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DRDO ने लॉन्च की अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल, जानें क्या हैं मुख्य विशेषताएं

अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल: अग्नि प्राइम मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है, जो इसे भारत की सामरिक क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का यह टॉपिक UPSC प्रारंभिक परीक्षा और UPSC मुख्य परीक्षा (GS पेपर 3- आंतरिक सुरक्षा) के नज़रिए से भी महत्वपूर्ण है।

समाचारों में ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। ‘अग्नि प्राइम’ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण सभी पैमानों पर सफल रहा।

अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में –

नई जनरेशन के परमाणु सक्षम हथियार अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का भारत द्वारा हाल ही में, सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल को ओडिशा के तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया था। 1,000 और 2,000 किलोमीटर के बीच की मारक क्षमता के साथ, परीक्षण ने मिसाइल की क्षमताओं का प्रदर्शन किया।

  • भारत के लिए यह एक माइलस्टोन है, जहाँ भारत की त्रि-सेवा सामरिक बल कमान (SFC) ने अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च सफलतापूर्वक किया।
  • देश के परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार SFC ने ऑपरेशन का निरीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि परीक्षण पूरी तरह से सफल साबित हुआ है।
  • अग्नि-प्राइम मिसाइल SFC के शस्त्रागार में धीरे-धीरे अग्नि-I (700 किमी) मिसाइलों की जगह लेने के लिए तैयार है।
  • वर्तमान में , सामरिक बल कमान के पास पृथ्वी-II (350-किमी), अग्नि-II (2,000-किमी), अग्नि-III (3,000-किमी), और अग्नि-4 (4,000-किमी) सहित कई अन्य बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।

अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल की विशेषताएं-

अग्नि-प्राइम में नई प्रणोदन प्रणाली(propulsion systems) और समग्र रॉकेट मोटर केसिंग के साथ-साथ उन्नत नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली शामिल है।

  • गौरतलब है कि यह देश की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की तरह 5,000 किमी से अधिक लंबी अग्नि-V की तरह एक कैनिस्टर-लॉन्च प्रणाली भी है, जो अब SFC द्वारा शामिल किए जाने की प्रक्रिया में है।
  • एक कैनिस्टर-लॉन्च मिसाइल – मिसाइल के साथ पहले से ही वारहेड के साथ – सशस्त्र बलों को इसे लंबे समय तक स्टोर करने के लिए अपेक्षित परिचालन लचीलापन (requisite operational flexibility) देती है, यानी कि यह आवश्यकता पड़ने पर इसे रेल या सड़क के माध्यम से तेजी से इसका परिवहन हो सकता है, और जहां चाहे वहां से फायर करती है।

क्या है अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का महत्व-

अग्नि-5 मिसाइल के अतिरिक्त, अग्नि- P का विकास चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ भारत की प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाएगा।

  • अग्नि-V के पास पहले से ही पूरे चीन में लक्ष्यों को भेदने की क्षमता है, जबकि अग्नि- P विशेष रूप से पाकिस्तान को ध्यान में रखकर बनाया गया लगता है।
  • हाल ही में, भारत ने बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट पर स्थित एक जहाज से एंडोएटमॉस्फेरिक इंटरसेप्टर मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित करके अपने बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
  • यह परीक्षण आगे बैलिस्टिक मिसाइल खतरों के खिलाफ अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
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FAQs

अग्नि प्राइम मिसाइल क्या है?

अग्नि प्राइम मिसाइल भारत द्वारा विकसित एक नई जनरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल है। यह एक परमाणु-सक्षम हथियार है जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है।

अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण कहां किया गया?

अग्नि प्राइम मिसाइल का परीक्षण भारत के ओडिशा के तट पर स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था।

अग्नि प्राइम मिसाइल की विशेषताएं क्या हैं?

अग्नि प्राइम मिसाइल में नई प्रणोदन प्रणाली(new propulsion systems), समग्र रॉकेट मोटर केसिंग, और एडवांस नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम शामिल है। यह अग्नि-V मिसाइल के समान एक कैनिस्टर-लॉन्च सिस्टम है, जो लंबे समय तक के स्टोरेज और कहीं से भी तैनाती में सक्षम है।

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