Home   »   How to prepare for UPSC CSE...   »   भारत से होने वाले चाय के...

भारत से होने वाले चाय के निर्यात में गिरावट

प्रासंगिकता

जीएस 3: देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख फसल-फसल प्रतिरूप।

 

प्रसंग

भारत से चाय निर्यात में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 2021 के प्रथम सात माह में लगभग 14.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है

भारत से होने वाले चाय के निर्यात में गिरावट_3.1

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

मुख्य बिंदु

चाय बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 की जनवरी से जुलाई के दौरान चाय का कुल निर्यात 100.78 मिलियन किलोग्राम था, जबकि 2020 की समान अवधि में यह 117.56 मिलियन किलोग्राम था।

सीआईएस (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल) समूह 24.14 मिलियन किलोग्राम चाय के आयात के साथ सर्वाधिक वृहद आयातक रहा, जो विगत समान अवधि में 30.53 मिलियन किलोग्राम था।

एकमात्र अपवाद संयुक्त राज्य अमेरिका (यू.एस.) एवं संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) हैं जहां निर्यात ने 2021 की इस अवधि में वृद्धि दर्ज की है।

भारत का कृषि निर्यात- कृषि निर्यात करंड में परिवर्तन

कारण:

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध: अमेरिकी प्रतिबंधों  के कारण ईरान को किए जाने वाले आयात में कमी आई है, जो कभी भारतीय चाय का बड़ा खरीदार था।

शिपिंग कंटेनर: गिरावट के  सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारणों में से एक शिपिंग कंटेनरों की अनुपलब्धता है जो  कोविड-19  के समय में अत्यधिक महंगे हो गए हैं।

कम लागत वाली किस्में: वैश्विक बाजार में कम लागत वाली किस्में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं एवं पारंपरिक रूप से मजबूत आयातक देशों में व्यापार प्रतिबंधों के कारण, भारत से चाय के निर्यात में इस वर्ष गिरावट देखी गई है।

अन्य चाय की कम कीमत: केन्याई एवं श्रीलंकाई चाय की अत्यंत कम कीमतों के कारण भारतीय निर्यात को हाल ही में हानि हुई है।

घरेलू खपत: टी बोर्ड द्वारा प्रकाशित 2018 ‘चाय की घरेलू खपत पर अध्ययन के विशेष सारांश’ के अनुसार, भारत में उत्पादित लगभग 80% चाय घरेलू खपत हेतु विक्रय की जाती है।

पाकिस्तान को निर्यात रोकना: पाकिस्तान भारत के लिए एक पारंपरिक निर्यात गंतव्य रहा है। यद्यपि, दोनों देशों के मध्य  तनाव में वृद्धि होने के पश्चात विगत तीन वर्षों से पाकिस्तान को निर्यात बंद हो गया है।

महामारी के बाद सुधार: कोरोना वायरस से प्रेरित आर्थिक सुधार के परिणामस्वरूप अनेक वस्तुओं का उत्पादन कम हो गया है एवं भारतीय अर्थव्यवस्था का असंतुलन तंत्र बन गया है। इसने आपूर्ति-पक्ष की बाधाओं  की ओर अग्रसर किया है एवं इस प्रकार उत्पादन कम हो गया है।

कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *