Home   »   How to prepare for UPSC CSE...   »   13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन- संदर्भ

  • हाल ही में 13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 वस्तुतः भारत की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री ने 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 की आभासी (वर्चुअल) बैठक की अध्यक्षता की।
  • 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 में अफगानिस्तान के घटनाक्रमों का प्रभुत्व था, एवं ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य योजना (काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान) को अपनाया गया।
  • नई दिल्ली घोषणा-पत्रको ब्रिक्स नेताओं द्वारा अंगीकृत किया गया था जो 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का एक परिणाम दस्तावेज है।

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021_3.1

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन -मुख्य बिंदु

  • यह तीसरी बार होगा जब भारत 2012 एवं 2016 के पश्चात ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
  • 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु: ‘ब्रिक्स@15: इंट्रा ब्रिक्स कॉर्पोरेशन फॉर कंटिन्यूटी कंसोलिडेशन एंड कंसेंसस’ (निरंतरता, समेकन और आम सहमति के लिए ब्रिक्स के मध्य सहयोग)।
  • अध्यक्षता: भारत 13 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2021 की अध्यक्षता कर रहा है, जो ब्रिक्स की पंद्रहवीं वर्षगांठ के साथ सन्निपतित (एक ही समय में) है, जैसा कि शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु में प्रतिबिंबित किया गया है।
  • भारत द्वारा विशिष्ट रूप से दर्शाए गए प्राथमिकता वाले क्षेत्र: भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की थी। ये सुधार संबंधित हैं –
      1. बहुपक्षीयव्यवस्था।
      2. आतंकवाद का मुकाबला।
      3. एसडीजी प्राप्त करने हेतु डिजिटलएवं तकनीकी उपकरणों का उपयोग करना।
      4. लोगों से लोगों के मध्य आदान-प्रदान बढ़ाना।

13वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन- प्रमुख परिणाम

  • अफगानिस्तान मुद्दे पर:
    • ब्रिक्स नेताओं ने एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को बढ़ावा देने का आह्वान किया ताकि देश में स्थिरता, नागरिक शांति, विधि एवं व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
    • आतंकवाद से लड़ने की प्राथमिकता पर प्रकाश डाला, जिसमें आतंकवादी संगठनों द्वारा अफगान क्षेत्र को आतंकवादी शरण स्थली के रूप में उपयोग करने एवं अन्य देशों के विरुद्ध हमले करने के प्रयासों को रोकना शामिल है।
    • अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर ध्यान देने का आह्वान किया एवं महिलाओं, बच्चों तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों को अनुरक्षित रखने की आवश्यकता का आग्रह किया।
    • तालिबान के साथ संबंध के मुद्दे पर रूस एवं चीन द्वारा इस मुद्दे पर एक अग्रसक्रिय नीति अपनाने पर ब्रिक्स देशों में मतों में विभेद था।
    • शिखर सम्मेलन ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में “अ-हस्तक्षेप” के सिद्धांत के महत्व पर बल दिया एवं कहा कि विवादों तथा संघर्षों को शांतिपूर्ण माध्यमों से हल किया जाना चाहिए।
  • ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य योजना को अपनाना: नई दिल्ली घोषणा-पत्र ने शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स आतंकवाद विरोधी कार्य योजना (काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान) को भी अपनाया।
    • ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान के प्रमुख उद्देश्य: ब्रिक्स देशों के मध्य निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग सुनिश्चित करने के लिए-
      • आतंकवाद को रोकना एवं उसका प्रतिरोध करना,
      • अतिवादिता (कट्टरता),
      • आतंकवाद का वित्तपोषण,
      • आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट का दुरुपयोग,
      • आतंकवादियों की यात्रा पर अंकुश लगाना,
      • सीमा नियंत्रण,
      • अरक्षित लक्ष्यों को संरक्षण प्रदान करना,
      • सूचना आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण,
      • अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग।
    • कोविड-19 का मुकाबला करने पर:
      • 13 वेंब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी एवं महामारी विरोधी सहयोग तथा बहुपक्षीय सुधार को सशक्त करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
      • नई दिल्ली घोषणा-पत्र ने महामारी एवं कोविड-19 वायरस के मुद्दे पर राजनीति न करने का आह्वान किया एवं वायरस की समाप्ति हेतु समेकित वैश्विक प्रयास का आग्रह किया।
    • अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग: शिखर सम्मेलन के परिणामस्वरूप सदस्य देश अंतरिक्ष एजेंसियों के मध्य सुदूर संवेदन उपग्रह (रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) नक्षत्र पर एक समझौता हुआ जो अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को और गहन करेगा।
    • अन्य देशों में जारी संघर्षों पर: ब्रिक्स नेताओं ने म्यांमार, सीरिया में संघर्ष, कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव, इजरायल-फिलिस्तीन हिंसा एवं अन्य क्षेत्रीय विवादों को भी उठाया।
    • संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर: शिखर सम्मेलन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का आह्वान किया एवं संयुक्त राष्ट्र महासभा को “पुनर्जीवित” करने का आग्रह किया।

 

ब्रिक्स के बारे में अधिक जानने के लिए –यहां से पढ़ें।

 

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *