Home   »   Raising Legal Age of Marriage for...   »   Raising Legal Age of Marriage for...
Top Performing

संपादकीय विश्लेषण – आयु एवं विवाह

आयु एवं विवाह- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 1: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं- महिलाओं एवं महिला संगठनों की भूमिका; सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद तथा धर्मनिरपेक्षता।
  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थाएं एवं निकाय

आयु एवं विवाह- संदर्भ

  • हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जो पुरुषों के लिए निर्धारित आयु के समान है।

UPSC Current Affairs

आयु एवं विवाह- प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि: बजट 2020 में, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सरकार मातृत्व की अवस्था में प्रवेश करने वाली बालिकाओं की आयु की जांच करने के उद्देश्य से एक कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन करेगी, जिसका उद्देश्य है-
    • अल्प मातृ मृत्यु दर,
    • साथ ही साथ पोषण स्तर में सुधार
    • महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा एवं करियर बनाने के अवसर सुनिश्चित करना।
  • जया जेटली समिति: यह पितृसत्तात्मक मानसिकता में सुधार एवं शिक्षा तक बेहतर पहुंच के लिए एक सशक्त अभियान प्रारंभ करने के साथ-साथ विवाह हेतु निर्धारित न्यूनतम आयु में वृद्धि करने की सिफारिश करती है।

आयु एवं विवाह- संबद्ध चिंताएं

  • कानूनों का अपर्याप्त क्रियान्वयन: राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-2021) के अनुसार, 20-24 वर्ष की आयु की 3% महिलाओं का विवाह 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पूर्व हुआ है।
    • इससे पता चलता है कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 बाल विवाह को रोकने में पूर्ण रूप से, विशेष रूप से निर्धनों के मध्य सफल नहीं रहा है।
  • कानून का दुरुपयोग: महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने पाया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 का प्रायः माता-पिता द्वारा अपनी पुत्रियों को दंडित करने हेतु दुरुपयोग किया जाता था, जो उनकी इच्छा के विरुद्ध विवाह करती हैं या जबरन विवाह, घरेलू शोषण एवं शिक्षा सुविधाओं की कमी से बचने के लिए भाग जाती हैं।
  • समाज की पितृसत्तात्मक प्रकृति: यह आशंका है कि आयु सीमा में परिवर्तन से महिलाओं के लिए विवाह की आयु में वृद्धि होने के स्थान पर युवा वयस्कों पर माता-पिता का अधिकार बढ़ जाएगा।

आयु एवं विवाह- आगे की राह

  • महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना: सरकार को बालिकाओं को अल्पायु में गर्भधारण के बारे में परामर्श देने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए एवं उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए उन्हें नेटवर्क प्रदान करना चाहिए।
  • जागरूकता उत्पन्न करना: महिलाओं के यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा अधिकारों के बारे में सामाजिक जागरूकता   सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए एवं यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बालिकाओं को विद्यालय अथवा महाविद्यालय को छोड़ने हेतु बाध्य न किया जाए। सामाजिक सुधार की राह में कानून शार्टकट नहीं हो सकते।

UPSC Current Affairs

आयु एवं विवाह- निष्कर्ष

  • व्यापक सामाजिक समर्थन के बिना बल प्रयोग से कानून प्रायः तब भी विफल हो जाते हैं, जब उनके उद्देश्यों एवं कारणों की अभिव्यक्ति व्यापक सार्वजनिक कल्याण के निमित्त होती है। सामाजिक सुधार की राह में कानून शार्टकट नहीं हो सकते।

 

Sharing is caring!

संपादकीय विश्लेषण - आयु एवं विवाह_3.1