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ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन- थुंडी बीच एवं कदमत बीच, भारत में ब्लू बीच की सूची में शामिल: यूपीएससी परीक्षा के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
ब्लू फ्लैग प्रमाणन: ब्लू बीच प्रमाण पत्र समुद्र तटों की स्वच्छता एवं धारणीयता को मान्यता है। भारत में नीले समुद्र तटों की सूची यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (पर्यावरण) एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण) के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत में ब्लू बीच की सूची
- हाल ही में, प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने, विशेष रूप से लक्षद्वीप के लोगों को मिनिकॉय, थुंडी बीच एवं कदमत बीच को ब्लू बीच की प्रतिष्ठित सूची में स्थान सुरक्षित करने के लिए शुभकामनाएं दी है।
- यह ब्लू फ्लैग प्रमाणन के तहत प्रमाणित समुद्र तटों की संख्या को बारह (12) तक ले जाता है।
- उन्होंने भारत की उल्लेखनीय तट रेखा पर भी प्रकाश डाला एवं तटीय स्वच्छता को आगे बढ़ाने के लिए भारतीयों के उत्साह की सराहना की।
भारत में ब्लू बीच की सूची
| राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | ब्लू बीच |
| गुजरात | शिवराजपुर |
| कर्नाटक | कासरकोड एवं पदुबिद्री |
| केरल | कप्पड |
| आंध्र प्रदेश | रुशिकोंदा |
| ओडिशा | गोल्डन बीच |
| तमिलनाडु | कोवलम |
| अंडमान एवं निकोबार | राधानगर |
| पुडुचेरी | ईडन |
| दीव | घोघला |
| लक्षद्वीप | थुंडी बीच
कदमत बीच |
थुंडी बीच एवं कदमत बीच के बारे में मुख्य बिंदु
- थुंडी बीच: यह लक्षद्वीप द्वीपसमूह में सर्वाधिक प्राचीन एवं सुरम्य समुद्र तटों में से एक है जहां सफेद रेत लैगून के फिरोजी रंग के नीले जल से आवृत है।
- यह तैराकों एवं पर्यटकों के लिए समान रूप से स्वर्ग है।
- कदमत बीच: यह विशेष रूप से क्रूज पर्यटकों के मध्य अत्यंत लोकप्रिय है जो पानी के खेल (वाटर स्पोर्ट) के लिए द्वीप पर आते हैं।
- यह मोती जैसे सफेद रेत, लैगून के नीले पानी, इसकी मध्यम जलवायु एवं मैत्रीपूर्ण स्थानीय लोगों के साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है।
- दोनों समुद्र तट पर्यावरण शिक्षा फाउंडेशन (फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन/एफईई) द्वारा अनिवार्य सभी 33 मानदंडों का अनुपालन करते हैं।
- दोनों समुद्र तटों में समुद्र तट की स्वच्छता एवं रखरखाव के लिए तथा तैराकों की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए अभिहित कर्मचारी हैं।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन क्या है?
- पृष्ठभूमि:
- 1985: फ्रांस में ब्लू फ्लैग कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ।
- 1987: इसे एफईई को प्रस्तुत किया गया तथा यह यूरोपीय ब्लू फ्लैग बन गया।
- 2001: दक्षिण अफ्रीका इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाला यूरोप के बाहर का प्रथम देश बना एवं इसके कारण इसका नाम बदल कर- इंटरनेशनल ब्लू फ्लैग हो गया।
- ब्लू फ्लैग प्रमाणन के बारे में: ब्लू फ्लैग प्रमाणन एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है जिसे फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (एफईई), डेनमार्क नामक एक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा सम्मानित किया जाता है।
- ब्लू फ्लैग मान्यता 33 मापदंडों पर विचार करने के पश्चात आईयूसीएन, यूएनडब्ल्यूटीओ, यूएनईपी एवं यूनेस्को के सदस्यों वाली जूरी द्वारा प्रदान की जाती है।
- प्रयुक्त मापदंड: प्रमाणन 33 मापदंडों पर आधारित होता है, जिसे बाद में 4 प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। वे हैं-
- पर्यावरण शिक्षा एवं सूचना
- स्नान के पानी की गुणवत्ता
- पर्यावरण प्रबंधन
- समुद्र तटों पर संरक्षण एवं सुरक्षा सेवाएं
- वैश्विक परिदृश्य: संपूर्ण विश्व में 4000 से अधिक ब्लू फ्लैग प्रमाणन वाले समुद्र तट हैं जिनमें स्पेन इस प्रमाणीकरण के साथ प्रति देश समुद्र तटों की संख्या में अग्रणी है।
- महत्व:
- स्वच्छ एवं सतत पर्यटन को प्रोत्साहित करना: ब्लू फ्लैग प्रमाणन वाले समुद्र तटों को पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचे के साथ-साथ स्वच्छ एवं स्नान हेतु स्वास्थ्यकर जल उपलब्ध कराना चाहिए।
- यह असमानता, असादृष्य, बेरोजगारी, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय खतरों, प्रदूषण के साथ-साथ सामान्य पर्यावरणीय क्षति के विरुद्ध भी पक्ष समर्थन करता है।



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