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विकलांगता क्षेत्र में भारत का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग- एक सिंहावलोकन

विकलांगता क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • विकलांगता एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यूपीएससी परीक्षा के लिए विकलांगता क्षेत्र में भारत का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्न पत्र के पाठ्यक्रम के समाज भाग के अंतर्गत आएगा एवं  सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्न पत्र के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ-साथ आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत आएगा।

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समाचारों में भारत में विकलांगता क्षेत्र     

  • आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM) मनाने के अवसर पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने विगत 8 वर्षों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
    • इस अवसर पर हम विकलांगता के क्षेत्र में भारत के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर प्रकाश डालने जा रहे हैं।

 

विकलांगता क्षेत्र में भारत का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

  • यूएनसीआरपीडी पर हस्ताक्षरकर्ता: भारत ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटीज/यूएनसीआरपीडी) पर हस्ताक्षर किए हैं तथा बाद में 1 अक्टूबर, 2007 को इसकी अभिपुष्टि की है।
  • इंचियोन रणनीति का हिस्सा: भारत 2012 से एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों के लिए इंचियोन रणनीति “उचित वास्तविक निर्मित करने हेतु” (टू मेक द राइट रियल) में एक पक्षकार है।
  • 2020 पैरालंपिक में भागीदारी: पैरालंपिक 2022 में कई विकलांग व्यक्तियों की भागीदारी को सरकार द्वारा सुगम बनाया गया था।
    • टोक्यो में आयोजित 2020 पैरालंपिक में प्रतिभागियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा सम्मानित किया गया था।

 

विकलांगता क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग

  • विकलांगता क्षेत्र में भारत ऑस्ट्रेलिया सहयोग: भारत ने 2018 में विकलांगता क्षेत्र में सहयोग के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
    • समुदाय आधारित समावेशी विकास (कम्युनिटी बेस्ड इंक्लूसिव डेवलपमेंट/सीबीआईडी) परियोजना मेलबर्न विश्वविद्यालय के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है जो उक्त समझौता ज्ञापन में उल्लिखित सहयोग के क्षेत्र के अनुरूप है।
  • विकलांगता क्षेत्र में भारत चिली सहयोग: 2022 में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विभाग के प्रस्ताव को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की है कि वह विकलांगता क्षेत्र में सहयोग के लिए चिली सरकार के साथ द्विपक्षीय समझौता करे।
  • भारत-दक्षिण अफ्रीका सहयोग: विकलांगता क्षेत्र में सहयोग के लिए दक्षिण अफ्रीका सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

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विकलांगता क्षेत्र में संस्थागत आधारभूत संरचना

  • दो नए राष्ट्रीय संस्थान- 2015 में स्थापित भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र ( इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर/ISLRTC) तथा 2019 में स्थापित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ रिहैबिलिटेशन/NIMHR)।
    • आईएसएलआरटीसी ने आईएसएल शब्दकोश (डिक्शनरी) का विकास किया। 2021 में कुल 10000 शब्दों के साथ डिक्शनरी का तीसरा संस्करण विमोचित किया गया।
    • ISLRTC ने कक्षा I से XII की पाठ्य पुस्तकों को ISL (डिजिटल प्रारूप) में बदलने के लिए 2020 में एनसीईआरटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
    • कक्षा I-V की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की ISL ई-सामग्री 23 सितंबर, 2021 को विमोचित की गई।
    • संबंधित एनआई के आउटरीच/विस्तार केंद्रों के रूप में 13 नए समग्र क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किए गए।
  • राष्ट्रीय संस्थानों के लिए वित्तपोषण: विकलांगों को निर्बाध रूप से सेवा वितरण की सुविधा के लिए 258.82 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय संस्थानों एवं उनके क्षेत्रीय तथा समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (कंपोजिट रीजनल सेंटर्स/सीआरसी) के विभिन्न भवनों का निर्माण किया गया।
  • विकलांग खेल केंद्र: यह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्वालियर में स्थापित किया गया है, जिसके 2022 में चालू होने की संभावना है। ऐसा ही एक अन्य केंद्र शिलांग में प्रस्तावित है।
  • जागरूकता सृजन: सीसीपीडी के विभाग तथा कार्यालय ने संयुक्त रूप से केवड़िया, गुजरात में 4 से 5 मार्च, 2022 को दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया।
    • इसका उद्देश्य आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016, विभिन्न पहलों तथा भारत सरकार की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना है ताकि विकलांग व्यक्तियों एवं उसमें राज्यों की भूमिकाओं  तथा जिम्मेदारियों को  सम्मिलित किया जा सके।

 

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