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तमिलनाडु वन्नियार कोटा- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, उद्विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान एवं आधारिक संरचना।
समाचारों में तमिलनाडु वन्नियार कोटा
- हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने वन्नियारों को 10.5 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विगत वर्ष तमिलनाडु में लाए गए कानून को रद्द करने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
सर्वोच्च न्यायालय का अवलोकन
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह पूर्ण रूप से वन्नियार समुदाय के सापेक्ष पिछड़ेपन को दिखाने के लिए पर्याप्त डेटा के बिना संख्याओं के आधार पर किया गया था।
- न्यायालय ने यह निर्णय लिया कि यद्यपि विधान निर्मित करने की राज्य की शक्ति पर कोई बंधन नहीं है, एवं जाति इस तरह के आंतरिक आरक्षण का आधार हो सकती है, यह एकमात्र आधार नहीं हो सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि कानून वन्नियार को एमबीसी के मध्य दूसरों की तुलना में एक अलग समूह के रूप में मानने के लिए कोई ठोस आधार प्रदान नहीं करता है।
- इस प्रकार, वन्नियार समुदाय को आरक्षण प्रदान करने वाला 2021 का अधिनियम, संविधान के अधिकारातीत है।
तमिलनाडु वन्नियार कोटा के बारे में प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: वन्नियाकुला क्षत्रिय को 5% आरक्षण उनकी आबादी के अनुरूप प्रदान किया गया था, जैसा कि 1983 में तमिलनाडु द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में बताया गया था।
- टीएन वन्नियार कोटा कानून के बारे में: टीएन वन्नियार कोटा कानून सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग (मोस्ट बैकवर्ड क्लासेस/एमबीसी) समुदाय के वन्नियारों को सरकारी नौकरियों तथा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में 10.5% आरक्षण प्रदान करता है।
- मद्रास उच्च न्यायालय का निर्णय: मद्रास उच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि तत्कालीन तमिलनाडु सरकार द्वारा लाया गया कानून वन्नियारों की सामाजिक-शैक्षिक स्थिति पर मात्रात्मक डेटा के बिना था।
आरक्षण के लिए वन्नियार आंदोलन- अब तक की कहानी
- वन्नियार के बारे में: वे तमिलनाडु में सबसे बड़े एवं सर्वाधिक पिछड़े समुदायों में से एक हैं।
- कोटा के लिए संघर्ष: उन्होंने 1980 के दशक के मध्य में राज्य में 20% आरक्षण तथा केंद्रीय सेवाओं में 2% की मांग को लेकर व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।
- ओबीसी आरक्षण नीति 1989: वन्नियारों को 107 अन्य समुदायों के साथ 20% आरक्षण के साथ एमबीसी के मध्य वर्गीकृत किया गया था।
- इसने उनकी मांगों को आंशिक रूप से पूर्ण किया क्योंकि वे आरक्षण कोटे में अधिक हिस्सा चाहते थे।
- वन्नियार कोटा कानून: तमिलनाडु राज्य सरकार ने एक विधेयक पारित किया, जिसमें 20% सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) कोटे के भीतर वन्नियारों के लिए 10.5% आरक्षण सुनिश्चित किया गया।
- सर्वोच्च न्यायालय ने वन्नियार कोटा कानून को निरस्त किया: हाल के निर्णय में, सर्वोच्च न्यायालय ने एमबीसी श्रेणी के भीतर वन्नियारों को विशेष, जाति-आधारित आरक्षण देने वाले कानून को निरस्त कर दिया था।




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