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सोलर रूफटॉप प्लांट: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक संरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
सोलर रूफटॉप प्लांट: संदर्भ
- हाल ही में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने रूफटॉप सोलर प्लांट के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया है एवं रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के अंतर्गत परिवारों को स्वयं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता के माध्यम से रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने की अनुमति प्रदान की है।
सोलर रूफटॉप प्लांट: प्रमुख बिंदु
- पूर्व में, आवासीय उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के अंतर्गत सब्सिडी एवं अन्य लाभों को प्राप्त करने के लिए केवल सूचीबद्ध विक्रेताओं से रूफटॉप सोलर प्लांट लेना पड़ता था।
- नवीन सरलीकृत प्रक्रिया के अनुसार, लाभार्थी से आवेदनों के पंजीकरण, उसकी स्वीकृति एवं प्रगति पर नज़र रखने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा।
- जो घरेलू लाभार्थी नए तंत्र के अंतर्गत रूफटॉप सोलर (आरटीएस) संयंत्र स्थापित करने के इच्छुक हैं, वे राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करेंगे।
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सोलर रूफटॉप सिस्टम क्या है?
- सोलर रूफटॉप सिस्टम में किसी भी आवासीय , वाणिज्यिक, संस्थागत एवं औद्योगिक भवन की छत पर सोलर पैनल स्थापित किए जाते हैं।
- यह दो प्रकार का हो सकता है
- बैटरी का उपयोग करते हुए भंडारण सुविधा के साथ सोलर रूफटॉप सिस्टम, एवं
- ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप सिस्टम।
भंडारण सुविधा युक्त सोलर रूफटॉप सिस्टम क्या है?
- इस तरह के रूफटॉप सिस्टम में भंडारण सुविधा के रूप में बैटरी प्रयुक्त होती है। सौर विद्युत को बैटरी में संग्रहित किया जाता है एवं इसका उपयोग रात में भी किया जा सकता है जब सूर्य की ऊर्जा उपलब्ध नहीं होती है।
ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप सिस्टम क्या है?
- ग्रिड से जुड़े रूफटॉप या छोटे एसपीवी प्रणाली में, एसपीवी पैनल से उत्पन्न डीसी ऊर्जा को ऊर्जा अनुकूलन एकक (पावर कंडीशनिंग यूनिट) का उपयोग करके एसी ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है एवं संस्थान/वाणिज्यिक प्रतिष्ठान या आवासीय परिसर में स्थापित सिस्टम की क्षमता के आधार पर ग्रिड को प्रदान किया जाता है।
- ये प्रणालियाँ दिन के समय ऊर्जा उत्पन्न करती हैं जिसका उपयोग पूर्ण रूप से कैप्टिव लोड को उर्जा प्रदान कर एवं ग्रिड को अतिरिक्त ऊर्जा की आपूर्ति कर किया जाता है, जब तक कि ग्रिड उपलब्ध है।
- ऐसे मामलों में जहां बादलों के आवरण इत्यादि के कारण सौर ऊर्जा पर्याप्त नहीं है, ग्रिड से ऊर्जा कर्षित कर कैप्टिव लोड को प्रदान की जाती है।
ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप प्रोग्राम के बारे में
- यह योजना वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर (आरटीएस) परियोजनाओं से 40,000 मेगावाट की संचयी क्षमता प्राप्त करने हेतु प्रारंभ की गई थी।
ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफटॉप कार्यक्रम: विशेषताएं
घटक ए: आवासीय क्षेत्र के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) – 4 गीगावॉट
- 3 किलोवाट ऊर्जा तक की क्षमता के लिए सीएफए 40% की दर पर (CFA @ 40%)
- 3 किलोवाट ऊर्जा से अधिक एवं 10 किलोवाट ऊर्जा तक की क्षमता के लिए सीएफए 20% की दर पर (CFA @ 20%)
- जीएचएस/आरडब्ल्यूए क्षमता के लिए 500 किलोवाट ऊर्जा तक (प्रति आवास 10 किलोवाट ऊर्जा तक सीमित एवं कुल 500 किलोवाट ऊर्जा तक)
घटक बी: डिस्कॉम्स को प्रोत्साहन – आरंभिक 18 गीगा वाट क्षमता के लिए
आधार रेखा से ऊपर की प्राप्तियों के लिए डिस्कॉम्स हेतु प्रगामी प्रोत्साहन ( विगत वित्तीय वर्ष के अंत में स्थापित संचयी आरटीएस क्षमता)।
- 10% तक क्षमता वृद्धि के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं
- 10% से अधिक तथा 15% तक परिवर्धन के लिए 5% प्रोत्साहन
- 15% से अधिक परिवर्धन के लिए 10% प्रोत्साहन




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