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सामाजिक न्याय की खोज में- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का निष्पादन।
सामाजिक न्याय की खोज में- संदर्भ
- हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने ‘इल्लम थेदी कल्वी (एजुकेशन एट द डोरस्टेप्स) योजना’ नाम से एक शैक्षिक कार्यक्रम प्रारंभ किया।
शिक्षण पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव
- प्रौद्योगिकी अंतराल: लॉकडाउन ने उपेक्षित वर्गों के बच्चों को अधिकार विहीन कर दिया क्योंकि उनके पास प्रौद्योगिकी-संचालित शैक्षणिक विधियों तक पहुंच नहीं थी, जैसा कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के पास था।
- अधिकांश व्यक्ति जो ऑनलाइन शिक्षण को सुविधाजनक एवं सुरक्षित पाते हैं, वे इस वर्गीय पूर्वाग्रह को पहचानने में असफल हो जाते हैं।
- आर्थिक असमानता: ऑनलाइन शिक्षण की महंगी प्रकृति ने बड़ी संख्या में अल्पसुविधा प्राप्त बच्चों को शिक्षा प्रणाली से बाहर कर दिया।
- संरचनात्मक विषमता को और गहन करना: लॉकडाउन ने स्कूल प्रणाली की विषम संरचना को अधिक स्पष्ट कर दिया।
- विभिन्न सरकारी प्रोत्साहनों की अनुपलब्धता: लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए निशुल्क पाठ्यपुस्तक, निशुल्क वर्दी, निशुल्क साइकिल एवं पौष्टिक मध्याह्न भोजन सहित अनेक सरकारी प्रोत्साहन अनुपलब्ध थे।
इल्लम थेदी कल्वी योजना
- ‘इल्लम थेदी कलवी‘ योजना के बारे में: तमिलनाडु सरकार ने विद्यालय जाने वाले बच्चों के मध्य शिक्षण में महामारी से प्रेरित अंतराल को पाटने हेतु ‘इलम थेदी कलवी’ योजना प्रारंभ की।
- लॉकडाउन ने उपेक्षित वर्गों के बच्चों को अधिकार विहीन कर दिया क्योंकि उनके पास प्रौद्योगिकी-संचालित शैक्षणिक विधियों तक पहुंच नहीं थी, जैसा कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों के पास था।
- मुख्य उद्देश्य: ‘इल्लम थेदी कलवी’ योजना का उद्देश्य विभिन्न प्रोत्साहन जैसे निशुल्क पाठ्य पुस्तकें, निशुल्क वर्दी एवं पौष्टिक मध्याह्न भोजन प्रदान करके सामाजिक न्याय प्राप्त करना है जो लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों के बच्चों हेतु अनुपलब्ध थे।
- क्रियान्वयनः इसे स्वयंसेवकों द्वारा सर्वप्रथम 12 जिलों में क्रियान्वित किया जाएगा। 12 जिलों के परिणाम सकारात्मक आने पर इसे अन्य जिलों में प्रारंभ किया जाएगा।
- 86,000 स्वयंसेवकों में से लगभग 68,000 महिलाएं हैं।
- यह छात्राओं की सुरक्षा के बारे में आशंकाओं को दूर करने में सहायता करेगा एवं उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- स्वयंसेवक शाम 5 बजे एवं शाम 7 बजे के बीच 60 से 90 मिनट के लिए 93,000 समीपवर्ती क्षेत्र में 5-13 आयु वर्ग के अनुमानित 05 लाख बच्चों को पढ़ाएंगे।
- 12वीं कक्षा पूरी करने वाले स्वयंसेवक कक्षा 1-5 के बच्चों को शिक्षण प्रदान करेंगे एवं स्नातक कक्षा उत्तीर्ण कर चुके स्वयंसेवक 6-8 के बच्चों को पढ़ाएंगे।
इल्लम थेदी कल्वी (शिक्षा आपके द्वार पर) योजना- प्रमुख विशेषताएं
- यह प्रशंसा योग्य है कि अनुभवी शिक्षक एवं नागरिक तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी जिला एवं प्रखंड स्तर पर छात्रों की प्रगति का अनुश्रवण करेंगे।
- विद्यालय प्रबंधन समितियों एवं सामुदायिक विकास कार्यकर्ताओं को एक ठोस भूमिका प्रदान करके, कार्यक्रम शिक्षण को एक सामाजिक जुड़ाव में परिवर्तित कर रहा है।
- जब युवा स्वयंसेवक एक अपरंपरागत वातावरण में रचनात्मक रूप से शिक्षण प्रदान करते हैं, तो बेहतर शिक्षण के परिणामों की संभावना अधिक उच्चतर होती है।
- इससे बच्चों को अपनी सामाजिक वास्तविकता की आलोचनात्मक समझ विकसित करने का अवसर भी प्राप्त होता है।
- इससे उनके आत्म-सम्मान में वृद्धि होगी एवं उन्हें उत्पीड़न तथा अन्याय के कारणों की परख करने में सहायता प्राप्त होगी।




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