Home   »   Pandit Deendayal Upadhyaya   »   Pandit Deendayal Upadhyaya

पंडित दीनदयाल उपाध्याय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय_3.1

 पंडित दीनदयाल उपाध्याय- प्रसंग

  • हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

राजा राममोहन राय- भारतीय समाज सुधारक

पंडित दीनदयाल उपाध्याय- प्रमुख बिंदु

  • जन्म: पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 1916 में मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम भगवती प्रसाद था, जो पेशे से एक ज्योतिषी थे एवं उनकी माता रामप्यारी एक धार्मिक महिला थीं।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बारे में: पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक भारतीय राजनीतिज्ञ  तथा भारतीय जनसंघ के सर्वाधिक महत्वपूर्ण नेता थे।
    • वह वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्रदूत भी थे।
  • शिक्षा: पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने अपनी इंटर की शिक्षा बिरला कॉलेज, पिलानी से पूर्ण की थी एवं, 1939 में सनातन धर्म कॉलेज, कानपुर में कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
  • वह अपने सहपाठी बालूजी महाशब्दे के माध्यम से इस महाविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संपर्क में आए।
  • पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्रारंभ की, किंतु इसे  पूर्ण नहीं किया।

 

पंडित दीनदयाल उपाध्याय- प्रमुख दर्शन

  • एकात्म मानववाद: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने इसे “एक वर्गहीन, जातिविहीन तथा संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था” के रूप में परिभाषित किया है।
  • एकात्म मानववाद की अवधारणा राष्ट्र के सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक ताने-बाने के साथ स्वदेशी “भारतीय संस्कृति” के एकीकरण की बात करती है।
  • एकात्म मानववाद का दर्शन मानव कल्याण के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
  • यह कल्पना करता है कि भौतिकवाद, अध्यात्मवाद  एवं सजग अभिलाषा के संश्लेषण के माध्यम से प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है।
  • भारत का विचार: पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीतिक विचार को स्वतंत्र बनाना चाहते थे क्योंकि उन्हें प्रतीत हुआ कि पश्चिमी सिद्धांतों से भारतीय प्रज्ञा का दम घुट रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना ​​था कि भारतीय प्रज्ञा के पश्चिमी बौद्धिक उपनिवेशीकरण ने मूल भारतीय के विकास तथा विस्तार में एक मार्ग अवरोध उत्पन्न कर दिया है।
  • उन्होंने आधुनिक तकनीक का स्वागत किया, यदि इसे भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप अनुकूलित किया जाना है।
  • राजनीति: पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारत के लिए एक विकेन्द्रीकृत राजनीति एवं आधार के रूप में एक गाँव के आधार के साथ आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की कल्पना की।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजनीति में जातिगत ध्रुवीकरण तथा पहचान आधारित मतदान के खिलाफ थे।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय चाहते थे कि लोग अपने मताधिकार का प्रयोग “विवेकसम्मत एवं बुद्धिमान तरीके से” करते हुए अपना कर्तव्य करें।
  • लोगों का कल्याण: पंडित दीनदयाल उपाध्याय वामपंथी-दक्षिणपंथी विभाजन के खिलाफ थे। उनका मानना ​​​​था कि यह एक रचनात्मक, परिवर्तनकारी जन-समर्थक विचारधारा के विकास के लिए हानिकारक है।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दृढ़ विश्वास था कि राजनीति को जनता द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए, न कि धनी व्यक्तियों द्वारा।
  • वे नव उदारवाद के पक्षधर नहीं थे। उनका मानना ​​था कि यह लोकतंत्र को चुनौती दे सकता है।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने इस बात पर बल दिया कि व्यावसायिक हितों के लिए लोगों के कल्याण से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने विश्व अथवा राष्ट्र पर शासन करने वाली एक ही मेटा-कथा के विरुद्ध आर्थिक  एवं सामाजिक दर्शन में विविधता की वकालत की।

लाला लाजपत राय | पंजाब केसरी लाला लाजपत राय

पंडित दीनदयाल उपाध्याय- प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ

  • उन्होंने 1940 के दशक में लखनऊ से राष्ट्र धर्म की शुरुआत की थी। यह हिंदुत्व राष्ट्रवाद की विचारधारा को प्रसारित करने हेतु था।
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने साप्ताहिक “पांचजन्य” और फिर दैनिक “स्वदेश” भी प्रारंभ किया।
  • अन्य महत्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएं:
    • सम्राट चंद्रगुप्त (1946)
    • जगतगुरु शंकराचार्य (1947)
    • अखंड भारत क्यों? (1952)
    • भारतीय अर्थनीति: विकास की दिशा (1958)
    • दो योजनाएं: वादे, प्रदर्शन, संभावनाएं (1958)
    • राष्ट्र जीवन की समयायें (1960)
    • अवमूल्यन: एक महान पतन (1966)
    • राजनीतिक डायरी (1968)
    • राष्ट्र चिंतन
    • एकात्म मानवतावाद
    • राष्ट्र जीवन की दिशा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय_4.1

पंडित दीनदयाल उपाध्याय-पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर विभिन्न योजनाएं

  • दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई)
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई)
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम।
  • दीनदयाल उपाध्याय स्वनियोजन योजना (डीयूएसवाई)।
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना।

 

पिट्स इंडिया एक्ट 1784 स्वतंत्रता से पूर्व भारत में समितियों एवं आयोगों की सूची 1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट मोपला विद्रोह
श्री नारायण गुरु 19वीं शताब्दी के दौरान सामाजिक-धार्मिक आंदोलनों की सूची 1813 का चार्टर अधिनियम 1833 का चार्टर अधिनियम या सेंट हेलेना अधिनियम 1833
जलियांवाला बाग हत्याकांड जयप्रकाश नारायण डॉ. राम मनोहर लोहिया
असहयोग आंदोलन

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *