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उड़ान योजना: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
उड़ान योजना: प्रसंग
- हाल ही में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उत्तर-पूर्वी भारत की हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 6 मार्गों को हरी झंडी दिखाई है।
उड़ान योजना: मुख्य बिंदु
उड़ान के बारे में
- उड़ान या उड़े देश का आम नागरिक एक क्षेत्रीय अनुयोजकता योजना (आरसीएस) है जो वहनीयता, अनुयोजकता, वृद्धि एवं विकास सुनिश्चित करती है।
- यह सभी हितधारकों के लिए लाभ की स्थिति प्रदान करता है – नागरिकों को वहनीयता, अनुयोजकता एवं अधिक रोजगार का लाभ प्राप्त होगा।
- यह योजना 2016 में प्रारंभ की गई थी एवं यह 10 वर्ष की अवधि के लिए प्रवर्तन में रहेगी।
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उड़ान योजना: मुख्य विशेषताएं
- केंद्र सरकार आरसीएस (उड़ान) हवाई अड्डों पर कम उत्पाद शुल्क, सेवा कर एवं कोड साझा करने की नम्यता के रूप में रियायतें प्रदान करेगी।
- राज्य सरकारों को एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर जीएसटी घटाकर 1% या उससे कम करना होगा, इसके अतिरिक्त सुरक्षा एवं अग्निशमन सेवाएं निशुल्क एवं विद्युत, जल एवं अन्य उपादेयताओं को काफी रियायती दरों पर उपलब्ध कराना होगा।
- योजना के तहत व्यवहार्यता अंतर निधि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक क्षेत्रीय अनुयोजकता कोष निर्मित किया जाएगा। प्रति प्रस्थान आरसीएफ प्रशुल्क कुछ घरेलू उड़ानों पर लागू होंगे।
- भागीदार राज्य सरकारें (पूर्वोत्तर राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त जहां अंशदान 10% होगा) इस कोष में 20% का अंशदान देगी।
उड़ान 1.0
- उड़ान 0 के अंतर्गत, 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाई अड्डों के लिए 128 उड़ान मार्गों को प्रदान किया गया, जिसमें 36 नवीनतम निर्मित परिचालन योग्य हवाई अड्डे शामिल हैं।
उड़ान 2.0
- 2018 में एमओसीए में 73 अल्प- सेवारत एवं अ-सेवारत हवाई अड्डे थे।
- इस चरण के अंतर्गत प्रथम बार हेलीपैड को जोड़ा गया है।
उड़ान 3.0
- पर्यटन मार्गों को सम्मिलित करने हेतु एमओसीए ने पर्यटन मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित किया।
- जल हवाईअड्डों को जोड़ने के लिए समुद्री विमानों को शामिल करने की पहल की गई।
- योजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्रों को जोड़ने हेतु कदम उठाए गए।
उड़ान 4.0
- इस चरण के अंतर्गत कुल 78 अतिरिक्त उड़ान मार्गों को स्वीकृति प्रदान की गई।
- पूर्वोत्तर राज्यों में संपर्क बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया गया।
- लक्षद्वीप के कवरत्ती, अगत्ती एवं मिनिकॉय द्वीपों को उड़ान 0 के नए मार्गों से जोड़ा जाना था।
उड़ान 4.1
- इस चरण में छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- साथ ही सागरमाला समुद्री विमान सेवा के तहत नए मार्ग प्रस्तावित किए गए।
उड़ान योजना: कृषि उड़ान
- कृषि उड़ान को नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय मार्गों पर प्रारंभ किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से उत्तर-पूर्व एवं जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों पर मूल्य प्रापण में सुधार करने में सहायता करना था।
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सामान्यत: पूछे गए प्रश्न
उड़ान योजना किस मंत्रालय के तहत है?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय
उड़ान योजना के अंतर्गत विमान का किराया कितना है?
उड़ान योजना के तहत उड़ानों की 50% सीटों के लिए, किराया सीमा 2,500 रुपये होगी, एवं शेष बाजार आधारित मूल्य निर्धारण होगा।