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गेमिंग विकार- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जी एस पेपर 2: सामाजिक क्षेत्र/स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे
गेमिंग विकार- प्रसंग
- हाल ही में एक 15 वर्ष के बच्चे के माता-पिता उसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज ले गए।
- वे अपने किशोरवय में अचानक हुए व्यवहार में परिवर्तन के बारे में चिंतित थे, जब उसे बिंग (binge) ऑनलाइन खेल की आदत पड़ गई, वह दिन में 7-8 घंटे से अधिक समय, ऑनलाइन गेम खेलने में व्यतीत करता था।
- निदान: उनके बेटे के गेमिंग की लत का पता चला, एक ऐसा विकार जो तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि महामारी ने इंटरनेट उपकरणों के बढ़ते उपयोग को बढ़ावा दिया है।

गेमिंग विकार- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: 2018 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गेमिंग डिसऑर्डर को मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया एवं इसे रोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्गीकरण- 11 (आईसीडी-11) में शामिल किया।
- स्थिति और भी बदतर हो गई है क्योंकि महामारी ने सभी आयु समूहों में स्क्रीन समय में वृद्धि कर दी है।
- परिभाषा: डब्ल्यूएचओ वर्गीकरण के अनुसार, गेमिंग डिसऑर्डर, गेमिंग व्यवहार (डिजिटल-गेमिंग या वीडियो-गेमिंग) का एक प्रतिरूप (पैटर्न) है, जो गेमिंग पर दोषपूर्ण नियंत्रण के द्वारा चरित्रांकित किया जाता है, अन्य क्रियाकलापों की तुलना में गेम खेलने की प्राथमिकता इस सीमा तक बढ़ जाती है कि यह दैनिक दिनचर्या से अधिक वरीयता ग्रहण कर लेता है ।
- डब्ल्यूएचओ का निदान प्रोटोकॉल: गेमिंग विकार का निदान करने के लिए, व्यवहार प्रतिरूप इतनी गंभीरता की सीमा तक होना चाहिए कि व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक एवं व्यावसायिक में महत्वपूर्ण हानि/ दोष उत्पन्न हो।
- अवलोकन अवधि कम से कम 12 महीने होनी चाहिए।
गेमिंग डिसऑर्डर- लत के कारण
- ऑनलाइन वीडियो गेम की बढ़ती लोकप्रियता: विशेष रूप से स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग, किफायती डेटा पैकेज एवं विशेष रूप से फ्री-टू-प्ले ऑनलाइन गेम के संदर्भ में।
- पहले से मौजूद मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को और गहन करता है: वीडियो गेम लंबे कार्यदिवस के अंत में या अवसाद हेतु एकमात्र किफायती निर्मोचन (रिलीज) के रूप में कार्य करते हैं। अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे व्यग्रता (चिंता), भी एक भूमिका निभा सकती हैं।
- एक व्यक्ति का परिवेश भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है: कभी-कभी ऐसी स्थिति में जब किसी व्यक्ति को किसी ऐसे स्थान पर जाना पड़ता है जहां उसके मित्र, परिवार या पिछले शौक नहीं होते हैं, तो खेल जल्दी ही एकमात्र चीज बन जाएगा जो उसे प्रसन्नता प्रदान करता है।
गेमिंग विकार- संबद्ध प्रभाव
- सामाजिक संबंधों को प्रभावित करता है: गेमिंग की लत में लिप्त व्यक्तियों के परिणामस्वरूप व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक या व्यावसायिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण दोष/हानि उत्पन्न हो सकती है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: गेमिंग विकार नींद के प्रतिरूप में गड़बड़ी, आहार संबंधी समस्याएं एवं शारीरिक क्रियाकलापों में कमी की ओर अग्रसर कर सकता है।
- आर्थिक प्रभाव: वे अत्यधिक समय लेने वाले भी हो सकते हैं, जिससे आसक्त गेमर्स को अपनी शिक्षा अथवा करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कम समय प्राप्त होता है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी)


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