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प्रासंगिकता
- जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रसंग
- हाल ही में, एक आधिकारिक आंकड़ों से ज्ञात हुआ है कि एक सार्वजनिक कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण देश में परीक्षण किए गए 13 लाख से अधिक पेयजल नमूनों में से 1 लाख से अधिक दूषित पाए गए हैं।

जल संदूषक
- पृथ्वी की परत में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रसायन एवं खनिज, जैसे आर्सेनिक, फ्लोराइड, लोहा एवं यूरेनियम।
- स्थानीय भूमि उपयोग पद्धतियां जैसे उर्वरक, कीटनाशक, पशुधन एवं सांद्रित आहार क्रियाएं।
- पीने के पानी के स्रोतों के समीप भारी धातुओं या साइनाइड जैसी निर्माण प्रक्रियाओं से भी संदूषण हो सकता है।
- जल संदूषण में यथा-स्थाने अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली जैसे सेप्टिक प्रणाली एवं द्विक गड्ढा (ट्विन पिट) शौचालय भी शामिल हैं; पेयजल स्रोत या वितरण लाइन में अपशिष्ट जल के सम्मिश्रित होने के माध्यम से सूक्ष्मजैविक (माइक्रोबियल) संदूषण।
- पेयजल, जिसका उचित प्रकार से उपचार नहीं किया जाता है अथवा जो अपर्याप्त तरीके से रखरखाव की गई वितरण प्रणाली, पाइप के माध्यम से यात्रा करता है, भी ऐसी स्थिति उत्पन्न कर सकता है जो संदूषण के जोखिम को बढ़ा सकता है।
वर्षा जल संचयन: जल के अभाव का प्रत्युत्तर
जल परीक्षण के बारे में
- जल जीवन मिशन के अंतर्गत पहल प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।
- सरकार ने स्थल परीक्षण किट (एफटीके) का उपयोग करके जल की गुणवत्ता की निगरानी प्रारंभ की है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक गांव की पांच महिलाओं को अपने गांव में इन गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए इन किटों का उपयोग करके जल की गुणवत्ता निगरानी में प्रशिक्षित किया जाता है।
जल क्षेत्र में भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियां
जल परीक्षण दिशानिर्देश
- कुछ माह पूर्व, जल शक्ति मंत्रालय ने पेयजल की गुणवत्ता के परीक्षण, अनुश्रवण एवं निगरानी के साथ-साथ एक जल गुणवत्ता सूचना प्रबंधन प्रणाली (डब्ल्यूक्यूएमआईएस), एक ऑनलाइन पोर्टल जो प्रयोगशालाओं पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराता है, हेतु एक रूपरेखा एवं दिशा निर्देश आरंभ किया था।
- दिशानिर्देशों के अंतर्गत निर्धारित बुनियादी जल गुणवत्ता मानदंड पीएच मान, कुल घुलित ठोस, मटमैलापन, क्लोराइड, कुल क्षारीयता, कुल कठोरता, सल्फेट, लोहा, कुल आर्सेनिक, फ्लोराइड, नाइट्रेट, कुल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया, ई.कोली या ताप- सहिष्णु (थर्मो-टॉलरेंट) कोलीफॉर्म बैक्टीरिया हैं।


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