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वैश्विक पवन रिपोर्ट 2022: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
ग्लोबल विंड रिपोर्ट 2022: संदर्भ
- हाल ही में, विश्व पवन ऊर्जा परिषद (ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल/GWEC) ने 2022 के लिए ग्लोबल विंड रिपोर्ट का विमोचन किया है, जिसमें इसने अपनी कुछ प्रमुख अंतर्दृष्टि, उद्योग चुनौतियों के साथ-साथ विश्व स्तर पर पवन ऊर्जा के लिए एक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला है।
वैश्विक पवन रिपोर्ट 2022: प्रमुख बिंदु
- वैश्विक पवन उद्योग का 2021 में दूसरा सर्वाधिक उत्तम वर्ष था, वैश्विक स्तर पर लगभग 94 गीगा वाट क्षमता को जोड़ा गया, जो 2020 की रिकॉर्ड वृद्धि से मात्र 1.8% पीछे है।
- यूरोप, लैटिन अमेरिका तथा अफ्रीका एवं मध्य पूर्व में नए तटवर्ती प्रतिष्ठानों के लिए रिकॉर्ड वर्ष थे, किंतु 2021 में कुल तटवर्ती पवन प्रतिष्ठान अभी भी विगत वर्ष की तुलना में 18% कम था।
- गिरावट मुख्य रूप से विश्व के दो सर्वाधिक वृहद पवन ऊर्जा बाजारों, चीन तथा अमेरिका में तटवर्ती पवन विकास की धीमी गति से प्रेरित थी।
- 21.1 गीगा वाट अपतटीय पवन क्षमता को विगत वर्ष चालू किया गया था, जो 2020 की तुलना में तीन गुना अधिक है, जिससे 2021 अपतटीय पवन इतिहास में सबसे अच्छा वर्ष बन गया है।
- चीन ने 2021 में संपूर्ण विश्व में 80% अपतटीय पवन क्षमता को जोड़ा, जिससे इसकी संचयी अपतटीय पवन स्थापना 27.7 गीगावाट हो गई।
- यह वृद्धि आश्चर्यजनक है क्योंकि यूरोप को अपनी कुल अपतटीय पवन क्षमता को समान स्तर पर लाने में तीन दशक लग गए।
- कुल वैश्विक पवन ऊर्जा क्षमता अब 837 गीगावाट तक है, जिससे विश्व को प्रतिवर्ष 1.2 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड से बचने में सहायता प्राप्त होती है – जो दक्षिण अमेरिका के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के समतुल्य है।
- एक वर्ष के पश्चात, जिसमें निवल शून्य प्रतिबद्धताओं ने वैश्विक गति प्राप्त की, ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए नए सिरे से तात्कालिकता के साथ, वैश्विक पवन उद्योग के लिए बाजार का दृष्टिकोण और भी सकारात्मक प्रदर्शित करता है।
- मौजूदा नीतियों के तहत आगामी पांच वर्षों में 557 गीगावॉट नई क्षमता जोड़े जाने की संभावना है। अर्थात 2026 तक प्रत्येक वर्ष 110 गीगावॉट से अधिक नए संस्थापना (इंस्टॉलेशन)।
- यद्यपि, इस विकास को दशक के अंत तक चार गुना करने की आवश्यकता है यदि विश्व को 1.5 सेंटीग्रेड पाथवे एवं 2050 तक निवल शून्य (नेट जीरो) के लिए ऑन-कोर्स रहना है।
ग्लोबल विंड रिपोर्ट इंडिया
- रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत ने अपनी पवन ऊर्जा क्षमता में 30% (2020 की तुलना में) की वृद्धि की है एवं 2021 में 1.45 गीगावॉट पवन ऊर्जा को जोड़ा है।
- रिपोर्ट भारत को टरबाइन घटक निर्माण एवं निर्यात के लिए एशिया में प्रमुख आगामी केंद्र के रूप में स्वीकार करती है।
- रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि भारत के 140 गीगावॉट स्थापित पवन क्षमता के 2030 लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु, नीति निर्माताओं को विशाल, अप्रयुक्त तटवर्ती एवं अपतटीय पवन संसाधनों की जांच करनी चाहिए।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत उपयुक्त पुनर्शक्ति नीति उपायों के माध्यम से पुराने किलो वाट-रेटेड पवन टरबाइनों को पुन: शक्ति प्रदान करके पर्याप्त पवन क्षमता जोड़ सकता है।