Table of Contents
केंद्रीय बजट 2022-23: यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3 के लिए प्रासंगिकता: भारतीय अर्थव्यवस्था– आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे; सरकारी बजट।
केंद्रीय बजट 2022-23: संदर्भ
- हाल ही में, संसद में प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट में कहा गया है कि भारत का घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष (2021-22) 9.2% बढ़ने की संभावना है- जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
- यद्यपि, विगत वर्ष (2020-21) में भारत का उत्पादन संकुचन विश्व में सर्वाधिक खराब था।
यूपीएससी एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं हेतु नि शुल्क अध्ययन सामग्री प्राप्त करें
केंद्रीय बजट 2022-23: बजटीय प्रावधान
- केंद्रीय बजट 2022-23 में विगत वर्ष की तुलना में वर्तमान कीमतों पर सार्वजनिक निवेश को 35.4% तक बढ़ाने का प्रयास किया गया है ताकि सकल घरेलू उत्पाद में इसका हिस्सा विगत वर्ष के 2.2% से बढ़ाकर 2.9% किया जा सके।
- राज्य के निवेश के लिए अनुदान सहायता के साथ, केंद्रीय बजट में सार्वजनिक निवेश हिस्सेदारी को सकल घरेलू उत्पाद के 4% से अधिक तक बढ़ाने की उम्मीद है।
- केंद्रीय बजट एक अच्छे निवेश- प्रेरित उत्पादन एवं रोजगार वृद्धि को गति देने की अपेक्षा करता है।
- यह निजी निवेश पर सार्वजनिक निवेश के “क्राउड-इन” (व्यापक रूप से भरने) प्रभाव के माध्यम से होगा।
- केंद्रीय बजट 2022-23 का उद्देश्य निवेश को वित्तपोषित करने हेतु संसाधनों का अभिनियोजन करना है क्योंकि यह विगत बजट में निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजकोषीय घाटे के अनुपात को कम करना चाहता है।
केंद्रीय बजट 2022-23 को समझना | पर्यटन क्षेत्र
केंद्रीय बजट 2022-23: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां
- कोविड-19 वायरस: ओमिक्रोन वायरस की जारी लहर का प्रतिकूल प्रभाव सकल घरेलू उत्पाद (आर्थिक सर्वेक्षण द्वारा इस वर्ष 9.1% होने का अनुमान) में वृद्धि को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
- प्रति व्यक्ति आय में कोई वृद्धि नहीं: भारत ने दो वर्ष के उत्पादन विस्तार को खो दिया। दूसरे शब्दों में, प्रति व्यक्ति आय आज दो वर्ष पूर्व की तुलना में कम है।
- निजी उपभोग में गिरावट: वित्त वर्ष 2020 तथा वित्त वर्ष 2022 के मध्य निजी/ व्यक्तिगत खपत की हिस्सेदारी में जीडीपी के तीन प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।
- सरकार ने गिरावट को कम करने हेतु अपने व्यय में वृद्धि की है, किंतु यह वृद्धि केवल मामूली रूप से की गई है।
- राजस्व प्राप्ति का मुद्दा: महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या अतिरिक्त कर तथा गैर-कर राजस्व (अर्थात विनिवेश आय) निवेश योजना को वित्तपोषित करने हेतु पर्याप्त होगा।
- चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक निवेश में सकल घरेलू उत्पाद के नाम मात्र की 0.2% की वृद्धि हुई है।
- प्रस्तावित निवेश लक्ष्यों को पूर्ण करने में चुनौतियां:
- उच्च (आयातित) मुद्रास्फीति का खतरा (तेल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के कारण) तथा
- बढ़ती ब्याज दरें (अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय के कारण)।
- बढ़ती बेरोजगारी: निजी उपभोग में गिरावट (जीडीपी के तीन प्रतिशत अंक) के प्रमुख कारणों में से एक संभवत: रोजगार की व्यापक हानि है।
- औद्योगिक मंदी: जीडीपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी काफी समय से जीडीपी के लगभग 15% पर स्थिर रही है।
- वार्षिक औद्योगिक विकास दर 2015-16 में 13.1% से घटकर 2020-21 में ऋणात्मक 7.2% हो गई है।
- औद्योगिक मंदी का एक अन्य उदाहरण दुपहिया वाहनों की बिक्री में आई गिरावट है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, यह 2021 में गिरकर 11.77 मिलियन इकाई रह गई, जो 2014 में विक्रय की गई 11.90 मिलियन इकाइयों की तुलना में कम थी।
- औद्योगिक मंदी से रोजगार में संकुचन होता है, अधिकांशतः अनौपचारिक या असंगठित क्षेत्र में।
केंद्रीय बजट 2022-23 को समझना | पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय महायोजना
सार्वजनिक निवेश पर केंद्रीय बजट 2022-23: आगे की राह
- राजस्व वसूली सुनिश्चित करना: प्रस्तावित सार्वजनिक निवेश के लिए राजस्व की वसूली महत्वपूर्ण रूप से निम्नलिखित पर निर्भर करेगी-
- कर राजस्व वसूली,
- विनिवेश आय,
- रेल तथा सड़क परिसंपत्तियों का विक्रय एवं
- निजी क्षेत्र के लिए ब्याज दरों में वृद्धि किए बिना बाजार से संसाधन जुटाने की सरकार की क्षमता।
- रोजगार: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटन में वृद्धि एवं शहरी बेरोजगारी का समाधान करने हेतु इसी प्रकार की योजना प्रारंभ करना।
- यद्यपि, सरकार ने विगत वर्ष की तुलना में मनरेगा के लिए आवंटन में 25% की कमी की है।
- आयात में कमी: यदि प्रस्तावित सार्वजनिक निवेश का एक बड़ा हिस्सा आयात के रूप में “रिसाव” हो जाता है, तो औद्योगिक उत्पादन को वांछित अभिवर्धन प्राप्त नहीं हो सकता है।
खेलो इंडिया योजना | 2022-23 के बजट में खेलो इंडिया योजना आवंटन में 48 प्रतिशत की वृद्धि
केंद्रीय बजट 2022-23: निष्कर्ष
- पूंजी निवेश पूर्ण रूप से समर्पित निधि के बिना, प्रस्तावित सार्वजनिक निवेश को निधि प्रदान करने के महत्वाकांक्षी प्रयास की सफलता संदिग्ध बनी हुई है।
केंद्रीय बजट 2022-23 | केंद्रीय बजट के मुख्य आकर्षण | भाग ए
केंद्रीय बजट 2022-23 | केंद्रीय बजट 2022-23 प्रमुख आकर्षण | भाग बी



TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
