीति का उद्देश्य चीन एवं चीन सहित छह मुख्य आर्थिक गलियारों में अनुयोजकता एवं सहयोग का निर्माण करना है।
- मंगोलिया एवं रूस;
- यूरेशियन देश;
- मध्य एवं पश्चिम एशिया;
- पाकिस्तान;
- भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य देश; एवं हिंद चीन।
- बेल्ट एवं रोड पहल, जिसे पहले वन बेल्ट वन रोड या संक्षेप में ओबीओआर के रूप में जाना जाता था, लगभग 70 देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में निवेश करने हेतु 2013 में चीनी सरकार द्वारा अपनाई गई एक वैश्विक आधारिक अवसंरचना विकास रणनीति है।
- चीनी राष्ट्रपति ने मूल रूप से सितंबर 2013 में कजाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा के दौरान “सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट“ के रूप में रणनीति की घोषणा की थी।
- “बेल्ट” “सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट” के लिए प्रयुक्त लघु रूप है, यह पश्चिमी क्षेत्रों के प्रसिद्ध ऐतिहासिक व्यापार मार्गों के साथ मध्य एशिया के माध्यम से सड़क एवं रेल परिवहन के लिए प्रस्तावित स्थलीय (ओवरलैंड) मार्गोंसे संदर्भित है; जबकि “रोड” “21वीं सदी के समुद्री रेशम मार्ग“ के लिए प्रयुक्त लघु रूप है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया से दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व एवं अफ्रीका के लिए हिंद प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) समुद्री मार्गों को संदर्भित करता है।
- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव अवसंरचना निवेश के उदाहरणों में बंदरगाह, गगनचुंबी भवन, रेलमार्ग, सड़कें, हवाई अड्डे, बांध, कोयले से संचालित होने वाले विद्युत केंद्र एवं और रेल सुरंग शामिल हैं।
बेल्ट एवं रोड पहल: निवेश में कमी के कारण
- पर्यावरण संबंधी चिंताएं: यूरोप में चीनी परियोजनाओं, विशेष रूप से सर्बिया में कोयला खनन को सार्वजनिक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि यह परियोजना भूमि एवं जल दोनों को प्रदूषित करेगी।
- घाना में, बॉक्साइट खदान जैव विविधता वाले प्रमुख क्षेत्रों में स्थित है एवं यह परियोजना स्वच्छ पेयजल के स्रोत को प्रदूषित कर सकती है।
- कार्य की हानिकारक दशाएं: जॉर्जिया में, स्थानीय श्रमिक रेलवे परियोजना में कम वेतन एवं कार्य की हानिकारक परिस्थितियों के बारे में शिकायत कर रहे हैं।
- निजीकरण: ग्रीस में, लोगों ने बंदरगाहों के निजीकरण एवं दीर्घकालिक कार्य अवधि का विरोध किया।
- पारदर्शिता: चीनी परियोजनाओं के लिए पारदर्शिता एक मुद्दा बना हुआ है। उदाहरण के लिए, यूरोप में बेलग्रेड मेट्रो प्रणाली की लोगों द्वारा आलोचना की गई क्योंकि इस कार्य हेतु कोई सार्वजनिक निविदा आमंत्रित नहीं की गई थी।
- जन भावना में व्यापक परिवर्तन: कुछ निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों को उनकी जनता की भावना में व्यापक परिवर्तनों के कारण बीआरआई परियोजनाओं को रद्द करना पड़ा है।
- परियोजना के पूर्ण होने में विलंब: तेहरान-मशहद उच्च गति (हाई-स्पीड) रेल मार्ग विद्युतीकरण उन्नयन परियोजना आरंभ होने की तिथि (2016) से 48 महीनों के भीतर पूरी होने की संभावना थी, किंतु, 2019 तक, परियोजना ने परियोजना का मात्र 3% भाग पूरा किया है।
- पश्चिमी देशों द्वारा विरोधी पहल: बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (बी3डब्ल्यू), यूरोपीय संघ द्वारा ग्लोबल गेटवे पहल जैसी पहलों ने भी बीआरआई में निवेश को प्रभावित किया है।




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